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वैश्विक महामारी के विरुद्ध निरंतर संघर्ष में उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की सहभागिता एवम् प्रयास

उत्तर प्रदेश

राष्ट्र की आधारशिला भारतीय रेल का चक्र दिनांक 16.04.1853 को सर्वप्रथम गतिमान हुआ एवम् मुंबई से ठाणे के मध्य प्रथम रेल का शुभारंभ हुआ ,तदोपरांत प्रत्येक कालखंड में अपने स्वर्णिम कीर्तिमानों के गौरवमई अतीत के साथ भारतीय रेल का अविराम चक्र राष्ट्र की प्रगति एवम् समृद्धि का द्योतक रहा है तथा भारतीय रेल राष्ट्र को अपनी सर्वश्रेष्ठ सेवाएं प्रदान कर रही है।

वर्तमान समय में वैश्विक आपदा COVID19 द्वारा जनित विषम परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए एवम् इसके विरुद्ध किए जा रहे भागीरथी प्रयत्नों के अन्तर्गत उत्तर रेलवे का लखनऊ मंडल भी पूर्ण तत्परता से अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का सक्रिय निर्वहन कर रहा है।अपनी ऐतिहासिक,पौराणिक तथा आध्यात्मिक महत्ता एवम् उत्तर प्रदेश की राजधानी होने के कारण भारतीय रेल पर यह मंडल अपना एक विशिष्ट स्थान रखता है और मंडल अपने गौरव तथा प्रतिष्ठा के अनुरूप प्रत्येक परिस्थिति के साथ सामंजस्य बनाकर सदैव राष्ट्र के साथ कदमताल मिलाकर अपनी सर्वोच्च सेवाएं प्रदान करता रहा है एवम् इसी के अनुपालन में वर्तमान की विषम परिस्थितियों में मंडल सदैव की भांति अपनी सक्रिय सहभागिता तथा उत्कृष्ट सेवाओं हेतु निरंतर प्रयासरत है।

वर्तमान में व्याप्त महामारी के विरुद्ध अपनी रणनीतियों को प्रभावी रूप से अमल में लाते हुए नित्यप्रति अनगिनत प्रयासों तथा गतिविधियों को व्यापक स्तर पर अत्यंत योजनाबद्ध चरणों द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है साथ ही मंडल इस आपदा काल को दृष्टिगत रखते हुए अपने सामाजिक उत्तरदायित्वों एवम् कर्तव्यों के प्रति भी पूर्ण प्रतिबद्धता से जागरूक रहते हुए अपनी सक्रिय एवम् सशक्त भूमिका का निर्वहन भी कर रहा है तथा इसी के अनुपालन में मंडल के अन्य अधिकारियों के पारस्परिक सहयोग से संकलित रू.1,00,000 की धनराशि का चेक, मंडल रेल प्रबंधक श्री संजय त्रिपाठी द्वारा अपर मुख्य सचिव, गृह एवम् सूचना,उत्तर प्रदेश शासन श्री अवनीश कुमार अवस्थी से भेंट कर इस आपदा प्रबंधन में उत्तर प्रदेश, मुख्यमंत्री राहत कोष हेतु सहयोग स्वरूप भेंट किया गया।

मंडल रेल प्रबंधक श्री संजय त्रिपाठी ने अवगत कराया कि आज का दिन भारतीय रेल की दृष्टि से प्रत्येक देशवासी सहित समस्त रेलकर्मियों के लिए अत्यंत गौरव का दिन है एवम् इस विशेष दिवस पर हम सभी सामूहिक रूप से संकल्प करें कि हम सभी अपने सम्मिलित प्रयासों एवम् सहभागिता के द्वारा इस महामारी पर विजय प्राप्त करके पुनः राष्ट्र के नवनिर्माण एवं प्रगति की दिशा में नए कीर्तिमान स्थापित करेंगे परीक्षा की इस घड़ी में मंडल पूर्ण समर्पण से प्रतिबद्ध रहते हुए देश के सम्मानित नागरिकों की आशाओं के अनुरूप राष्ट्र को अपनी सर्वश्रेष्ठ सेवाएं प्रदान करने हेतु संकल्पित है। (जगतोष शुक्ला )

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