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कोविड के बाद भारत और मजबूती से उभरेगा तथा विश्व बिरादरी में सम्मान पाएगा: डॉ जितेंद्र सिंह

देश-विदेश

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज यहां कहा कि कोविड के बाद भारत और मजबूती से उभरेगा तथा विश्व बिरादरी में सम्मान पाएगा। एक निजी टीवी चैनल के साथ साक्षात्कार में डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने कहा कि संकट की इस घड़ी में सभी शंकाओं और पूर्वानुमानों के बावजूद उन्हें यह भरोसा है कि आज से 6 महीने बाद दुनिया भारत को सम्मान की दृष्टि से देखेगी और हमारे साथ जुड़ने की कोशिश करेगी। उन्होंने कहा कि यही नहीं, भारत व्यवसाय के लिए भी एक सुरक्षित जगह के रूप में उभरेगा।

डॉ जितेंद्र सिंह ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा समय रहते लाकडाउन की घोषणा करने से भारत को कोविड के बाद की दुनिया के मानकों के अनुसार खुद को तैयार करने में काफी मदद मिली।

पूर्वोत्तर क्षेत्र, जो आमतौर पर पर्यटन पर ही निर्भर है, का प्रभारी होने के नाते जब उनसे खास तौर पर कोविड महामारी के प्रभाव के बारे में पूछा गया तो डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र को निश्चय ही पर्यटन में फायदा होगा और यह यूरोप सहित अन्य पश्चिम देशों के सैलानियों को आकर्षित करना शुरू कर सकता है क्योंकि जब उन देशों के ज्यादातर पर्यटक स्थल कोरोना से बुरी तरह प्रभावित रहे तब भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र ही है जो नि:संदेह कोरोना से मुक्त रहा और सिक्किम जैसे कुछ लोकप्रिय पर्यटक स्थल में तो कोरोना का एक भी पॉजिटिव मामला सामने नहीं आया। डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने कहा कि जहां तक व्यापार की बात है तो भारत के सामने एक मौका है कि वह अपने ‘मेक इन इंडिया’ मिशन को पूरी ताकत से आगे बढ़ाए। इस बारे में उन्होंने बांस का उदाहरण दिया जिसमें सालाना 5000 से 6000 करोड़ रुपए का कारोबार होता है और एक बड़े अनुपात में अगरबत्ती एवं बांस से बनी अन्य वस्तुएं दूसरे देशों से आयात कराई जाती हैं।

 उन्होंने कहा कि इसी तरह हमारा फार्मा उद्योग पहले ही तेजी पकड़ चुका है और कोविड के संदर्भ में भी हम दवाइयां और टीके बनाने की ओर अग्रसर हैं और इस तरह वह भी निर्यात के लिए हमारे हाथ में होगा। जब केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के लिए हाल ही में जारी की गई अधिवास अधिसूचना के बारे में पूछा गया तो डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह उस प्रक्रिया का विस्तार है जिसकी शुरुआत 5 अगस्त 2019 में की गई थी और अब यह तार्किक समापन की ओर बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि भावी पीढ़ी इस फैसले के सकारात्मक नतीजों को महसूस करेगी ।

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