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श्रीमती निर्मला सीतारमण ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए न्यू डेवलपमेंट बैंक के संचालक मंडल की पांचवीं वार्षिक बैठक में भाग लिया

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नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज नई दिल्ली में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से न्यू डेवलपमेंट बैंक के संचालक मंडल (बोर्ड ऑफ गवर्नर्स) की पांचवीं वार्षिक बैठक में भाग लिया।

 न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) को ब्रिक्स के सदस्‍य देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) द्वारा वर्ष 2014 में स्थापित किया गया था। एनडीबी का उद्देश्य ब्रिक्स और अन्य उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं तथा विकासशील देशों में बुनियादी ढांचे एवं सतत विकास परियोजनाओं के लिए व्‍यापक संसाधन जुटाना है, ताकि वैश्विक प्रगति व विकास के लिए बहुपक्षीय और क्षेत्रीय वित्तीय संस्थानों द्वारा वर्तमान में किए जा रहे प्रयासों में तेजी लाई जा सके। एनडीबी ने अब तक भारत की 14 परियोजनाओं को मंजूरी दी है जिनमें 4,183 मिलियन डॉलर की राशि निहित है।

इस बैठक में अपने आरंभिक संबोधन में वित्त मंत्री ने एक विश्वसनीय वैश्विक वित्तीय संस्थान के रूप में स्‍वयं को स्थापित करने हेतु एनडीबी द्वारा किए गए ठोस प्रयासों के लिए उसकी सराहना की, जो और भी अधिक सतत एवं समावेशी दृष्टिकोण को अपनाकर अपने निर्दिष्‍ट प्रयोजन को सफलतापूर्वक पूरा कर रहा है।

कोविड-19 की चर्चा करते हुए श्रीमती सीतारमण ने ब्रिक्स देशों को लगभग 5 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता तेजी से उपलब्‍ध कराने के लिए एनडीबी द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की, जिसमें कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए भारत को 1 अरब डॉलर की आपातकालीन सहायता देना भी शामिल है। उन्‍होंने यह सुझाव भी दिया कि इस सुविधा के तहत सहायता राशि को बढ़ाकर 10 अरब डॉलर कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कोविड-19 से निपटने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा ‘कोविड-19 आपातकालीन कोष’ बनाने के लिए की गई पहल और जरूरतमंद देशों को महत्वपूर्ण दवाओं की आपूर्ति के लिए भारत द्वारा किए गए प्रयासों का उल्लेख किया। ब्राजील के वित्त मंत्री ने आवश्‍यक दवाओं के रूप में भारत से समय पर मिली मदद के लिए भारत का धन्यवाद किया।

श्रीमती सीतारमण ने कोविड-19 से निपटने के लिए भारत में किए गए विभिन्न महत्‍वपूर्ण उपायों को भी रेखांकित किया जिनमें स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने के लिए भारत सरकार द्वारा 2 अरब डॉलर (15,000 करोड़ रुपये) का आवंटन करना; गरीबों एवं कमजोर वर्गों के लोगों की कठिनाइयों को कम करने के लिए 25 अरब डॉलर की राशि के सामाजिक सहायता उपायों की एक योजना की घोषणा करना; 22 लाख से भी अधिक अग्रिम पंक्ति वाले स्वास्थ्य कर्मियों को प्रति व्यक्ति 67,000 डॉलर (50 लाख रुपये) का बीमा कवर देना और वैधानिक एवं नियामकीय अनुपालन में कंपनियों को राहत देने के अन्य प्रावधान  तथा भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मौद्रिक नीति को उदार बनाना, इत्‍यादि शामिल हैं।

इसके साथ ही उन्‍होंने अन्य बहुपक्षीय विकास बैंक (एमडीबी)/अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों (आईएफआई) के साथ जी-20 फोरम से जुड़ने हेतु समुचित कदम उठाने के लिए एनडीबी को दृढ़ता से प्रोत्साहित किया। आखिर में, उन्‍होंने ब्रिक्स राष्ट्रों को आवश्‍यक सहयोग देने के लिए एनडीबी से अभिनव प्रथाओं या तौर-तरीकों का पालन करने का अनुरोध किया, ताकि वे सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें।

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