लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को तत्काल राहत पहुंचाने के
निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे राजस्व एवं कृषि विभाग के अधिकारियों की टीम बनाकर ओलावृष्टि के कारण फसलों को हुई क्षति का विस्तृत आकलन कराकर अपनी रिपोर्ट शीघ्र भेजें, ताकि किसानों को मुआवजा दिया जा सके। उन्होंने कहा कि समाजवादी सरकार के लिए किसानों का हित सर्वोपरि है।
श्री यादव ने यह भी निर्देश दिए हैं कि सभी जिलाधिकारी ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को राहत प्रदान करने की कार्रवाई प्रारम्भ कर दें और इस कार्य में पूरी पारदर्शिता व सावधानी बरती जाए। उन्होंने कहा कि यदि किसानों को राहत पहुंचाने में किसी भी प्रकार की लापरवाही या शिथिलता पाई जाएगी, तो सम्बन्धित अधिकारी/कर्मचारी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। प्रभावित किसानों के प्रति उत्पीड़नात्मक कार्रवाई न किए जाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिए हैं।
मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में सचिव एवं राहत आयुक्त कार्यालय द्वारा आज कृषि फसलों की क्षति के सम्बन्ध में प्रदेश के सभी अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व से वार्ता की गई। प्राप्त सूचनाओं के अनुसार जनपद बांदा, हमीरपुर, महोबाद, जालौन, फतेहपुर, गाजीपुर, जौनपुर, लखनऊ, सीतापुर, फिरोजाबाद, आगरा, अलीगढ़ एवं भदोही में 33 प्रतिशत या उससे अधिक फसलों की क्षति ओलावृष्टि के कारण हुई है। जनपद फतेहपुर द्वारा 25 करोड़ रुपए की क्षति का आकलन भेजा गया है। शेष जनपदों के लिए कृषि फसलों की क्षति का सर्वे कराकर विवरण शीघ्र भेजे जाने के निर्देश दिए गए हैं।
यह जानकारी देते हुए सचिव एवं राहत आयुक्त श्री अनिल कुमार ने बताया कि विगत दिनों प्रदेश के सभी जनपदों में बारिश होने के साथ-साथ कुछ जनपदों में ओलावृष्टि होने की भी सूचना प्राप्त हुई है। ओलावृष्टि के फलस्वरूप कृषि फसलों को क्षति पहुंची है। यदि क्षति 33 प्रतिशत या उससे अधिक पाई जाती है, तो उसकी सूचना निर्धारित प्रारूप पर अलग से 18 मार्च, 2016 तक राहत आयुक्त कार्यालय के फैक्स नं0-0522-2238084, 2236305 एवं ई-मेल rahat@nic.in पर भेजे जाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि जनपदों में हुई ओलावृष्टि के फलस्वरूप फसलों की 33 प्रतिशत या उससे अधिक क्षति होने की स्थिति में सूचना निर्धारित प्रारूप पर फैक्स, ई-मेल के माध्यम से तत्काल भेजे जाने का अनुरोध इसके पूर्व 9 मार्च, 2016 को किया जा चुका है।