नई दिल्ली. पूरी दुनिया समेत भारत में भी कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. यह वायरस अब तक भारत के 3000 से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले चुका है. वहीं इससे अब तक 79 लोगों की मौत हो चुकी है. स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल, ने नियमित रूप से होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि देश भर में 274 जिले आज तक कोरोनावायरस के कारण प्रभावित हुए हैं.
अग्रवाल ने बताया कि भारत में अब तक कुल 3374 कोविड-19 (Covid- के मामले सामने आए हैं, कल से 472 नए मामले सामने आए हैं. कुल 79 लोगों की मौत की सूचना भी मिली है; कल से 11 मौतें भी हुई हैं. 267 लोग ठीक हो चुके हैं.
देश भर में 27 हजार से ज्यादा राहत शिविर
वहीं गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बताया कि राज्य सरकारें लॉकडाउन को प्रभावी ढंग से लागू कर रहे हैं. आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की स्थिति संतोषजनक है. उन्होंने कहा कि 27,661 राहत शिविर और आश्रय पूरे भारत में सभी राज्यों में स्थापित किए गए हैं – 23,924 सरकार द्वारा और 3,737 गैर-सरकारी संगठनों द्वारा स्थापित किए गए हैं. 12.5 लाख लोगों को इससे आश्रय मिला है. 19,460 खाद्य शिविर भी लगाए गए हैं. श्रीवास्तव ने बताया कि 75 लाख से अधिक लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. 13.6 लाख श्रमिकों को उनके नियोक्ताओं और उद्योग द्वारा आश्रय और भोजन प्रदान किया जा रहा है.
हवा से नहीं फैलता कोरोना वायरस
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की ओर बताया गया कि कोरोना वायरस के हवा से फैलने का कोई प्रमाण अभी तक नहीं मिला है.
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बताया गया कि वर्तमान में 4.1 दिन में COVID-19 मामलों की संख्या दोगुनी हो गई है, जब तक तबलीगी जमात की घटना नहीं हुई थी, इसमें 7.4 दिन लग रहे थे.
पीपीई के सवाल पर सरकार ने दिया ये जवाब
लव अग्रवाल ने कहा कि पीपीई निर्यात की जा रही हैं ऐसे में देश में फिलहाल इसकी कमी है लेकिन सरकार जनवरी से इसके लिए पर्याप्त कदम उठा रही है. घरेलू उत्पादकों ने भी पीपीई को बनाने का काम शुरू किया है. हमने उन देशों से भी इसे मंगाने के बारे में बात की है जहां ये उपलब्ध है. लव अग्रवाल ने कहा कि हमने सभी स्वास्थ्य सचिव, मुख्य सचिव और डीएम ने इस संदर्भ में बात की है. हमने उन्हें समझाया है कि हमारे पास जो पीपीई मौजूद हैं उन्हें तत्काल प्रभाव से राज्यों की जरूरत के हिसाब से भेज दिया गया है.
उन्होंने कहा कि यह समझने की जरूरत है कि हमारे द्वारा किया गया आवंटन राज्यों में रिपोर्ट किए गए मामलों पर आधारित है और हम समानांतर रूप से यह देखने का प्रयास कर रहे हैं कि इसकी खरीद कैसे बढ़नी चाहिए. इससे आसानी होने लगी है, आने वाले हफ्तों में हम इन मुद्दों को काफी हद तक प्रबंधित कर पाएंगे. Source News18