नई दिल्ली: भारत के विनिर्माण कौशल के भव्य प्रदर्शन के साथ प्रथम ‘मेक इन इंडिया’ सप्ताह का आज मुंबई में समापन हो गया।
सप्ताह भर चले इस आयोजन के दौरान निम्नलिखित बातें उल्लेखनीय रहीं :
- भारत में विनिर्माण कौशल के प्रदर्शन, आपस में जोड़ने एवं सहयोग के लिए अवसर सृजित हुए
- निवेश लायक माहौल को प्रोत्साहन मिला
- डिजाइन, नवाचार, युवाओं और स्टार्ट-अप्स को बढ़ावा मिला
- एक ऐसा प्लेटफॉर्म प्रदान किया गया जहां वैश्विक सीईओ, विचारक, नीति निर्माता, राजनयिक और राजनीतिक नेतागण जुटे
आज मुंबई में समापन संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग में सचिव श्री अमिताभ कांत ने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ सप्ताह के दौरान निवेश के रूप में 15.20 लाख करोड़ रुपये की कारोबारी प्रतिबद्धता व्यक्त की गई। उन्होंने कहा कि मुंबई में आयोजित ‘मेक इन इंडिया’ सप्ताह को अभूतपूर्व कामयाबी मिली। ‘मेक इन इंडिया’ सप्ताह ने विनिर्माण, डिजाइन और नवाचार को बड़ी कामयाबी के साथ केंद्र में ला दिया है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उनका राज्य विभिन्न क्षेत्रों में 8 लाख करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करने में सफल रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य के उद्योग मंत्री की अध्यक्षता में एक कार्यदल का गठन किया जा रहा है, ताकि हस्ताक्षरित सहमति पत्रों (एमओयू) को वास्तविक निवेश में परिवर्तित करना सुनिश्चित हो सके।
8 लाख से भी ज्यादा लोग ‘मेक इन इंडिया’ एक्सपो और अन्य आयोजनों में शरीक हुए, जिनमें से 49743 पंजीकृत प्रतिनिधि थे। इस मेगा एक्सपो में 102 देशों का प्रतिनिधित्व किया गया।
‘मेक इन इंडिया’ सप्ताह के दौरान कुल मिलाकर 150 कार्यक्रम आयोजित किए गए, जबकि 25000 से भी ज्यादा लोगों ने सेमिनारों और संगोष्ठियों में भाग लिया। इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों के 1200 से भी ज्यादा विशेषज्ञों ने व्यवसाय एवं समाज से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए। मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, नीति निर्माताओं, उद्योगपतियों और शिक्षाविदों के साथ-साथ आध्यात्मिक गुरु भी इन विशेषज्ञों में शामिल थे।
‘मेक इन इंडिया’ एक्सपो 23 लाख वर्ग फुट से भी ज्यादा विशाल क्षेत्र में फैला हुआ था। 215 प्रदर्शकों ने 11 क्षेत्रों में अपनी क्षमताओं तथा अवसरों का प्रदर्शन किया जिनमें एयरोस्पेस एवं रक्षा, ऑटोमोबाइल, रसायन एवं पेट्रो रसायन, निर्माण मशीनरी, खाद्य प्रसंस्करण, इन्फ्रास्ट्रक्चर, आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स, औद्योगिक उपकरण व मशीनरी, एमएसएमई, फार्मास्यूटिकल्स और वस्त्र शामिल थे। 17 भारतीय राज्यों और 3 देशों जर्मनी, स्वीडन एवं पोलैंड ने मेक इन इंडिया सेंटर में अपने पवेलियन लगाए थे।
‘मेक इन इंडिया’सप्ताह के दौरान किए गए महत्वपूर्ण सौदे
- ताइवान की आउट्रॉन के साथ तकनीकी सहयोग में एलसीडी निर्माण यूनिट के लिए स्टर्लिंग समूह की कंपनी ट्विनस्टार डिस्प्ले टेक्नोलॉजीज और एमआईडीसी के बीच करार
- एम777 होवित्जर के संयोजन एवं परीक्षण के लिए बीएई सिस्टम्स और महिंद्रा के बीच समझौता
- 9 इन्क्यूबेशन केंद्रों की स्थापना के लिए भारत में ओरेकल का 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश
- महिंद्रा एंड महिंद्रा: निवेश – 8000 करोड़ रुपये (नासिक: 6500 करोड़ रुपये, चाकन – 1,500 करोड़ रुपये)
- नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के वित्त पोषण के लिए यस बैंक और इरेडा के बीच समझौता
- असेंडाज | निवेश: 4571 करोड़ रुपये | रोजगार: 1.09 लाख
- मर्सिडीज | निवेश: 1500 करोड़ रुपये | रोजगार: 4270
- राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स | निवेश: 6204 करोड़ रुपये | रोजगार: 140
- गोदरेज इंडस्ट्रीज | निवेश: 3000 करोड़ रुपये | रोजगार: 2000
- जेएसडब्ल्यू जयगढ़ पोर्ट लिमिटेड | निवेश: 6000 करोड़ रुपये | रोजगार: 1000
प्रस्तुत की गईं नीतियां/ पहलें
- इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र में नवाचार, अनुसंधान और विकास के वित्त पोषण के लिए संचार एवं आईटी मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद द्वारा 2,200 करोड़ रुपये के इलेक्ट्रॉनिक्स विकास कोष का अनावरण किया गया
- विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी पूंजीगत सामान क्षेत्र के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने हेतु भारी उद्योग मंत्री श्री अनंत गीते द्वारा राष्ट्रीय पूंजीगत सामान नीति प्रस्तुत की गई
- सुश्री हरसिमरत कौर बादल द्वारा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में निवेश अवसरों का उल्लेख
- देश भर में राष्ट्रीय राजमार्गों पर 360 टोल प्लाजा को कवर करने के लिए ई टोल नीति