देहरादून: न्यू कैन्ट रोड़ मुख्यमंत्री आवास में अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के पूर्व दिवस पर उत्तराखण्ड महिला आयोग व महिला सशक्तिकरण एवं
बाल विकास विभाग के संयुक्त तत्वाधान में ’’पेंटिंग कार्यशाला’’ का आयोजन किया गया। पेंटिंग कार्यशाला का शुभारम्भ राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा श्रीमती सरोजनी कैन्तुरा एवं प्रमुख सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने संयुक्त रूप से किया।
राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा श्रीमती सरोजनी कैन्तुरा ने बताया कि इस कार्यशाला से एक बेहतर व अच्छे समाज के निर्माण का संदेश जायेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं के संदेश का उद्देश्य ही महिलाओं की स्थिति में सुधार लाना है। उन्होंने कहा कि वे विभिन्न न्याय पंचायतों, विभिन्न ब्लाॅक एवं गांवो का भ्रमण कर महिलाओं को जागरूक करने, उनमें जागरूकता लाने एवं उन्हें सशक्त बनाने का संदेश देती हैै। उन्होंने कहा कि यदि किसी गांव में कोई महिला पीडि़त है तो वह वहां के सीडीपीओ व डीपीओ को सूचित करें, उनकी समस्यों का समाधान मौके पर ही किया जायेगा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में महिलाओं को विकास से कैसे जोड़ा जाए इसके लिए प्रत्येक जनपद में कैम्प लगाए जायेंगे।
प्रमुख सचिव श्रीमती रतूड़ी ने बताया कि इस कार्यशाला का उद्देश्य सामाजिक मुद्दों जिनमें महिलाओं व बालिकाओं में असामानता होती है, उन मुद्दों में महिलाओं व बालिकाओं को जागरूक एवं संवेदनशील बनाना है। बेटियों को बचाने का संदेश इस कार्यशाला के माध्यम से दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में सभी प्रतिभागियों द्वारा बनाई गई पेंटिंग की प्रदर्शनी लगाई जायेगी। इसके साथ ही विभिन्न वर्ग के लोगों को मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा सम्मानित भी किया जायेगा। कार्यक्रम में तीलू रौतेली पुरस्कार, आंगनबाड़ी कार्यकत्री पुरस्कार एवं विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धि हासिल करने वाली महिलाओं को भी विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया जायेगा। कार्यक्रम में आई.ए.एस., आई.पी.एस. एवं आई.एफ.एस अधिकारियों को भी सम्मानित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि महिलाएं राज्य की आर्थिकी की रीढ़ है। ग्रामीण व पर्वतीय क्षेत्रों की अर्थवयवस्था महिलाओं पर निर्भर है। महिलाओं को सम्मान देना उनकी मेहनत को मान्यता देना यह एक सराहनीय कदम है। उन्होंने मीडिया से अनुरोध किया कि महिला कल्याण एवं महिला सशक्तिकरण के लिए आयोजित किए जा रहे कार्यक्रमों का व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार करें। साथ ही सामाजिक मुद्दों, महिलाओं के साथ हो रहे भेदभाव व अन्याय को दूर करने एवं एक बेहतर समाज बनाने के लिए मीडिया को अहम भूमिका निभानी होगी।
सदस्य सचिव राज्य महिला आयोग श्रीमती सुजाता ने बताया कि मन के भावों को चित्रों व रंगों द्वारा कैसे अभिव्यक्त किया जा सकता है, इसी उद्देश्य से इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। कार्यशाला में 13 चित्रकारों, विभिन्न ब्लाॅको एवं शहर की मलिन बस्तियों से आयी 11 से 18 वर्ष तक की 50 किशोरियों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि चित्रकारों द्वारा विभिन्न थीम पर आधारित पेंटिंग की गई है।
पेंटिंग कार्यशाला में भाग ले रही किशोरियों ने बताया कि उनके द्वारा की गई पेंटिंग के माध्यम से उन्होंने महिला सशक्तिकरण को दर्शाया है। उन्होंने बताया कि कैसे महिलाओं को समाज में आगे आने का मौका मिले व कैसे महिलाओं को जागरूक बनाया जाए यह उन्होंने पेंटिंग के माध्यम से बताने का प्रयास किया है।