पिछले साल अगस्त में भारत सरकार ने इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स को पोर्न कंटेंट वाली 857 वेबसाइट की लिस्ट सौंपी थी। कोर्ट ने भारत सरकार को ऑर्डर दिया था कि अगली सुनवाई पर वह इस मुद्दे पर एक एफिडेविट फाइल करे। अब इस मामले की अगली सुनवाई 20 मार्च को होगी। कोर्ट ने पूछा था कि अगर विदेशों में ऐसी साइटों पर रोक लग सकती है तो भारत में क्यों नहीं? इन पर कंट्रोल की जरूरत है।
सुप्रीम कोर्ट ने भारत सरकार को खासतौर से चाइल्ड पोर्नोग्राफी वेबसाइट्स को ब्लॉक करने के लिए तेजी से काम करने को कहा था। तब सरकार की ओर से कहा गया था कि ऐसी वेबसाइटों के सर्वर विदेशों में होने की वजह से इन्हें कंट्रोल नहीं किया जा सकता।