लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष श्री माता प्रसाद पाण्डेय ने वर्तमान विधान सभा सदस्य श्री मित्रसेन यादव एवं श्री राजेन्द्र सिंह राणा के निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि ये दोनों सदस्य अपनी प्रतिभा एवं संघर्ष के बल
पर समाज में अपना स्थान बनाने में सफल हुए। स्व0 मित्रसेन यादव का जहां लम्बा एवं संघर्षशील राजनैतिक जीवन लोगों के लिए अनुकरणीय है, वहीं स्व0 राजेन्द्र सिंह राणा विधान सभा सदस्य के अलावा मंत्री पद पर कार्य करते हुए अपने जीवन्त स्वभाव के लिए जाने जाएंगे।
इस मौके पर मुख्यमंत्री एवं नेता सदन श्री अखिलेश यादव ने श्री मित्रसेन यादव के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि 11 जुलाई, 1934 को जनपद फैजाबाद के भिटारी गांव में जन्मे स्व0 मित्रसेन यादव का 7 सितम्बर, 2015 को 81 वर्ष की अवस्था में बीमारी के चलते निधन हो गया। इण्टरमीडिएट तक की शिक्षा प्राप्त करने वाले श्री मित्रसेन जी ने खेती को व्यवसाय के रूप में अपनाया। वे जीवट व्यक्तित्व एवं जुझारू प्रवृत्ति के नेता थे। जून, 1977 में वह पहली बार विधान सभा के सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। स्व0 मित्रसेन आठवीं, नवीं, बारहवीं, तेरहवीं और सोलहवीं, इस प्रकार 6 बार विधान सभा तथा नवीं, बारहवीं एवं चैदहवीं लोक सभा के लिए फैजाबाद संसदीय क्षेत्र से लोक सभा सदस्य चुने गए। लोक सभा सदस्य रहते हुए वे लोक लेखा समिति के सदस्य भी रहे।
मुख्यमंत्री ने श्री मित्रसेन यादव की मृत्यु को पार्टी तथा समाज के लिए अपार क्षति बताते हुए कहा कि विधान सभा के सदस्य के रूप में उन्होंने नियम, प्राक्कलन, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों तथा विमुक्त जातियों सम्बन्धी संयुक्त समिति, विशेषाधिकार समिति, कार्य मंत्रणा समिति एवं अधिष्ठाता मण्डल के सदस्य के रूप में अपने दायित्वों को बखूबी निभाया।
मुख्यमंत्री ने स्व0 मित्रसेन यादव को आर्थिक एवं सामाजिक रूप से पिछड़े तथा दबे-कुचले लोगों के लिए संघर्ष करने वाला राजनीतिज्ञ बताते हुए कहा कि उन्होंने अपने लम्बे राजनैतिक जीवन में हमेशा साम्प्रदायिकता के खिलाफ संघर्ष किया और जनपद फैजाबाद में साम्प्रदायिक ताकतों को मजबूत नहीं होने दिया। शिक्षा के महत्व को समझते हुए ही श्री मित्रसेन यादव ने किसान इण्टर काॅलेज, कल्याणपुर, किसान हाईस्कूल, बनकटा तथा विमेन्स इण्टर काॅलेज, भिटारी की स्थापना की और उनका प्रबन्धन किया। वे समाजवादी पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ता थे और हमेशा पार्टी को मजबूत करने तथा जनाधार बढ़ाने के लिए प्रयास करते रहे।
मुख्यमंत्री ने सोलहवीं विधान सभा के सदस्य एवं राज्य मंत्रिमण्डल में ग्रामीण अभियंत्रण सेवा विभाग के तत्कालीन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री राजेन्द्र सिंह राणा के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए कहा स्व0 राणा का कैंसर की बीमारी के चलते 27 अक्टूबर, 2015 को निधन हो गया। वे हंसमुख स्वभाव के व्यक्ति थे। उनके निधन से समाजवादी पार्टी ने एक समर्पित मंत्री और कर्मठ कार्यकर्ता खो दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 1 जुलाई, 1961 को जनपद सहारनपुर के भायला गांव में जन्मे श्री राजेन्द्र सिंह राणा ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एल.एल.बी. की डिग्री और जर्नलिज़्म में डिप्लोमा प्राप्त किया था। वकालत और पत्रकारिता को व्यवसाय के रूप में अपनाते हुए वह पहली बार फरवरी, 2002 में जनपद सहारनपुर के देवबंद विधान सभा क्षेत्र से चैदहवीं विधान सभा सदस्य के रूप में चुने गए थे। स्व0 राजेन्द्र सिंह राणा मा0 नेताजी श्री मुलायम सिंह यादव के मंत्रिमण्डल में परिवहन विभाग के राज्य मंत्री तथा महिला कल्याण, संस्कृति, सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्राॅनिक्स विभाग के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहे। इसके साथ ही, वे आश्वासन समिति तथा विधान सभा पुस्तकालय समिति के सदस्य भी रहे। गरीबों और कमजोर वर्गों के लिए मन में करुणा की भावना के कारण ही वे राजनीति में आने के लिए पे्ररित हुए। उन्हें जन आन्दोलन चलाने के लिए जेल भी जाना पड़ा था।
इस अवसर पर बहुजन समाज पार्टी की ओर से नेता प्रतिपक्ष श्री स्वामी प्रसाद मौर्य, भारतीय जनता पार्टी के श्री सुरेश कुमार खन्ना, कांग्रेस पार्टी के श्री प्रदीप माथुर तथा राष्ट्रीय लोकदल के श्री दलवीर सिंह ने भी इन दोनों सदस्यों के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए विधानसभा अध्यक्ष से अपने-अपने दलों की भावनाओं से स्व0 मित्रसेन यादव एवं स्व0 राजेन्द्र सिंह राणा के परिजनों को अवगत कराने का अनुरोध किया।