देहरादून: परम पूज्य श्री माताजी निर्मला देवी द्वारा प्रणित सहज योग के स्वर्ण जयंती (50 वीं वर्षगांठ) को यादगार बनाने के लिए, पिछले 40 दिनों से दुनिया के 70 से भी अधिक देशों के लाखों श्रद्धालु सामूहिक ऑनलाइन ध्यान का हिस्सा बनते जा रहे हैं।
सहज योग के स्वर्ण जयंती वर्ष में परम पूज्य श्री माताजी निर्मला देवी सहज योग ट्रस्ट (नेशनल ट्रस्ट) के माध्यम से दिन में दो बार दुनिया के सबसे बड़े ऑनलाइन ध्यान सत्र का आयोजन किया जा रहा है। यूट्यूब चैनल “प्रतिष्ठान पुणे” से जो आंकड़े प्राप्त हुए हैं उससे यह ज्ञात होता है कि पिछले 40 दिनों में 36 लाख लोगों द्वारा 14 लाख घंटे तक सहज योग ध्यान किया गया ।
सहज योग एक आंदोलन है, एक अभ्यास है, और एक जीवन शैली है। यह प्राचीन ग्रंथों में व अनेक अवतरणों द्वारा भलीभांति वर्णित है। हालांकि यह अपने गैर व्यावसायिक प्रकृति के कारण ध्यान का एक कम ज्ञात स्वरुप है । सहज योग ध्यान के इस रूप से साधकों को कुंडलिनी की गति द्वारा चैतन्य और समग्र सकारात्मक परिवर्तन का अनुभव प्राप्त होता है। सहज योग, हर मनुष्य के अंदर स्थित कुण्डलिनी शक्ति का ब्रम्हांड में मौजूद परमपिता परमात्मा की व्यापक शक्ति से योग का सहज अनुभव है । सहज योग, परम पूज्य श्रीमाताजी निर्मला देवी जी द्वारा 5 मई 1970 को समस्त मानव जाति को प्रदान किया गया एक अनुपम उपहार है। इस पावन दिन 5 मई को साधकों द्वारा “सहस्रार दिवस” के रूप में मनाया जाता है ।
जैसा कि प. पू. श्री माताजी निर्मला देवी जी द्वारा कहा गया है “आप अपने जीवन का अर्थ तब तक नहीं जान सकते, जब तक उस शक्ति से नहीं जुड़ जाते, जिसने आपका सृजन किया है”। “स्वयं के उत्थान को प्राप्त करना प्रत्येक मनुष्य का अधिकार है, और उसके लिए सभी आवश्यक शक्तियां आपमें में विद्यमान हैं। लेकिन क्योंकि मैं आपकी स्वतंत्रता का सम्मान करती हूँ, इस अवस्था को प्राप्त करने के लिए आपको इच्छा करनी पड़ेगी, यह आप पर जबरदस्ती नहीं थोपा जा सकता ।”
परम पूज्य श्री माताजी निर्मला देवी ट्रस्ट के वाइस चेयरमैन श्री दिनेश राय ने बताया कि हम स्वेच्छा से विद्यालयों, कालेजों, संस्थाओं, चिकित्सा कॉलेजों तथा दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में जाते हैं ताकि उन्हें आत्मसाक्षात्कार को प्राप्त करने में मदद कर सकें तथा वास्तविक ध्यान की प्रक्रिया को पूर्णतः निरूशुल्क समझा सके । सहज योग की प्रक्रिया किसानों के लिए खेती में भी लाभदायक है । इसके उदाहरण हमारे देश में मौजूद है। सहज योग अनमोल है और हमारी यह स्वैच्छिक मदद सभी जाति, धर्म, वर्ग व नस्ल के लिए है ताकि आत्मसाक्षात्कार की प्राप्ति सर्व साधारण को सुलभ हो सके ।”
इस 50 वीं स्वर्ण जयंती महोत्सव को ऑनलाइन ध्यान सत्रों, वर्कशाप तथा संगीत के कार्यक्रम के साथ 1 मई से 5 मई तक मनाया जाएगा ताकि लोग अपने घरों से ही इस लॉकडाउन के समय इस पांच दिवसीय सहस्रार दिवस महोत्सव में शामिल हो सकें। इस निशुल्क ध्यान का आयोजन विभिन्न सोशल मीडिया के माध्यम जैसे यूट्यूब लाइव, फेसबुक लाइव और मिक्सलर द्वारा प्रसारित किया जाएगा। देश-विदेश से साधकों ने इससे संबंधित जानकारी हेतु ट्रस्ट की हेल्पलाइन 1800 3070 0800 पर संपर्क किया है। निरूशुल्क ध्यान सत्र, यूट्यूब चैनल “प्रतिष्ठान पुणे तथा फेसबुक चैनल “इंडियासहज योगा पर, प्रसारित होते हैं ।
श्री दिनेश राय के अनुसार पिछले कुछ दिनों में हमें 25000 से ज्यादा नए लोगों ने निरूशुल्क ध्यान सीखने के लिए संपर्क किया है । इस पहल के पीछे एकमात्र उद्देश्य यही है कि सभी अपना आत्मसाक्षात्कार निशुल्क प्राप्त कर सके, व अपने जीवन में पूर्ण संतुलन प्राप्त कर सके। क्योंकि ऐसे समय में किसी भी मनोअवसाद, तनाव, चिंता, परेशानी और बीमारी से बचाव में सहज योग ध्यान पद्धति से मदद मिलती है और लोग इसे निशुल्क प्राप्त कर रहे हैं।