लखनऊ: उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डा0 महेन्द्र सिंह ने गंगा संगठन के हरिद्वार खण्ड व यमुना संगठन के सहारनपुर व मथुरा खण्ड की समीक्षा करते हुए बाढ़ पूर्व तैयारियों की धीमी प्रगति पर असंतोष जाहिर करते हुए मानसून से पहले सभी निर्माण कार्य पूरा किये जाने के कड़े निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बाढ़ से बचाव की तैयारी इस गम्भीरता के साथ की जाय कि धनजन एवं फसलों की हानि कम से कम हो सके।
डा0 महेन्द्र सिंह कल गुरूवार को देर रात अपने सरकारी आवास पर पूर्वी गंगा, गंगा व यमुना संगठन से संबंधित बाढ़ परियोजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा समय-समय पर दिए गए निर्देशों के क्रम में बाढ़ से निपटने की तैयारियां पुख्ता ढंग से की गई, जिसके फलस्वरूप इस सरकार के कार्यकाल में मात्र 42 हजार हे0 भूमि ही बाढ़ की चपेट में आ सकी, जबकि पूर्व में लगभग 5 लाख हे0 भू-भाग प्रभावित होता था और बड़े पैमाने पर धनजन की हानि होती थी।
डा0 महेन्द्र सिंह ने पूर्वी गंगा संगठन से संबंधित बाढ़ परियोजनाओं की समीक्षा की, जिनमें मुरादाबाद, रामपुर, बिजनौर, बरेली व बदायूं के जनपद आते हैं। इनसे संबंधित परियोजनाओं को वर्षा काल से पूर्व पूरा करने की हिदायत दी। इसके अलावा गंगा संगठन के अन्तर्गत मेरठ, हरिद्वार, बागपत, गौतमबुद्धनगर व बुलन्दशहर जनपदों की सभी परियोजनाओं को समय पूर्ण करने के निर्देश दिए, ताकि बाढ़ के चपेट में आने वाले गांवों को सुरक्षित किया जा सके।
जलशक्ति मंत्री ने निर्देश दिये कि निर्माणाधीन परियोजनाओं को अधिक से अधिक मानव संसाधन व मशीनें लगाकर 25 जून से पहले पूरा किया जाय। संवेदनशील तथा अतिसंवेदनशील क्षेत्रों और स्थलों पर सीसीटीवी कैमरा लगाकर लाइव वाचिंग की व्यवस्था करायी जाय। इसके साथ ही नालों की सफाई 25 जून से पहले पूरा करा लिया जाय। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी एवं कर्मचारी संचालित निर्माण कार्यों का सघन निरीक्षण करें तथा कार्य स्थल पर ही मौजूदगी बनाये रखें।
डा0 महेन्द्र सिंह ने कहा कि कराये जा रहे कार्यों का अभिलेखीकरण भी किया जाय तथा इससे संबंधित फोटोग्राफ ड्रोन कैमरों से कराया जाय। उन्होंने कुछ जनपदों में युद्धस्तर पर कार्य किए जाने के लिए अधिकारियों की सराहना भी की। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान कार्यस्थल पर थर्मल स्कैनिंग, सेनेटाइजेशन व मास्क आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाय। इसके साथ ही मानव संसाधन को कार्यस्थल पर ही बुनियादी सुविधाएं मुहैया करायी जायं।
पूर्वी गंगा संगठन के अधिकारियों द्वारा वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान बताया गया कि इस संगठन में 20 परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिसमें से 06 पूरी कर ली गई हैं। इसी प्रकार गंगा संगठन में 11 परियोजनाएं चल रही हैं, जिसमें से 05 पूरी कर ली गई हैं। इसके अलावा यमुना संगठन में 11 परियोजनाएं संचालित हैं, जिसमें से 03 पूरी कर ली गई हैं। शेष परियोजनाओं पर तेजी से कार्य कराया जा रहा है।
कांफ्रेंसिंग के दौरान प्रमुख सचिव सिंचाई एवं जलसंसाधन श्री टी0 वेंकटेश सचिव सिंचाई श्रीमती अपर्णा यू0, प्रमुख अभियन्ता परिकल्प एवं नियोजन श्री ए0के0 सिंह, प्रमुख अभियन्ता यांत्रिक श्री देवेन्द्र अग्रवाल समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।