नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने हेतु झांकियों के चयन के लिए एक सुव्यवस्थित प्रणाली अमल में लाई जाती है, जिसके अनुसार ही रक्षा मंत्रालय सभी राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों और केन्द्रीय मंत्रालयों/विभागों से झांकियों के लिए प्रस्ताव आमंत्रित करता है।
विभिन्न राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों और केन्द्रीय मंत्रालयों/विभागों से प्राप्त झांकी संबंधी प्रस्तावों का आकलन उस विशेषज्ञ समिति की अनेक बैठकों में किया जाता है, जिसमें कला, संस्कृति, पेंटिंग, मूर्तिकला, संगीत, वास्तुकला, नृत्यकला इत्यादि क्षेत्रों की प्रतिष्ठित हस्तियां शामिल होती हैं। विशेषज्ञ समिति अपनी ओर से कोई भी सिफारिश करने से पहले थीम, अवधारणा, स्वरूप एवं इसके दृश्य संबंधी प्रभावों के आधार पर सभी प्रस्तावों पर गौर करती है। परेड की कुल अवधि को ध्यान में रखते हुए समय संबंधी दबाव के कारण परेड में भाग लेने के लिए सीमित संख्या में ही झांकियों का चयन किया जाता है। इसके लिए प्रचलित चयन प्रक्रिया पर अमल करने से परेड में सर्वोत्तम झांकियों की भागीदारी का मार्ग प्रशस्त होता है।
गणतंत्र दिवस परेड 2020 में भागीदारी हेतु झांकियों के लिए कुल मिलाकर 56 प्रस्ताव (राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों से 32 प्रस्ताव एवं मंत्रालयों/विभागों से 24 प्रस्ताव) प्राप्त हुए थे। पांच बैठकों के बाद अंतत: इनमें से 22 प्रस्तावों का चयन गणतंत्र दिवस परेड 2020 में भागीदारी के लिए किया गया है, जो 16 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों और 6 मंत्रालयों/विभागों से प्राप्त हुए हैं।
पश्चिम बंगाल सरकार से प्राप्त झांकी प्रस्ताव पर विशेषज्ञ समिति ने अपने दो दौर की बैठकों में पूरी बारीकी से गौर किया। दूसरी बैठक में गहन चर्चाएं करने के बाद विशेषज्ञ समिति ने पश्चिम बंगाल सरकार के झांकी प्रस्ताव को विचार के लिए आगे नहीं बढ़ाया। उल्लेखनीय है कि इसी प्रक्रिया के निष्कर्ष के आधार पर गणतंत्र दिवस परेड 2019 में भाग लेने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार के झांकी प्रस्ताव का चयन किया गया था।