देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत की अध्यक्षता में सोमवार को बीजापुर अतिथि गृह में Empowered Group of Ministers (EGM) की बैठक आयोजित हुई। बैठक में पर्यटन विभाग की पुरकल गांव (देहरादून)-हाथी पांव (मसूरी)
रोप वे परियोजना तथा आवास विभाग की इन्दिरा मार्केट पुनर्विकास परियोजना प्रस्ताव पर चर्चा हुई। पर्यटन विभाग की पुरकल गांव (देहरादून)-हाथी पांव (मसूरी) रोप वे परियोजना के प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने निर्देश दिये कि इस योजना पर शीघ्र कार्य शुरू किया जाय। साथ ही ऐसे प्रयास किये जाय, जिससे पर्यटन गतिविधियों को अधिक अवसर मिले। इस परियोजना के शीघ्र पूरा होने से मसूरी पर परिवहन के दबाव को कम किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि हाथी पांव/जार्ज एवरेस्ट क्षेत्र को ईको फ्रेंडली के तौर पर विकसित किया जाय। यह परियोजना पूर्ण रूप से पीपीपी मोड पर बनायी जानी है, इसलिए इसके निर्माण में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाय। निर्धारित समय अवधि में यह परियोजना पूर्ण हो जाय, इसके लिए अनुश्रवण व्यवस्था भी अपनायी जाय। EGM की बैठक में इस प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई।
बैठक में सचिव पर्यटन शैलेश बगोली ने बताया कि यह परियोजना लगभग 180 करोड़ रुपये की लागत से बनायी जायेगी, जो पूर्णतयाः पीपीपी मोड पर संचालित किया जायेगा। इसके निर्माण के लिए तीन वर्ष का समय निर्धारित किया गया है। परियोजना के भूमि उपलब्धता संबंधी प्रकरणों पर कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
EGM की बैठक में आवास विभाग की इन्दिरा मार्केट पुनर्विकास परियोजना प्रस्ताव पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री श्री रावत ने निर्देश दिये कि इस परियोजना के लिए एक बार पुनः प्रभावित दुकानदरों से बात कर ली जाय। इस परियोजना के लिए कुछ और सुझाव हो, तो वह भी प्राप्त कर लिये जाय। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि यह परियोजना इन्दिरा मार्केट के प्रभावित दुकानादारों के हित में है। प्रभावित दुकानदारों को बेहतर सुविधा मिले, इसके लिए परियोजना में पूरी व्यवस्था की जाय। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि प्रस्ताव पर पुनः प्रस्तुत किया जाय।
बैठक में उपाध्यक्ष एम.डी.डी.ए. आर.मीनाक्षी सुन्दरम ने बताया कि इन्दिरा मार्केट पुनर्विकास परियोजना घंटाघर क्षेत्र में स्थित वर्तमान इन्दिरा मार्केट के दुकानदारों को एक काम्पलैक्स में स्थापित करके इस क्षेत्र में शाॅपिंग काम्पलैक्स एवं पार्किग सुविधा का सृजन किया जाना है। परियोजना की अनुमानित लागत 106 करोड़ रुपये है।