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पर्यटन मंत्रालय ने ‘देखो अपना देश‘ श्रृंखला के तहत ‘मैसूर: क्राफ्ट कारवां आफ कर्नाटक‘ नामक वेबीनार के माध्यम से मैसूर के सदियों पुराने शिल्पों को प्रस्तुत किया

देश-विदेश

नई दिल्ली: भारत के समृद्ध हस्तशिल्प धरोहर को प्रदर्शित करने एवं आगंतुकों तथा पर्यटकों को इसका अनुभव सुगम करने के लिए पर्यटन मंत्रालय ने ‘देखो अपना देश‘ श्रृंखला के तहत ‘मैसूर: क्राफ्ट कारवां आफ कर्नाटक‘ नामक वेबीनार के माध्यम से मैसूर शहर के आसपास सदियों से फल फूल रहे चन्नापटना खिलौनों, रोजवुड इनले क्राफ्ट नामक शिल्प रूपों की मनमोहक यात्रा की पेशकश की।

14 मई, 2020 को देखो अपना देश वेबीनार श्रृंखला के 19वें सत्र को एनआईएफटी, बंगलुरु की निदेशक सुश्री सुसान थाॅमस, फैकल्टी एनआईएफटी, बंगलुरु के डा. यतींद्र लक्कना एवं एनआईएफटी, बंगलुरु की सुश्री शिल्प्रा राव द्वारा प्रस्तुत किया गया। उन्होंने भारत के करघा एवं शिल्प की समृद्धि तथा शिल्प पर्यटन के इर्दगिर्द एक वैकल्पिक गाथा के निर्माण तथा पर्यटन मानचित्र पर स्वदेशी शिल्प को एक स्थान दिलाने में सहायता किए जाने की आवश्यकता को रेखांकित किया। प्रस्तुतिकरण में मैसूर की यात्रा करने वाले आगंतुकों के लिए दृश्य से पीछे की कहानी, शिल्प कलाकारों के शहरों एवं गांवों, जिन्होंने मैसूर के विभिन्न शिल्प रूपों को संरक्षित रखा है तथा उसका पालन पोषण करने में सहायता की है, की यात्रा करने के अवसरों का भी अनावरण किया गया।

शिल्प न केवल भारत की समृद्ध विरासत और संस्कृति के अंतरंग हिस्से हैं, बल्कि वे भार की अर्थव्यवस्था के केंद्रीय हिस्से भी बन सकते हैं। प्रधानमंत्री के ‘आत्म निर्भर भारत ‘ की अपील को ध्यान में रखते हुए शिल्प पर्यटन का उद्वेश्य बिना पर्यावरण की चिंताओं से समझौता किए समुदायो की सहायता करना, रोजगार उपलब्ध करना और सामाजिक समेकन को बढ़ावा देना है तथा इस प्रकार पर्यटकों को अनूठा अनुभव प्रदान करना हे। भारत के पारंपरिक शिल्पों में गावों एवं शहरों को एक आर्थिक महाशक्ति बना देने की क्षमता है।

14 अप्रैल, 2020 को आरंभ देखो अपना देश वेबीनार श्रृंखला ने अभी तक 19 सत्र संचालित किए हैं जिनमें उन विविध पर्यटन उत्पादों एवं अनुभवों को प्रदर्शित किया गया है जिसकी पेशकश भारत पूरे देश में करता है। इस श्रृंखला का अभी तक 86456 व्यक्तियों ने अवलोकन किया है।

इलेक्ट्रोनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) द्वारा सृजित राष्ट्रीय ई-गर्वनेंस प्रभाग (एनईजीडी) एक पेशेवर टीम द्वारा प्रत्यक्ष रूप से तकनीकी सहायता उपलब्ध कराने के जरिये देखो अपना देश वेबीनारों के संचालन में मंत्रालय की सहरयता करने में एक प्रमुख भूमिका निभाता रहा है और इस प्रकार डिजिटल अनुभव प्लेटफार्म का उपयोग करते हुए सभी हितधारकों के साथ प्रभावी नागरिक सहयोग तथा संवाद सुनिश्चित करता है।

भारत सरकार का पर्यटन मंत्रालय mygov.in. पर देखो अपना देश लोगो डिजाइन प्रतियोगिता के जरिये देश के नागरिकों से रचनात्मक इनपुट पर आधारित एक लोगो विकसित करने के द्वारा ‘ देखो अपना देश‘ अभियान के लिए एक विशिष्ट ब्रांड पहचान की खोज कर रहा है। यह प्रतियोगिता 16 मई, 2020 को बंद हो जाएगी।

वेबीनारों के सत्र अब https://www.youtube.com/channel/UCbzIbBmMvtvH7d6Zo_ZEHDA/featured पर तथा भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय के सभी मीडिया हैंडलों पर भी उपलब्ध हैं।

वेबीनार का अगला इपिसोड 16 मई, 2020 को सुबह 11 बजे निर्धारित है जिसका शीर्षक है उत्तराखंड: सिंपली हेवेन । रजिस्ट्रेशन लिंक: https://bit.ly/UttarakhandDAD

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