लखनऊः प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना ने पीजीआई अस्पताल में प्रदेश के राजकीय एवं निजी 51 मेडिकल काॅलेजों के 500 डाॅक्टरों व नर्स का आइसोलेशन वार्ड एण्ड क्रिटिकल केयर मैनेजमैण्ट पर चल रहे प्रशिक्षण का निरीक्षण किया। पीजीआई में प्रदेश मेें पहली बार इको टेक्नोलाॅजी से 10 माॅडल पर आइसोलेशन वार्ड एण्ड क्रिटिकल केयर मैनेजमेण्ट पर मेडिकल काॅलेजों के डाॅक्टरों का प्रशिक्षण चल रहा है। मंत्री ने पीजीआई के कोरोना वार्ड में पहुंचकर वहां आइसोलेटेड एवं क्वारेंटाइन मरीजों के स्वास्थ्य की जानकारी ली तथा मरीजों के इलाज में लगे डाॅक्टरों और अन्य पैरामेडिकल स्टाफ से मरीजों के स्वास्थ्य की जानकारी ली। इसके बाद उन्होंने पीजीआई के एपेक्स ट्रामा सेन्टर पहुंचकर इमरजेंसी वार्ड एवं आईसीयू वार्ड का निरीक्षण किया।
श्री खन्ना ने मेडिकल के डाॅक्टरों को सम्बोधित करते हुए कहा कि कोरोना जैसी भयावह महामारी के फैलाव को रोकने के लिए सरकार हर विकल्प का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा कि यह हमारे समाने एक बड़ी चुनौती है, हम सभी आइसोलेट रहकर अपने तथा अपने परिवार वालों को सुरक्षित रखने के साथ-साथ दूसरों में इसके प्रसार को रोक सकते है। उन्होंने कहा कि कोरोना से ग्रसित देश अपने आप को आइसोलेट कर तथा सोशल डिस्टैंसिंग स्थापित कर इस बीमारी को कंट्रोल किया है। उन्होंने कहा कि देश एवं प्रदेश सरकार ने कोरोना की समस्या को गम्भीरता से लिया है। उन्होंने कहा कि आप सभी डाॅक्टरों पर हमें गर्व है, हमारे डाॅक्टर व स्टाफ इन मरीजों से बातचीत कर सलाह दे रहे हंै, तथा उनका इलाज कर रहे हैं।
प्रमुख सचिव चिकित्सा, शिक्षा श्री रजनीश दुबे ने बताया कि चिकित्सा शिक्षा विभाग ने कोविड 19 का समाना करने के लिए पूरी तरह से कमर कसी हुई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोविड-19 की कन्फरमेट्री डाइग्नोसिस की कुल लैब की संख्या 07 हो गयी है। पीजीआई, गोरखपुर, मेरठ, मेडिकल काॅलेज व सैफई चिकित्सा विश्वविद्यालय भी तैयार हैं। अब एक हजार टेस्ट प्रतिदिन सम्भव हो गया हैं उन्होंने बताया कि प्रदेश में 16 बड़े कोविड हाॅस्पिटल बन रहे हैं।