नई दिल्ली: केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री, श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने आज नई दिल्ली में इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस स्कीम (आईओई) के अंतर्गत स्वीकृत कार्यों के प्रगति की समीक्षा करने के लिए आयोजित की गई बैठक की अध्यक्षता की। बैठक की सह-अध्यक्षता मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री, श्री संजय धोत्रे ने की। इस बैठक में श्री अमित खरे, सचिव, उच्च शिक्षा और श्री चंद्रशेखर, संयुक्त सचिव (आईओई) भी इस उपस्थित थे। इस अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एमएचआरडी के ब्यूरो प्रमुख, विभिन्न संस्थानों के कई निदेशक और विभिन्न आईओई के कुलपति भी उपस्थित हुए।
बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री ने आईआईएससी बैंगलोर और अन्य आईआईटी संस्थानों को बधाई दी जिन्होंने हाल ही में जारी किए गए एशिया रैंकिंग में शीर्ष 100 में स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने अन्य संस्थानों से भी आग्रह किया कि वे अपनी रैंकिंग में सुधार लाने के लिए दूसरों का अनुकरण करें और दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करें। श्री निशंक ने आग्रह किया कि प्रधानमंत्री के नए भारत के निर्माण के सपने को साकार करने के लिए संस्थाएं कड़ी मेहनत करें।
मंत्री ने कहा कि आईआईटी के निदेशकों की एक टीम का गठन किया जा सकता है जो यह सुझाव दे सकते हैं कि हम संस्थानों के ग्रहणबोध को कैसे बेहतर बना सकते हैं और कैसे हम अंतर्राष्ट्रीय रैंकिंग में सुधार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमें ‘बॉंड बिल्डिंग ऑफ द स्टडी इन इंडिया स्कीम’ के लिए कार्य योजना बनाना चाहिए।
बैठक के दौरान, मंत्री ने कहा कि आईओई और एचईएफए के कार्यों की निगरानी करने के लिए 15 दिनों में एमएचआरडी में एक परियोजना प्रबंधन इकाई की स्थापना की जानी चाहिए। श्री निशंक ने यह आश्वासन दिया कि आईओईई के विभिन्न सार्वजनिक संस्थानों के लिए एमएचआरडी की तरफ से एक प्रतिबद्धता पत्र जारी किया जाएगा कि आईओई के समझौता ज्ञापन के अनुसार खर्च के लिए धनराशि निर्गत की जाएगी। उन्होंने यह भी इच्छा व्यक्त किया कि अब निर्माण गतिविधियां खुल चुकी हैं और आईओई के कार्यों को तेज गति से किया जा सकता है जो कोविड-19 के कारण बंद हो गए थे।
श्री निशंक ने कहा कि प्रत्येक संस्थान के द्वारा तीन वर्ष के लिए विजन डॉक्यूमेंट को तैयार करके संकलन के लिए एमएचआरडी को भेज दिया जाए। उन्होंने कहा कि विभिन्न संस्थानों द्वारा अनुसंधान और नवाचारों से संबंधित किए जा रहे कार्यों को विभिन्न संस्थानों द्वारा प्राप्त किया जा सकता है और उनके व्यापक प्रचार और प्रसार के लिए उन्हें युक्ति पोर्टल पर अपलोड किया जाना चाहिए।
बैठक के दौरान, समझौता ज्ञापन के मसौदे और निजी संस्थानों के निरीक्षण से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की गई।