देहरादून: बीजापुर हाउस में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सौर ऊर्जा आधारित सूर्योदय स्वरोजगार योजना का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि
राज्य सरकार का लक्ष्य है कि इस योजना के तहत 2000 युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा जाय। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हमारा प्रयास है कि हमारे युवा स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़े। युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग नीतियां तैयार की जा रही है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि इस योजना के तहत 5 से 10 किलोवाट तक की योजना आगे आने वाले युवाओं को भारत सरकार से मिलने वाली सब्सिडी के साथ ही राज्य सरकार भी 20 प्रतिशत सब्सीडी अतिरिक्त देने पर विचार कर सकती है। शेष धनराशि बैंको के माध्यम से ऋण के रूप में उपलब्ध करायी जायेगी। इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा इस योजना में बैंकों की बड़ी भागीदारी सुनिश्चित होनी चाहिए। बंैक इस योजना के सरल प्रक्रिया अपनाते हुए ऋण उपलब्ध कराये। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों मे सौर ऊर्जा आधारित बिजली उत्पादन को अधिक प्रोत्साहित करे। स्थानीय लोगो की सहभागिता अधिक हो, ऐसे प्रयास किये जाय।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव डा. उमाकांत पंवार ने बताया कि पर्वतीय क्षेत्रों के लिए 90ः अनुदान पर सौर ऊर्जा आधारित आय एवं स्वरोजगार को प्रात्साहित करने के लिए सूर्योदय स्वरोजगार योजना शुरू की गई है। उन्होनंे बताया कि यह योजना केवल पर्वतीय क्षेत्रों के लिए होगी। इसके तहत पात्र व्यक्ति को एक 5 किलोवाट क्षमता का संयत्र अनुमन्य होगा। इसके साथ ही पात्र व्यक्ति द्वारा अपनी भूमि पर लघु सौर ऊर्जा संयत्र स्थापित कर विद्युत उत्पादन किया जायेगा। उन्होंने बताया कि लाभार्थी की स्वयं की विद्युत खपत के उपरान्त अवशेष विद्युत को यूपीसीएल द्वारा क्रय किया जायेगा, जिसके लिए लाभार्थी को विक्रय की गयी विद्युत का मूल्य प्राप्त होगा। साथ ही संयत्र का संचालन लाभार्थी द्वारा स्वयं किया जायेगा। इस हेतु लाभार्थी को फर्म द्वारा प्रशिक्षित किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि यह योजना बैंक के माध्यम से वित्त पोषित की जायेगी। साथ ही 5 किलोवाट के संयत्र की अनुमानित लागत लगभग रू0 3.5 लाख होगी। संयत्र की कुल लागत का 90 प्रतिशत अंश राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में वहन किया जायेगा, जो सीधे बैंक को हस्तान्तरित/भुगतान किया जायेगा। संयत्र की कीमत का 10 प्रतिशत अंश लाभार्थी को स्वयं वहन करना होगा। उन्होंने बताया कि 10 प्रतिशत अंशदान बैंक से ऋण के रूप में भी प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस योजना के अनुसार 5 किलोवाट के संयत्र से लाभार्थी को लगभग 20 से 25 हजार रूपये वार्षिक आय/लाभ होगा। साथ ही लाभार्थी के साथ यूपीसीएल द्वारा विद्युत क्रय किये जाने हेतु 25 वर्षों का अनुबन्ध भी किया जायेगा। उन्होंने बताया कि लाभार्थी के पास यूपीसीएल का विद्युत कनेक्शन होना आवश्यक है। 5 किलोवाट क्षमता के संयत्र की स्थापना हेतु लगभग आधी नाली (100 वर्गमीटर) भूमि/छत की आवश्यकता होगी। लाभार्थी उŸाराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्र का निवासी होना चाहिए। यह योजना 30 प्रतिशत आरक्षण गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के व्यक्तियों के लिये है। लाभार्थी को स्वंय की व्यय पर संयत्र का बीमा कराया जाना अनिवार्य होगा।
उन्होंने बताया कि आवेदन पत्र उरेडा के जनपद कार्यालय/उरेडा की वेबसाइट से प्राप्त किये जा सकते है। इच्छुक लाभार्थी अपने जनपद के उरेडा कार्यालय में आवेदन निर्धारित तिथि तक डाक/कोरियर के माध्यम से जमा करा सकते है। उन्होंने बताया कि निर्धारित संख्या से अधिक आवेदन प्राप्त होने की दशा में पहले प्राप्त होने वाले आवेदनों को वरीयता दी जायेगी। साथ ही लाभार्थी अंश हेतु बैंक से ऋण की आवश्यकता की दशा में लाभार्थी द्वारा आवश्यक अभिलेख उपलब्ध कराये जाने होंगे।