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पर्यटन मंत्रालय ने “देखो अपना देश” श्रृंखला के तहत “सेलेब्रेटिंग द इनक्रेडिबल इंडियन वीमेन इन रेस्पोंसिबल टूरिज्म” विषय पर 12 वें वेबिनार का आयोजन किया

देश-विदेश

नई दिल्ली: “देखो अपना देश” श्रृंखला के तहत “सेलेब्रेटिंग द इनक्रेडिबल इंडियन वीमेन इन रेस्पोंसिबल टूरिज्म” विषय पर 30 अप्रैल 2020 को आयोजित 12 वें वेबिनार में देश की कुछ विशिष्ट महिलाओं की व्यतिगत एवं प्रेरणादायी कहानियां प्रस्तुत की गई। इनमें यात्रा की एक वैकल्पिक कल्पना के बारे में चर्चा की गयी।

वेबिनार में परिचर्चा की गयी कि कैसे लोग पर्यटन के माध्यम से अपने जीवन और अपने समुदायों में बदलाव ला सकते हैं। यात्रा करते समय, स्थानीय संसाधनों का उपयोग करना, होमस्टे में ठहरना, एक छोटे परिवार के स्वामित्व वाले रेस्तरां में भोजन करना जैसे कार्य स्थानीय लोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण हो जाते हैं और इस प्रकार उन क्षेत्रों को बढ़ने में मदद करते हैं जो पर्यटन से सीधे तौर पर जुड़े होते हैं। इससे उन उद्यमों को भी आगे बढ़ने का मौका मिलता है जिसके बारे में कम ही लोग जानते हैं।

आउटलुक प्रकाशन समूह की इकाई, आउटलुक रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म इनिशिएटिव की टीम की सदस्यों – सोइटी बनर्जी, राधिका पी नायर और सोनाली चटर्जी ने कहा कि कोविड के बाद की दुनिया में महिलाओं की भूमिका पर्यटन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण होगी खासकर ऐसी स्थिति में जब होमस्टे और दूरस्थ गंतव्य पर्यटकों को आकर्षित करना शुरू कर देंगे।

वेबिनार में दस प्रेरक कहानियां प्रस्तुत की गईं :

• मान गांव, लद्दाख की स्टैनज़िन डोलकर जो एक नवोदित खगोलशास्त्री, टेलीस्कोप ऑपरेटर और खगोल उद्यमी हैं।

• कान्हा के पास बांधा तोला गांव की शिक्षिका सुनीता मरावी बीड आभूषण निर्माता हैं और बैगा जनजाति से ताल्लुक रखती हैं।

• मोन जिला, नागालैंड के शियाओंग गांव की फेजिन कोन्याक, एक कॉफी उत्पादक, होमस्टे की मालकिन और मानव विज्ञानी हैं। वे अपने कॉफी बागान और नारंगी बाग का प्रबंधन करती हैं और कोन्याक समुदाय में टैटू प्रथा विषय पर लेखन भी कर रही हैं।

• दिल्ली एनसीआर की लक्ष्मी एक आतिथ्य विशेषज्ञ है और मालिश करती है जिसने आतिथ्य और चिकित्सीय मालिश में अपना कैरियर बनाने के लिए अपनी विकलांगता को बाधा नहीं बनने दिया।

• उत्तराखंड के मुनस्यारी के सरमोली गांव की रेखा रौतेला, एक होमस्टे की मालकिन, बर्ड वाचिंग विशेषज्ञ और वन पंचायत की पंच हैं।

• महाराष्ट्र के देहेने गांव की रक्षा पाटेकर ग्रामीण पर्यटन विशेषज्ञ और मास्टर ट्रेनर हैं जो समुदाय आधारित पर्यटन परियोजनाओं के लिए आतिथ्य प्रशिक्षण प्रदान करती हैं।

• केरल के मोथकारा, वायनाड की सजना शाजी ड्रमर हैं और ट्रेवल गाइड हैं।

• उत्तरी बंगाल के चुईखिम की पबित्रा माया खवास होमशेफ और उद्यमी हैं।

• अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की सुमित्रा विश्वास, एक स्कूबा गोताखोर हैं और रीफ (पानी के नीचे) संरक्षक हैं।

पर्यटन मंत्रालय की वेबिनार श्रृंखला का उद्देश्य विशेषकर कम लोकप्रिय गंतव्य स्थलों एवं  लोकप्रिय स्थलों की अनजान विशेषताओं समेत भारत के विभिन्न पर्यटन स्थलों के बारे में जागरूकता पैदा करना और इन्हें बढ़ावा देना है।

जो लोग इन वेबिनार को नहीं देख पाए हैं, उनके लिए वेबिनार के एपिसोड  https://www.youtube.com/channel/UCbzIbBmMvtvH7d6Zo_ZEHDA/featured पर और पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार के सभी सोशल मीडिया हैंडल पर उपलब्ध हैं।

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