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श्री नितिन गडकरी ने देश में सड़क परियोजनाओं का बीमा कराने का आह्वान किया; हिट-एंड-रन मामलों में मोटर वाहन दुर्घटना कोष बनाने पर विचार

देश-विदेश

नई दिल्ली: केन्‍द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और एमएसएमई मंत्री श्री नितिन गडकरी ने देश की सड़क परियोजनाओं को बीमा के दायरे में लाने का आह्वान किया है। उन्‍होंने कहा कि विश्‍व भर में कई देश बुनियादी ढांचागत या अवसंरचना परियोजनाओं का बीमा कराने की प्रथा पर अमल कर रहे हैं, जिनमें कनाडा, ऑस्‍ट्रेलिया, अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका और ब्रिटेन शामिल हैं।

      आज नई दिल्‍ली में ‘मोटर वाहन बीमा और सड़क सुरक्षा’ विषय पर आयोजित एक कार्यशाला को संबोधित करते हुए श्री गडकरी ने यह जानकारी दी कि उच्‍चतम न्‍यायालय ने सभी नये दुपहिया वाहनों के लिए पांच वर्षों का थर्ड पार्टी बीमा कराना अनिवार्य कर दिया है। इसी तरह कारों एवं वाणिज्यिक वाहनों के लिए तीन वर्षों का थर्ड पार्टी बीमा कराना अनिवार्य कर दिया गया है। इसमें चूक होने की स्थिति में 2000 रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है। थर्ड पार्टी बीमा के तहत दुर्घटना के शिकार व्‍यक्ति को मुआवजा देने की जिम्‍मेदारी टक्‍कर मारने वाले वाहन के मालिक के बजाय बीमा कंपनी की हो जाती है।

श्री गडकरी ने बीमा के महत्‍व को रेखांकित करते हुए कहा कि बीमा से जुड़े तौर-तरीकों में मामूली प्रक्रियागत बदलाव लाकर सड़क हादसों के कारण होने वाली मौतों की संख्‍या में उल्‍लेखनीय कमी सुनिश्चित की जा सकती है। उन्‍होंने कहा कि उनका मंत्रालय एक ‘मोटर वाहन दुर्घटना कोष’ बनाने पर विचार कर रहा है, जिससे हिट-एंड-रन मामलों में दिए जाने वाले मुआवजे का वित्‍त पोषण होगा। उन्‍होंने कहा कि इस कोष का उपयोग दुर्घटना का शिकार होने वाले लोगों के उपचार में किया जाएगा। श्री गडकरी ने कहा कि हिट-एंड-रन मामलों में मुआवजा राशि को बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया गया है, जबकि इस तरह के मामलों में घायल होने वाले लोगों के लिए मुआवजा राशि 50,000 रुपये है। श्री गडकरी ने कहा कि मोटर वाहन अधिनियम में दुर्घटना का शिकार होने वाले लोगों की मदद करने वाले की रक्षा करने का प्रावधान किया गया है। उन्‍होंने कहा कि सरकार इस तरह के मामलों में परेशानी से बचाने के लिए डॉक्‍टरों, नर्सों एवं अन्‍य चिकित्‍सा कर्मचारियों की रक्षा के लिए भी प्रावधान बनाने पर विचार कर रही है।

इस अवसर पर ‘बच्‍चों के लिए सड़क सुरक्षा गाइड’ और ‘सड़क सुरक्षा एवं सुरक्षित ड्राइविंग’ के शीर्षक वाली दो विशेष पुस्तिकाओं का विमोचन किया गया।

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