नई दिल्ली: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा कोविड-19 के कारण राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान सड़कों पर लोगों की मदद करने की सामाजिक जिम्मेदारी उठा ली गई है। 24 मार्च को प्रधानमंत्री द्वारा लॉकडाउन की घोषणा के तुरंत बाद, पूरे देश में मंत्रालय की फील्ड इकाइयों से आग्रह किया गया कि वे अपने कामगारों/ मजदूरों और आम लोगों को आवश्यक सहायता प्रदान करें।
मंत्रालय की सभी फील्ड इकाइयां और कार्यालय के साथ-साथ संबद्ध संगठन, एनएचएआई और एनएचआईडीसीएल, लोगों की कठिनाइयों को कम करने में मदद के लिए आगे आए हैं। देश के कई हिस्सों से लगातार रिपोर्टें आ रही है कि कैसे लोगों को बेहतरीन ढ़ंग से से मदद प्रदान की गई।
महाराष्ट्र में, जब इस सप्ताहांत में बड़ी संख्या में लोग राजस्थान, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में अपने मूल स्थानों की ओर जाने के लिए चिलचिलाती धूप में बच्चों और परिवार के सदस्यों के साथ आगे बढ़ रहे थे, तो उन्हें ठाणे इकाई द्वारा भोजन और पानी उपलब्ध कराया गया। भोजन के पैकेट के वितरण में मदद करने के लिए एक स्थानीय गैर सरकारी संगठन ‘समताविचारप्रसारकसंस्था’ का भी सहयोग लिया गया।
इसी प्रकार, उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में लॉकडाउन के कारण कई मजदूर और ट्रक चालक हाईवे पर फंसे हुए थे। वे बिना भोजन और पानी के थे। ऐसी स्थिति में परियोजना निदेशालय ने खुद से उन्हें खिलाने की जिम्मेदारी संभाली। निदेशालय के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा जिम्मेदारी संभालने के कारण परोपकार का यह काम लगातार जारी है। ठीक ऐसी ही घटना की जानकारी यूपी के फतेहपुर जिले से सामने आयी, जहां पर बड़ी संख्या में लोग और ट्रक ड्राइवर फंसे हुए थे, और सड़क किनारे भोजनालयों के बंद होने के कारण खाना उपलब्ध नहीं था। स्थानीय फील्ड कार्यालय ने आगे बढ़कर लोगों की परेशानियों को कम करने के लिए भोजन और पानी उपलब्ध कराया।
तमिलनाडु के त्रिची जिले में, एनएचएआई की पेट्रोलिंग टीम को नेशनल हाईवे नंबर 45 पर पलूर में पांच लोग मिले। उनके लिए तुरंत खाना और पानी का इंतजाम किया गया और उनकी सुरक्षा के लिए फेस मास्क दिया गया। इसके बाद उन्हें नजदीक के शरण स्थल में ले जाया गया, जहां पर आज तक उनकी अच्छी तरह से देखभाल की जा रही है।
महाराष्ट्र के वर्धा में एनएचएआई कंसेसियनार, लॉकडाउन की शुरुआत से लेकर अब तक लगभग 50 लोगों को पनाह दे रहा है। सड़क के किनारे ढ़ाबा, रेस्टोरेंट के बंद होने के कारण आवश्यक कार्यों में लगे वाहन चालकों व यात्रियों को भोजन व पानी मिलने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। सामाजिक दूरी और स्वच्छता का ध्यान रखते हुए नियमित रूप से इन लोगों को भोजन, पानी, हैंड वॉश की सुविधाएं प्रदान की जा रही है।