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मुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए प्रदेश के 16 जनपदों को 23 से 25 मार्च, 2020 तक लाॅकडाउन करने के निर्देश दिए

देश-विदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए प्रदेश के 16 जनपदों (लखनऊ, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, आजमगढ़, आगरा, वाराणसी, प्रयागराज, लखीमपुर खीरी, मुरादाबाद, बरेली, कानपुर नगर, मेरठ, गोरखपुर, अलीगढ़, सहारनपुर तथा पीलीभीत) में दिनांक 23 मार्च, 2020 से 25 मार्च, 2020 तक आवश्यक सेवाओं को छोड़कर समस्त सरकारी कार्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों, अर्द्धसरकारी उपक्रमों, स्वायत्तशासी संस्थाओं, राजकीय निगम/मण्डल एवं समस्त व्यापारी प्रतिष्ठानों, निजी कार्यालयों, माॅल्स, दुकानों, फैक्ट्रियांे, वर्कशाॅप, गोदामों एवं सार्वजनिक परिवहन (रोडवेज, सिटी परिवहन, प्राइवेट बसें, टैक्सी, आॅटो रिक्शा) आदि को लाॅकडाउन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर स्थिति का आंकलन कर आवश्यक सेवाओं को परिभाषित किया जाएगा।
यह जानकारी आज यहां राज्य सरकार के प्रवक्ता ने देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी के निर्देशों के क्रम में वर्तमान परिप्रेक्ष्य में जिन सेवाओं को आवश्यक सेवाओं में सम्मिलित किया गया है, उनमें चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, गृह एवं गोपन/कारागार प्रशासन एवं सुधार (पुलिस/सशस्त्र बल एवं अर्द्धसैन्य बल), कार्मिक विभाग एवं जिला प्रशासन, ऊर्जा (समस्त बिजली के कार्यालय व बिलिंग सेण्टर), नगर विकास, खाद्य एवं रसद (फल, सब्जी, दूध, डेरी, किराना, पेयजल), आपदा एवं राहत/राज्य सम्पत्ति विभाग, सूचना एवं जनसम्पर्क, सूचना प्रौद्योगिकी, अग्नि शमन/सिविल डिफेन्स, आपातकालीन सेवाएं, टेलीफोन, इण्टरनेट, डेटा सेण्टर, नेटवर्क सर्विसेज, आई0टी0 इनेबिल्ड सर्विसेज एवं आई0टी0 सम्बन्धित सेवाएं, ऐसे डेटा सेण्टर, जो आई0टी0 सर्विसेज के संचालन के लिए आवश्यक है, डाक सेवाएं, बैंक, ए0टी0एम0, बीमा कम्पनियां, ई-काॅमर्स (खाद्य वस्तु, होम डिलिवरी, ग्राॅसरी), प्रिण्ट, इलेक्ट्राॅनिक मीडिया, सोशल मीडिया, पेट्रोल पम्प, एल0पी0जी0 गैस, आॅयल एजेन्सी (इनसे सम्बन्धित गोदाम एवं परिवहन के साधन), दवा की दुकान, चिकित्सकीय उपकरण, सामग्री एवं दवाइयोेें की निर्माण इकाइयां, आवश्यक वस्तुओं के उत्पादन, खाद्य सामग्री, कृषि उत्पाद एवं उनसे सम्बन्धित निर्माण इकाइयां एवं उनके थोक एवं फुटकर विक्रेता, पशु चिकित्सा एवं पशु आहार से सम्बन्धित इकाइयां एवं विक्रेता आदि शामिल हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि इस दौरान सभी सरकारी कार्यालयों में आम जन के प्रवेश पर पूर्णतया प्रतिबन्ध रहेगा। आवश्यक सेवाओं वाले विभागों के अधिकारियों/कर्मचारियों को छोड़कर अन्य सरकारी अधिकारी/कर्मचारी की स्थिति घर से कार्य करने (वर्क फ्राॅम होम) की रहेगी। यद्यपि उन्हें फील्ड ड्यूटी हेतु निर्देशित करने के लिए सम्बन्धित विभाग के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव, जिला कलेक्टर या सम्बन्धित जिला स्तरीय अधिकारी स्वतंत्र होंगे। इस दौरान किसी भी सरकारी कार्मिक को विशेष या अपरिहार्य स्थिति के अलावा कोई अवकाश या मुख्यालय छोड़ने की अनुमति नहीं होगी। जिन कार्मिकों की स्थिति घर से कार्य करने की है, उन्हें कार्यालय समय के दौरान घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं होगी।
