नई दिल्ली: केंद्रीय उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष विभाग राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज यहां बताया कि उत्तर पूर्व में एयरकार्गो के माद्यम से आवश्यक वस्तुओं और चिकित्सा उपकरण आदि की नियमित रूप से आपूर्ति हो रही है। वर्तमान में वहां न तो किसी भी तरह के सामान की कमी है, न ही आने वाले समय में होने दी जाएगी।
मीडिया को संक्षिप्त संबोधन में डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि लॉकडाउन की घोषणा के तुरंत बात ही प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दखल पर फैसला लिया गया था कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के साथ ही जम्मू कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेशों तथा द्वीपीय क्षेत्रों सहित अन्य दूरदराज के इलाकों में एयर कार्गो उड़ानों के माध्यम से आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके तुरंत बाद एयर इंडिया के साथ ही भारतीय वायुसेना के माध्यम से एयर कार्गो उड़ानों का परिचालन शुरू कर दिया गया।
इसका ब्योरा देते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि एयर इंडिया के माध्यम से पहली खेप 30 मार्च की रात को गुवाहाटी हवाई अड्डे पर पहुंची थी और अगली सुबह 31 मार्च को भारतीय वायुसेना की कार्गो उड़ान दीमापुर पहुंची थी। तब से नियमित रूप से इस क्षेत्र में एयर कार्गो के माध्यम से खेप पहुंच रही है। उदाहरण के लिए, इसके परिणामस्वरूप नगालैंड को अभी तक तीन बड़ी हवाई खेप मिल चुकी हैं और मणिपुर में भी तीन एयर कार्गो की खेप पहुंच चुकी हैं।
फेस मास्क से संबंधित मांग के संबंध में डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि वितरण के लिए अभी तक गुवाहाटी में 30,000 एन-95 मास्क पहुंच चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने स्वयं सहायता समूहों के प्रयासों की भी प्रशंसा की, जो अपने स्तर पर मास्क और सैनिटाइजर्स तैयार करने के लिए आगे आए हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने भरोसा दिलाया कि भविष्य में मांग या जरूरत बढ़ने पर एयर कार्गो उड़ान के माध्यम से बेहद कम समय में जरूरी सामान की व्यवस्था कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि खेप के स्वरूप और जरूरत को देखते हुए एयर इंडिया और भारतीय वायु सेना एक दूसरे के साथ समन्वय में काम करेंगी। उन्होंने कहा कि वास्तविक समय पर निगरानी के लिए एक तंत्र भी विकसित कर लिया गया है और हम राज्य सरकारों के साथ भी लगातार संपर्क में हैं।
वहीं डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर भारत की 5,500 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को पूरी तरह सील कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इससे कोरोना वायरस के प्रसार को फैलने से रोकने में सहायता मिली है।