नई दिल्ली: मणिपुर के 6 स्वायशासी जिला परिषदों का प्रतिनिधित्व करने वाले मणिपुर पार्षदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास
(डोनर) राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक एवं लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह से मुलाकात की और उनसे मणिपुर के पहाड़ी क्षेत्रों से संबंधित 14वें वित्त आयोग की अनुशंसाओं के बारे में उनसे हस्तक्षेप करने की मांग की।
चंदेल, चुराचांदपुर, सदर हिल्स, सेनापति, तमेंगलॉग एवं उखरुल के 6 स्वायत्तशासी जिला परिषदों ने निर्मित एक प्रतिनिधिमंडल ने डॉ. जितेन्द्र सिंह को एक ज्ञापन दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि पड़ोसी पूर्वोत्तर राज्यों में अनुसूची-vi के तहत क्षेत्रों के साथ-साथ मणिपुर के पहाड़ी क्षेत्रों को 7वें वित्त आयोग के अधिकार क्षेत्र के दायरे से बाहर कर दिया गया था।
उन्होंने 14वें वित्त आयोग की अनुशंसाओं को उद्धृत किया जिसमें कहा गया था कि मेघालय, मिजोरम,त्रिपुरा एवं असम, मणिपुर के पहाड़ी जिलों के क्षेत्र, नगालैंड एवं मिजोरम के ग्रामीण क्षेत्र उन उपायों के दायरे से बाहर रहेंगे जिन्हें हमने पंचायतों एवं नगरपालिकाओं के लिए अनुशंसित किया था।
ज्ञापन में आगे कहा गया कि मणिपुर के पांच पहाड़़ी जिलों को 6 स्वायतशासी जिलों में विभाजित कर दिया गया है जो भारत के संविधान की अनुसूची-vi के तहत नहीं आते हैं। ज्ञापन में कहा गया कि बिना केंद्र सरकार की विशेष मदद से जिला परिषदों के लिए अपने कार्य का निर्वाह करना मुश्किल है।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने प्रतिनिधिमंडल की बातें ध्यानपूर्वक सुनीं और उन्हें भरोसा दिलाया कि उनके मुद्दों को वित्त मंत्रालय और अन्य संबंधित विभागों के सामने उठाया जाएगा।