कोरोना संकट के बीच केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में कटौती का कोई प्रस्ताव नहीं है। वित्त मंत्रालय ने सोमवार को स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन में कटौती का कोई प्रस्ताव नहीं है। इस संदर्भ में आई खबरों पर अपनी प्रतिक्रिया में मंत्रालय ने ट्विटर पर लिखा है, ‘केंद्र सरकार के किसी भी श्रेणी के कर्मचारियों के मौजूदा वेतन में किसी भी प्रकार की कटौती का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।’
मंत्रालय ने लिखा है, ‘मीडिया के एक हिस्से में आई इस प्रकार की रिपोर्ट गलत और आधारहीन है। पिछले महीने सरकार ने अपने 50 लाख कर्मचारियों और 61 लाख पेंशनभोगियों को बढ़े हुए महंगाई भत्ते के भुगतान पर रोक लगा दी। सरकार कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए जरूरी संसाधन जुटाने को लेकर अपने खर्च में कटौती कर रही है, इसी के तहत बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता नहीं देने का निर्णय किया गया। वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला व्यय विभाग ने एक कार्यालय ज्ञापन में कहा था कि एक जनवरी 2020 से 30 जून 2021 के बीच महंगाई भत्ता मद में कोई बकाए का भुगतान नहीं किया जाएगा।
There is no proposal under consideration of Govt for any cut whatsoever in the existing salary of any category of central government employees.
The reports in some section of media are false and have no basis whatsoever.@nsitharamanoffc @PIB_India @DDNewslive @airnewsalerts— Ministry of Finance (@FinMinIndia) May 11, 2020
बता दें कि केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों और पेंशनधारियों के लिए महंगाई भत्ता बढ़ाने पर रोक लगा चुकी है। सरकार के इस फैसले का असर 54 लाख सरकारी कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों पर पड़ेगा। सरकार का यह फैसला कोरोना वायरस महामारी के चलते लिया गया है, जिसकी वजह से सरकारी राजस्व बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग द्वारा जारी एक आधिकारिक ज्ञापन में कहा गया था कि कोरोना वायरस महामारी के कारण उत्पन्न संकट को देखते हुए केंद्र सरकार के कर्मचारियों तथा पेंशनभोगियों को महंगाई भत्ते में एक जनवरी 2020 से मिलने वाली किस्त को रोकने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही एक जुलाई 2020 से और एक जनवरी 2021 में दी जाने वाली महंगाई भत्ते की अगली किस्त के भुगतान पर भी रोक लगाने का निर्णय लिया गया है। Source Live हिन्दुस्तान