लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने अपने सरकारी आवास से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि कोरोना को रोकने के लिए लागू किए गए लाॅकडाउन का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। कोरोना का फैलाव रोकने के दृष्टिगत कण्टेन्मेंट एक्सरसाइज़ लगातार की जाए। जिन जनपदों में कोरोना पाॅजिटिव केस रिपोर्ट हुए हंै, वहां सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना प्रभावित जनपद में मौजूद संक्रमित रोगी और संदिग्धों को चिन्हित करते हुए उन्हें आवश्यकतानुसार क्वारन्टीन, आइसोलेट किया जाए। संदिग्धों को इंस्टीट्यूशनल क्वारन्टीन में रखा जाए। उनकी माॅनीटरिंग करते हुए उनकी सभी आवश्यकताओं की पूर्ति क्वारन्टीन स्थल पर ही की जाए। संदिग्धों के सैम्पल कलेक्ट किए जाएं और उन्हें लैब भेजकर जांच करवायी जाए। कोरोना प्रभावित क्षेत्र के निवासियों की सघन जांच मेडिकल टीम द्वारा की जाए और आवश्यकतानुसार संदिग्ध रोगी को क्वारन्टीन किया जाए। प्रभावित क्षेत्र का सघनता से सैनिटाइजेशन भी किया जाए और आवश्यक वस्तुओं की डोर स्टेप डिलीवरी सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कोरोना प्रभावित प्रत्येक जनपद में सैम्पल कलेक्शन सेण्टर स्थापित करने के निर्देश दिए। उन्होंने 40 जनपदों के 410 कोरोना पाॅजिटिव रोगियों का सर्किल तय करते हुए वहां पर मेडिकल टीम द्वारा प्रभावित परिवार के साथ-साथ क्षेत्र के निवासियों की भी जांच करने के निर्देश दिए।
इंस्टीट्यूशनल क्वारन्टीन का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस कार्य के लिए एस0डी0आर0एफ0 फण्ड से प्रत्येक जनपद को जो धनराशि उपलब्ध करायी गयी थी, उसके माध्यम से क्वारन्टीन वाॅडर््स की स्थापना करते हुए वहां पर संदिग्धों को रखा जाए। इन केन्द्रों पर उनके रहने, खाने, सोशल डिस्टेन्सिंग और सुरक्षा इत्यादि की व्यवस्था की जाए। उन्होंने सभी जनपदों में कम्युनिटी किचन की व्यवस्था को सुदृढ़ करने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रत्येक जनपद में कोविड के एल-1 हाॅस्पिटल स्थापित और कार्यशील हों। साथ ही, इनमें कलेक्शन सेण्टर भी स्थापित किए गए हों। संकलित सैम्पल्स को प्रदेश में स्थापित 10 कोरोना लैब्स में से किसी एक लैब को भेजा जाना सुनिश्चित किया जाए। प्रत्येक जनपद से कम से कम 25 सैम्पल्स प्रतिदिन संकलित किए जाएं और जांच के लिए भेजे जाएं। उन्होंने कहा कि सैम्पल कलेक्शन और टेस्टिंग बहुत जरूरी है।
मुख्यमंत्री जी ने स्वास्थ्य विभाग को प्रत्येक जनपद में कोविड एल-2 हाॅस्पिटल की स्थापना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही, यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा कि प्रत्येक जनपद में पर्याप्त संख्या में पी0पी0ई0, एन-95 मास्क तथा 03 लेयर मास्क मौजूद हों। उन्होंने बाहर से आने वाले संदिग्ध रोगियों को इंस्टीट्यूशनल क्वारन्टीन में रखने के निर्देश दिए। उन्होंने होम क्वारन्टीन की जांच करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने पुलिस कर्मियों को लाॅकडाउन को सख्ती से लागू करने और ड्रोन से निगरानी करने के लिए कहा। उन्होंने हर प्रकार के आयोजन रोकने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भीड़ इकट्ठा होने पर सोशल डिस्टेन्सिंग का उद्देश्य पूरा नहीं हो पाएगा। उन्होंने लाॅकडाउन के दौरान कानून-व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश के अस्पतालों में उपलब्ध वेण्टीलेटर्स को क्रियाशील करने के निर्देश दिए। आवश्यकतानुसार इनकी रिपेयरिंग सुनिश्चित करने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक 05 बेड पर एक वेण्टीलेटर अवश्य मौजूद हो। उन्होंने अस्पतालों में फायर सेफ्टी सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक अस्पताल की सी0सी0टी0वी0 कैमरों से निगरानी की जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना को हर हाल में स्टेज-2 पर ही रोकना होगा। इसमें सोशल डिस्टेन्सिंग और आत्मानुशासन अत्यन्त कारगर होगा। उन्होंने कहा कि बाहर निकलने वाले लोग हर हाल में मास्क, गमछा, दुपट्टे इत्यादि से मुंह ढंकें, यह सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि लोगों द्वारा मुंह ढंकने के लिए रीयूजे़बल ट्रिपल लेयर मास्क का प्रयोग किया जा सकता है, जिसे आवश्यकतानुसार धोया भी जा सकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना से निपटने के लिए प्रशिक्षण अत्यन्त आवश्यक है। अतः स्वास्थ्य विभाग मास्टर टेªनर्स को प्रशिक्षित करे, ताकि वे जनपदों में आशा, आंगनबाड़ी, पैरामेडिकल स्टाफ, एन0एस0एस0, एन0सी0सी0 इत्यादि के वाॅलन्टियर्स को प्रशिक्षित कर सकें। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को लाॅकडाउन की समीक्षा के लिए जिले का भ्रमण करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन का प्रभावी क्रियान्वयन अत्यन्त आवश्यक है। कोरोना का इलाज अनुशासन ही है।