देहरादून: चतुर्थ राज्य वित्त आयोग द्वारा दूसरे दिन पंचायत प्रतिनिधियों की सुनवाई बैठक विकास भवन सभागार में
अध्यक्ष चतुर्थ राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष प्रो. बी.के. जोशी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। अध्यक्ष के साथ आयोग के सदस्य सी.एम.एस. बिष्ट तथा अविकल थपलियाल एवं सदस्य सचिव एम.एम पंत भी उपस्थित थे।
बैठक तीन चरणों में सम्पन्न हुई, प्रथम चरण में जिला पंचायत अध्यक्ष चमन सिंह, जिला पंचायत सदस्य, द्वितीय चरण में ब्लाक प्रमुख एवं क्षेत्र पंचायत सदस्य तथा तृतीय चरण में ग्राम प्रधानों एवं पंचायत सदस्यों से उनकी समस्याओं के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की। अध्यक्ष प्रो.. बी.के. जोशी ने पंचायत प्रतिनिधियों को बताया कि पंचायतों को सुदृढ व सक्षम बनाने के लिए आयोग सरकार को संस्तुतियंा करेगे तथा ग्राम पंचायतों में सफाई व्यवस्था चलाने हेतु बजट की संस्तुति करने का आश्वासन दिया तथा उन्होने ग्राम प्रधानों से ग्राम सभा की जमीन में टेªचिंग ग्राउण्ड बनाकर कूड़ा निस्तारण के ठोस प्रबन्धन के प्रस्ताव तैयार करने को कहा ।
प्रथम चरण की चर्चा के दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष चमन सिंह व जिला पंचायत सदस्यों ने एक स्वर से आयोग से अपेक्षा की, कि उनकी संस्तुति जिला पंचायतों को संजीवनी का कार्य करेंगी। श्री सिंह ने कहा कि वर्तमान में धनराशि की कमी एवं कर्मियों के वेतन के व्यय भार के कारण 60 प्रतिशत् जिला पंचायते हानि की स्थिति में है। श्री सिंह ने कहा कि गांवो के ढांचागत विकास पूर्व में जिला परिषद ही करती थी। इसलिए पैतृक राज्य यू.पी में शासनादेश कर दिया गया है, कि सन 1972 से पूर्व की गावों की परिसम्पत्ति जिला परिषद की मानी जाय। उन्होेने कहा कि जिला पंचायतों के पास तकनीकि मानव संसाधन उपलब्ध है, किन्तु जिला पंचायत को दी जाने वाली राशि में कटौती की गई है जबकि कुछ-2 कस्बाई ग्राम सभाओं को एक-एक करोड़ की धनराशि प्राप्त हुई हैं, जबकि उन ग्राम पंचायतों के पास मानव संसाधन नही है। श्री सिंह ने कहा कि पूर्व में जिला पंचायत देहरादून को रू0 15 करोड़ की धनराशि प्राप्त होती थी। उन्होने जिला पंचायत कार्यालय में पार्किंग न होने की समस्या रखते हुए पंचायत के पास उपलब्ध भूमि में जिला पंचायत कार्यालय एवं गेस्ट हाउस निर्माणके लिए रू0 4 करोड़ धनराशि की संस्तुति करने का अनुरोध किया तथा जिला पंचायत के जनपद में खस्ताहाल गेस्ट हाउसों यथा लाखामण्डल, नागथात आदि के रिनोवेशन हेतु अतिरिक्त बजट की मांग रखी। अध्यक्ष द्वारा अपर मुख्य अधिकारी को प्रांक्कलन सहित प्रस्ताव आयोग में भिजवाने के निर्देश दिये गये। जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मी सजवाण, देवश्वरी देवली, चित्रकला थापली, मीता रावत, सुनीता उपाध्याय, सूरत सिंह चैहान, टीना सिंह, अजमेट राठौर, सुनीता पुण्डीर, तेजेन्द्र सिंह, देवेन्द्र सिंह नेगी द्वारा एक स्वर से चतुर्थ वित्त आयोग से जिला पंचायत के लिए धनराशि बढाने का अनुरोध किया।
द्वितीय चरण की बैठक में प्रमुख कालसी-अर्जुन सिंह, रायपुर- बीना बहुगुणा, सहसपुर-रंजीता, विकासनगर- तारा देवी, ज्येष्ठ उप प्रमुख अश्वनी बहुगुणा, गोविन्द सिंह पुण्डीर, सीमा, सुखदेव फस्र्वाण ने कहा कि 14 वें केन्द्र वित्त आयोग द्वारा क्षेत्र पंचायतों की धनराशि में कटौती की गयी है, जिसके कारण क्षेत्र पंचायत सदस्यों को गांव में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। समस्त क्षेत्र पंचायत सदस्यों की मांग पर चतुर्थ राज्य वित्त आयोग द्वारा क्षेत्र पंचायत सदस्यों को गांव में सफाई व्यवस्था के क्रियान्वयन के लिए धन आंवटित करने का आश्वासन दिया गया। साथ ही प्रमुखों द्वरा केन्द्रीय वित्त आयोग द्वारा पंचायत निधि में कटौती किये जाने पर चिंता व्यक्त करते हुए आयोग से क्षेत्र पंचायत निधि में अधिक धनराशि की मांग की गई। ज्ञातव्य है पूर्व में क्षेत्र पंचायत निधि रू0 25 लाख की धनराशि मिलती थी, जो घटाकर अब 8 लाख कर दी गयी है।
तृतीय चरण की बैठक में ग्राम प्रधान केदारवाला- इमरान खान ,सेवलाकला खुर्द्ध- हरिप्रसाद भट्ट, हरिपुर- रेखा चैधरी, कालसी- विमला वर्मा, लच्छीवाला- गीता सावन्त, बाबूगढ- कर्मचन्द, भानियाववाल- फिरोजखान, डाकपत्थर- सुबोध गोयल, लाडपुर- घनश्याम पाल, दयानंद जोशी, प्रधान संगठन पवन कुमार द्वारा प्रकाश व्यवस्था तथा कूड़ा निस्तारण वाहन हेतु धनराशि बढाने की मागं की गयी।