नई दिल्ली: ग्रामीण विकास, पंचायती राज तथा कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने 20 अप्रैल, 2020 से गैर-नियंत्रण क्षेत्र में ढील दिए जाने तथा ऐसे गैर-नियंत्रण क्षेत्र में महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (एमजीएनआरईजीएस), प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) पीएमएवाई (जी), प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई), राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत कार्यों की शुरुआत के संबंध में आज राज्य ग्रामीण विकास मंत्रियों तथा राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के संबंधित अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस की।
श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने जोर देकर कहा कि हालांकि कोविड-19 महामारी के प्रसार द्वारा उत्पन्न चुनौती बेहद गंभीर है, लेकिन इस चुनौती को अनिवार्य रूप से सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा ग्रामीण अवसंरचना का विकास एवं सुदृढ़ीकरण करने, ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार अवसरों का सृजन करने एवं ग्रामीण आजीविकाओं के विविधीकरण को सुगम बनाने के एक अवसर के रूप में देखा जाना चाहिए।
उन्होंने जोर देकर कहा कि एमजीएनआरईजीएस के तहत फोकस जल शक्ति मंत्रालय एवं भू संसाधन विभाग की योजनाओं के संमिलन में जल संरक्षण, जल पुनर्भरण एवं सिंचाई कार्यों पर होना चाहिए।
मंत्री ने सराहना की कि एनआरएलएम के तहत महिला एसएचजी सुरक्षात्मक फेस कवर, सैनिटाइजर, साबुन बना रही हैं और बड़ी संख्या में समुदाय रसोई चला रही हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि अधिकतम संख्या में एसएचजी एवं उनके उत्पादों को सरकारी ई-मार्केट (जीईएम) पोर्टल पर होना चाहिए और एसएचजी उद्यमों को अनिवार्य रूप से विस्तारित एवं सुदृढ़ीकरण किया जाना चाहिए।
पीएमएवाई (जी) के तहत प्राथमिकता उन 48 लाख आवासीय इकाइयों को पूरी करने पर दी जानी चाहिए जहां लाभार्थियों को तीसरी और चैथी किस्तें दी गई हैं। पीएमजीएसवाई स्वीकृत सड़क योजनाओं में टेंडरों को जल्द अवार्ड किए जाने एवं लंबित स़ड़क परियोजनाओं को आरंभ करने पर फोकस होना चाहिए।
उन्होंने उल्लेख किया कि मंत्रालय ने पहले ही पीएमएवाई (जी), पीएमजीएसवाई, एनआरएलएम एवं एमजीएनआरईजीएस के तहत किए जाने वाले कार्यों के दौरान सभी सुरक्षा सावधानियों का अनुपालन के लिए परामर्शी जारी कर दिया है। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि सभी कार्यस्थलों पर निश्चित रूप से सभी आवश्यक सावधानियां बरती जानी चाहिए जिससे कि उक्त परामर्शी के अनुरूप श्रमिकों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को यह आश्वासन भी दिया कि उन्हें पर्याप्त वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराये जाएंगे।
सभी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश केंद्रीय ग्रामीण विकास, पंचायती राज तथा कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री के सुझावों से पूरी तरह सहमत हैं। विशेष रूप से, बिहार, कर्नाटक, हरियाणा एवं ओडिशा ने केंद्रीय सरकार को एमजीएनआरईजीएस के तहत बकाया वेतन एवं सामग्री के 100 प्रतिशत को जारी कर देने पर धन्यवाद दिया। बिहार, उत्तर प्रदेश एवं हरियाणा ने पीएमएवाई (जी) के तहत अतिरिक्त टार्गेट के लिए आग्रह किया। ओडिशा ने एनआरएलएम के तहत व्यापक स्तर पर कृषि एवं गैर कृषि उद्यमों के संवर्धन की आवश्यकता पर जोर दिया।
सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने आश्वासन दिया कि वे केंद्रीय गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुरूप एक प्रभावी एवं दक्ष तरीके से ग्रामीण विकास योजनाओं का कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए ग्रामीण विकास प्रक्षेत्र कर्मचारियों, पंचायती राज संस्थानों के पदाधिकारियों एवं अन्य समुदाय स्तर पदाधिकारियों को संघटित कर रहे हैं।