नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू ने आज विश्वविद्यालयों और अन्य शिक्षण संस्थाओं का आह्वाहन किया कि वे बंदी के दौरान शिक्षा सत्र को सुचारू रूप से जारी रखने के लिए तकनीक का भरपूर उपयोग करें, विद्यार्थियों से संवाद करने के लिए, साझे अध्ययन अध्यापन तथा स्वाध्याय को बढ़ावा देने के लिए ऑनलाइन शिक्षण टेक्नोलॉजी की क्षमताओं का भरपूर लाभ उठाएं।
उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू ने भारतीय लोक प्रशासन संस्थान के निदेशक तथा माखनलाल चतुर्वेदी विश्विद्यालय सहित दिल्ली, पॉन्डिचेरी, हैदराबाद व पंजाब विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए, बंदी के दौरान शिक्षा सत्र तथा ऑनलाइन अध्यापन के विषय पर चर्चा की। उपराष्ट्रपति भारतीय लोक प्रशासन संस्थान के अध्यक्ष हैं तथा तीन केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति हैं।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि सामान्य स्थिति बहाल होने में समय लग सकता है। वे ऐसी स्थिति में शिक्षा सत्र को सुचारू रूप से जारी रखने के लिए विश्वविद्यालयों द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी ले रहे थे।
उन्होंने अपेक्षा की कि बदलती हुई स्थिति के अनुसार, टेक्नोलॉजी के सम्यक प्रयोग से अध्ययन और अध्यापन कार्य को सुचारू रूप से निर्बाध रखा जाये और सभी विद्यार्थियों के साथ संवाद स्थापित किया जाय।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि वस्तुत: इस चुनौती ने भी भविष्य के लिए नए अवसर प्रदान किए हैं जब ऑनलाइन शिक्षा, पारंपरिक शिक्षा पद्धति की संपूरक बन जाएगी। ये चुनौती हमें नए समाधान खोजने के लिए प्रेरित कर रही है। उन्होंने कहा कि इस आपदा के बाद भी शिक्षण में टेक्नोलॉजी आधारित प्रणाली को सामान्य रूप से भी प्रयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने विश्वविद्यालयों द्वारा अध्ययन और अध्यापन को निर्बाध रखने के लिए किए गए प्रयासों पर संतोष व्यक्त किया।
उपराष्ट्रपति ने विश्वविद्यालयों तथा शिक्षण संस्थानों से कहा कि से छात्रावासों में रहने वाले छात्रों के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करें। वे सरकार एवम् स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा दिए गए सोशल डिस्टेंसिंग जैसे निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें।
श्री नायडू ने विद्यार्थियों को सलाह दी कि बंदी के दौरान वे प्रकृति के साथ कुछ समय बिताएं, कुछ व्यायाम करते रहें, आरामतलब जीवन शैली को त्याग करें और स्वस्थ भोजन शैली अपनाएं।
श्री नायडू ने विश्वविद्यालयों से आग्रह किया कि वे विद्यार्थियों को समय का सदुपयोग करने और विश्विद्यालय द्वारा उपलब्ध कराई जा रही ई- पाठ्यक्रम सामग्री का अध्ययन करने की सलाह दें। उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि वे मोबाइल फोन जैसे उपकरणों पर अधिक समय व्यर्थ न कर, बंदी की इस अवधि में कोई नई भाषा सीखने का प्रयास करें।
उपराष्ट्रपति ने विद्यार्थियों को सलाह दी कि वे अपने क्षेत्र के किसी समाजसेवी संगठन से जुड़ कर समाज सेवा के कार्य भी कर सकते हैं। उन्होंने अपेक्षा की कि विद्यार्थी और सभी नागरिक सरकार द्वारा समय समय पर जारी किए जा रहे निर्देशों का कड़ाई से पालन करें। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने सचिव डॉ आई वी सुब्बाराव भी उपस्थित रहे।