लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी की लड़ाई में टेस्टिंग लैब्स की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा उचित समय पर लिए गए निर्णयों एवं उठाए गए कदमों से कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में काफी मदद मिली है। लाॅक डाउन के माध्यम से भी इसे नियंत्रित करने में सफलता मिली है। इन सभी प्रयासों से कोरोना वायरस के संक्रमण को रोका जा सकेगा।
मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर प्रदेश में कोविड लैब टेस्टिंग के सन्दर्भ में वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 23 मार्च, 2020 को प्रदेश में टेस्टिंग की संख्या 72 थी, जो आज बढ़कर लगभग 3000 हो चुकी है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश जैसे बड़ी आबादी वाले प्रदेश के दृष्टिगत इस टेस्टिंग की क्षमता को तेजी के साथ बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि के0जी0एम0यू0 में पूल टेस्टिंग का कार्य प्रारम्भ हो चुका है। यह उत्साहवर्धक है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण पर नियंत्रण पाने के लिए टेस्टिंग की चुनौती को स्वीकार करते हुए टेस्टिंग प्रक्रिया को तेज करना होगा। साथ ही, मेडिकल इंफेक्शन को भी रोकना होगा। इसके लिए सभी सावधानियां बरती जाएं। उन्होंने कहा कि सभी 18 मण्डलों के 24 राजकीय मेडिकल काॅलेजों में एक-एक वायरोलाॅजी लैब स्थापित किए जाने की दिशा में कार्यवाही की जाए। इसके लिए धनराशि की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि 14 संस्थानों में टेस्टिंग की जा रही है। जिन मण्डलों में राजकीय मेडिकल काॅलेज नहीं हैं, वहां पर भी टेस्टिंग लैब स्थापित किए जाने के प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि भविष्य के दृष्टिगत कोविड-19 तथा अन्य वायरस से लड़ाई में पूरी तैयारी के साथ जुटना होगा। उन्होंने कहा कि संक्रमण पर नियंत्रण के सन्दर्भ में लापरवाही को रोका जाना तथा जागरूकता को बढ़ाना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में पिछले डेढ़ माह के अन्दर कोरोना के सम्बन्ध में सैम्पल की टेस्टिंग को कई गुना बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि व्यापक पैमाने पर उचित प्रशिक्षण और पी0पी0ई0 किट, एन-95 मास्क की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। इनकी कोई कमी न हो। इसके लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध है। आवश्यकतानुसार अतिरिक्त धनराशि भी दी जाएगी। इस संक्रमण से लड़ाई में माइक्रो प्लानिंग के साथ कार्य करना होगा। मेडिकल इमरजेंसी सेवाओं को संचालित करते हुए यह देखा जाना उचित होगा कि रोगी कोरोना पाॅजिटिव है या नहीं। बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और ऐसे रोगी जो पहले से किसी रोग से पीड़ित हैं, के साथ विशेष सावधानी बरती जाए। उन्होंने कहा कि चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ इस संक्रमण के खिलाफ युद्ध में दिन-रात एक कर रहे हैं और उनके प्रयासों के पक्ष में पूरा समाज खड़ा है।
मुख्यमंत्री जी ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आई0एम0एस0 बी0एच0यू0, जी0एम0आई0सी0 ग्रेटर नोएडा, एस0एन0एम0सी0 आगरा, आई0वी0आर0आई0 बरेली, अलीगढ़ मेडिकल काॅलेज, एल0एल0आर0एम0सी0 मेरठ, आर0एम0आर0सी0 गोरखपुर, एम0एल0बी0एम0सी0 झांसी, जी0एस0वी0एम0 कानपुर, एम0एल0एन0एम0सी0 प्रयागराज आदि के संस्थानों सहित लखनऊ के एस0जी0पी0जी0आई0, के0जी0एम0यू0, डाॅ0 राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, कमाण्ड हाॅस्पिटल, इटावा के उ0प्र0 आयुर्विज्ञान संस्थान सैफई से कोविड टेस्टिंग के सन्दर्भ में विस्तृत जानकारी प्राप्त करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन संस्थानों को मात्र लैब टेस्टिंग तक सीमित न रहकर कोरोना वायरस के सन्दर्भ में रिसर्च तथा वैक्सीन की सम्भावनाओं पर भी कार्य करना होगा।
प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री रजनीश दुबे ने मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया कि प्रदेश में 23 मार्च, 2020 को टेस्टिंग लैब की संख्या 01 थी, जो 12 अप्रैल, 2020 को बढ़कर 15 हो गई है। उन्होंने कहा कि पी0सी0आर0 मशीन, जेने-एक्सपर्ट मशीन, अबाॅट मशीन, आर0एन0एम0 एक्सट्रैक्टर मशीन, कोबास मशीन की उपलब्धता से टेस्ट की संख्या में कई गुना वृद्धि होगी। उन्होंने आई0सी0एम0आर0 के साथ नेटवर्किंग की गई है। मानव संसाधन व उपकरणों की उपलब्धता की दिशा में तेजी से कार्य किए गए हैं। बायो सेफ्टी और माॅलीक्यूलर टेस्टिंग के लिए प्रशिक्षण दिया गया है। इस सबसे टेस्टिंग की दिशा में प्रगति हुई है। के0जी0एम0यू0 में 24ग7 कण्ट्रोल रूम स्थापित किया गया है।
वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के दौरान चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री सुरेश खन्ना, मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री अमित मोहन प्रसाद सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।