देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत कण्वाश्रम वसंत महोत्सव उदयरामपुर कलालघाटी में पहुंचे। जहा उन्होंने उपस्थित कोटद्वार की
संभ्रान्त जनता को वसंत पंचमी व कण्वाश्रम की नई बुनियाद की बधाई दी। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री रावत ने कण्व ऋषि की तपस्थली, चक्रवर्ती सम्राट भरत की जन्मस्थली एवं क्रीड़ास्थली और कण्वाश्रम मुख्य प्रवेश द्वार के शिलान्यास के साथ ही मालन नदी पर 72 मीटर स्पान लौह सेतु निर्माण का लोकापर्ण किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि कण्वाश्रम का नाम कोटद्वार में ही नहीं पूरे भारतवर्ष में पहचाना जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोटद्वार भाबर का क्षेत्र पूरे प्रदेश को रास्ता दिखाता है। इसलिए इस क्षेत्र की विशेष पहचान होनी चाहिए, भरत का जन्म इस धरती पर हुआ है। उन्होंने इस अवसर पर कण्वाश्रम मेले को आमागी वर्षों में राजकीय मेले के रूप में मनाए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि भरत टूरिस्ट सर्किट के रूप में यह स्थान विकसित होना चाहिए। कण्वाश्रम के बारे में जितनी भी साहित्य, अभिलेख व जानकारी उपलब्ध हों, वे इन तथ्यों को उजागर करने का निरंतर प्रसास करें। आगामी सत्र से भरत कण्वाश्रम की जीवनगाथा उत्तराखण्ड के पाठ्यक्रमों से भी जोड़ा जाएगा। उन्होंने भरत की विशाल मूर्ति की स्थापना भी कोटद्वार स्थल में स्थापित किए जाने की बात कही, जिसे हंस फाउण्डेशन और सरकार के संयुक्त प्रयासों से स्थापित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कण्वाश्रम के समीप झील निर्माण एवं सड़कों के निर्माण की भी बात कही। मुख्यमंत्री ने मालन एवं सुखरौ व भाबर के क्षेत्रों में बाढ़ सुरक्षा कार्याें को भी अगले वित्तीय वर्ष में प्राथमिकता के आधार पर करने की बात कही। उन्होंने रामनगर-कोटद्वार-चीला मोटरमार्ग का निर्माण शीघ्र किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि राज्य के हित में यह मार्ग अति आवश्यक है। गुरूकुल कांगड़ी महाविद्यालय को भी मदद करने की बात कही। उन्होंने कहा कि विकास को मील के पत्थर की तरह हमें करना होगा तभी हमारा प्रदेश चहुंमुखी विकास की ओर अग्रसर हो सकता है। उन्होंने आम जनता से उन्नत खेती करने की बात कही। उन्होंने कहा कि खेती से ही हम आगे बढ़ सकते हैं। राज्य सरकार मंडुवा, झंगोरा, माल्टा, गलर, भट, गहत आदि मोट अनाज व दलहन समेत फलों के उत्पादन को बढ़ावा दे रही है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री रावत ने मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना की भी जानकारी देते हुए कहा कि माह अप्रैल से प्रत्येक नागरिक को डेढ लाख तक के इलाज की सुविधा राज्य सरकार की ओर से दी जाएगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में शिक्षा का आधार है किन्तु गुणवत्ता नहीं है। उन्होंने अभिभावकों से अपील करते हुए कहा कि अपने बच्चों को पढ़ाई पर विशेष ध्यान दें। क्योंकि बच्चे की पहली पाठशाला उनके अभिभावक होते है। उन्होंने कहा कि पूरे उत्तराखण्ड में शिक्षकों की कमी को लगभग पूरा कर दिया गया है। यदि किसी क्षेत्र में अभी भी शिक्षकों की कमी है तो वहां तत्काल शिक्षकों की नियुक्ति कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि पढ़ाई का स्तर तभी बढ़ सकता है जब अभिभावक भी सहयोग करें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार निरंतर उत्तराखण्ड के दूरस्थ क्षेत्रों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि फसल को नुकसान पहुंचाने वाले सुअरों को मारने की अनुमति शासन द्वारा पूर्व में दी जा चुकी है और बंदरों के उत्पात से खेती को पहुंच रहे नुकसान को बचाए जाने के लिए बाड़ा निर्माण कार्य भी तेजी से किया जा रहा है। ताकि खेती को हो रहे नुकसान से बचाया जा सके। उन्होंने उत्तराखण्ड में सौहार्द वातावरण बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि कौमी एकता के रूप में कोटद्वार भाबर की एक अनूठी मिशाल है। इस मौके पर कोटद्वार महाविद्यायल के हिन्दी विभागाध्यक्ष डाॅ0 नन्द किशोर ढौंडियाल द्वारा कण्डवाश्रम पर रचित पुस्तिका का विमोचन भी मुख्यमंत्री द्वारा किया गया। साथ ही क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाले सदस्यों को शाॅल भंेट कर सम्मानित किया गया।