प्रवक्ता ने बताया कि इस अवधि में समस्त प्रकार के सार्वजनिक परिवहन, रोडवेज, सिटी ट्रांसपोर्ट, प्राइवेट बसें, टैक्सियां, आॅटो रिक्शा आदि के अन्तर्राज्यीय (प्दजमत ैजंजम), अन्तराराज्यीय (प्दजतं ैजंजम) संचालन पर पूर्ण प्रतिबन्ध रहेगा। यद्यपि एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन से घर के लिए सीमित संख्या में जिला प्रशासन द्वारा अधिकृत सार्वजनिक परिवहन उपलब्ध रहेंगे। सामग्री आपूर्ति वाले वाहन, चीनी मिलों के गन्ना ढुलाई करने वाले वाहन सहित प्रतिबन्ध से मुक्त रहेंगे। आकस्मिक स्थिति में अस्पताल जाने हेतु निजी वाहन का प्रयोग किया जा सकेगा।
प्रवक्ता के बताया कि बन्द के दौरान आपात स्थिति में आवश्यकतानुसार परिवहन साधनों को परमिट जारी करने के लिए मुख्य सचिव/अपर मुख्य सचिव, गृह/प्रमुख सचिव, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा सम्बन्धित जनपद के जिला कलेक्टर/पुलिस आयुक्त अथवा उनके द्वारा नामित अधिकारी ही अधिकृत होंगे। आमजन को सूचना एवं सुविधा हेतु जिले के नियंत्रण कक्ष एवं सम्बन्धित अधिकारियों के सम्पर्क नम्बर प्रकाशित किए जाएं।
प्रवक्ता ने बताया कि 05 से अधिक व्यक्तियों को सार्वजनिक स्थल पर एक साथ इकठ्ठे होने की पूर्णतः मनाही रहेगी। किसी भी सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक, धार्मिक, शैक्षणिक, खेल, संगोष्ठी, सम्मेलन, धरना आदि का आयोजन निषिद्ध रहेगा। साप्ताहिक बाजारों तथा प्रदर्शनियांे का आयोजन आदि भी निषिद्ध रहेगा। यदि किसी स्थापना/सेवा के सम्बन्ध में यह भ्रम हो कि वह आवश्यक सेवाओं में आता है या नहीं तो उसके संबंध में निर्णय लेने का अधिकार सम्बन्धित जनपद के जिला मजिस्ट्रेट को होगा।
प्रवक्ता ने बताया कि सभी जनपदों के जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त, नगर आयुक्त, पुलिस अधीक्षक, अपर जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी एवं कार्यकारी मजिस्ट्रेट को एतद्द्वारा अपने क्षेत्र में इन निर्देशों का प्रत्येक दशा में कठोरतापूर्वक अनुपालन एवं क्रियान्वयन सुनिश्चित कराने हेतु अधिकृृत किया जाता है। इन अधिकारियों द्वारा मांगे जाने पर स्थानीय पुलिस द्वारा पुलिस सुविधा उपलब्ध करायी जायगी। इस सम्बन्ध में पूर्व में निर्गत आदेश यथावत प्रभावी रहेंगे। भ्रम की स्थिति में राज्य सरकार आवश्यक निर्देश/स्पष्टीकरण निर्गत करेगी। इन आदेशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। इन आदेशों की अवहेलना की स्थिति में सम्बन्धित के विरुद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा-188 के तहत दण्डात्मक कार्रवाई की जाएगी।

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