लखनऊ: मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि उपासना स्थलों पर अर्पित होने वाली फूल-माला का बाद में पर्यावरण हित में किस प्रकार सदुपयोग
किया जा सकता है, इसके मद्देनजर एक अध्ययन कराया जाए।
यह जानकारी आज यहां देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री की अपेक्षा के दृष्टिगत ‘हेल्प अस ग्रीन’ संस्था से वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ मन्दिर में एक अध्ययन कराया जाएगा। पाइलेट प्रोजेक्ट के रूप में यह संस्था अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी।
ज्ञातव्य है कि ‘हेल्प अस ग्रीन’ संस्था द्वारा मुख्यमंत्री से सम्पर्क कर यह जानकारी दी गई कि संस्था उपासना स्थलों पर चढ़ाए जाने वाले फूलों को वर्मी कम्पोस्ट खाद के रूप में परिवर्तित करने का कार्य करती है। संस्था द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि उपासना स्थलों पर चढ़ाए जाने वाले फूलों को बाद में प्रायः नदी में प्रवाहित कर दिया जाता है, जिससे नदी में प्रदूषण होता है। ऐसे फूलों को नदी मंे न प्रवाहित कर इस प्रकार से सदुपयोग करने पर नदी में होने वाले प्रदूषण को काफी हद तक नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। इन तथ्यों पर गौर करते हुए मुख्यमंत्री ने इस सम्बन्ध में अध्ययन कराने के निर्देश दिए हैं।