लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने विकास एवं जन कल्याणकारी योजनाओं का समयबद्ध क्रियान्यवयन सुनिश्चित करने के निर्देश
दिए हैं। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों तथा कानून-व्यवस्था की स्थिति का मौके पर जायजा लेने के लिए अधिकारी नियमित तौर पर निरीक्षण करें। श्री यादव ने मुख्य सचिव को इस सम्बन्ध में प्रभावी अनुश्रवण करने के निर्देश भी दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने अपने निर्देशों में कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की जनता खास तौर पर दूर-दराज के ग्रामीण इलाकों और शहरी मलिन बस्तियों में रहने वाले गरीब और कमजोर वर्गों के साथ-साथ किसानों, महिलाओं, नौजवानों, अल्पसंख्यकों आदि की खुशहाली के लिए कार्य कर रही है। इसे ध्यान में रखकर तमाम योजनाओं, नीतियों एवं कार्यक्रमों का क्रियान्वयन किया जा रहा है। राज्य सरकार विकास का लाभ सभी तक पहुंचाना चाहती है। ऐसे में सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की यह जिम्मेदारी है कि वे प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप कार्य करते हुए ज़रूरतमंदों तक सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ पहुंचाना सुनिश्चित करंे।
श्री यादव ने कहा कि तेजी से विकास के लिए राज्य में कायम अच्छे और शांतिपूर्ण माहौल को प्रत्येक दशा में बनाए रखना जरूरी है। इसके लिए कानून-व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने के साथ-साथ जनता की समस्याओं का त्वरित एवं प्रभावी निस्तारण सुनिश्चित किया जाय।
मुख्यमंत्री के निर्देशांे के क्रम में मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने प्रदेश के समस्त मण्डलायुक्तों, जिलाधिकारियों, पुलिस महानिरीक्षकों (जोन), पुलिस उपमहानिरीक्षकों (परिक्षेत्र) तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों/पुलिस अधीक्षकों को पत्र भेजकर कानून व्यवस्था की समीक्षा एवं विकास कार्याें का माह अप्रैल, 2016 से हर महीने प्रभावी अनुश्रवण तथा स्थलीय निरीक्षण किए जाने की अपेक्षा की है। उन्होंने अपने निर्देशों में कहा है कि प्रदेश में शान्ति एवं सामाजिक सद्भावना तथा जनमानस में सुरक्षा की भावना का वातावरण कायम रखने व असामाजिक तत्वों से सख्ती से निपटने के उद्देश्य से जनपद स्तर पर कानून व्यवस्था की भी समीक्षा की जाय तथा मौके पर विकास कार्याें का स्थलीय निरक्षण भी सुनिश्चित किया जाय।
मुख्य सचिव ने सम्बन्धित अधिकारियों का दायित्व निर्धारित करते हुए प्रतिमाह स्थलीय निरीक्षण के लिए लक्ष्यों को भी तय कर दिया है। निर्धारित दायित्वों के अनुसार मण्डलायुक्त प्रतिमाह मण्डल मुख्यालय को छोड़कर अपने मण्डल के न्यूनतम 2 जनपदों के विकास कार्याें की समीक्षा एवं एक-एक ग्राम सभा का निरीक्षण करेंगे। निरीक्षण के दौरान विकास कार्याें की समीक्षा के अलावा, उस ग्राम सभा से सम्बन्धित तहसील दिवस व समाधान दिवस में दी गई शिकायतों के निस्तारण की भी समीक्षा करेंगे।
जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक ये दोनों अधिकारी प्रतिमाह साथ-साथ न्यूनतम 3 ग्राम सभाओं का निरीक्षण करेंगे एवं ग्रामीण जनता से भेंटकर उनकी समस्याओं का निस्तारण कराएंगे। निरीक्षण के दौरान विकास कार्याें की समीक्षा के अलावा, उस ग्राम सभा से सम्बन्धित तहसील दिवस पर समाधान दिवस में दी गई शिकायतों के निस्तारण की समीक्षा करेंगे। जिलाधिकारी न्यूनतम 2 जनपदीय कार्यालय/तहसील व अन्य विकास विभागों का भी निरीक्षण करेंगे।
जारी निर्देशों के अनुसार अपर जिलाधिकारी/अपर पुलिस अधीक्षक अलग-अलग थाना क्षेत्रों की न्यूनतम 3 ग्राम सभाओं का स्थलीय निरीक्षण करेंगे तथा मौके पर जनसुनवाई कर प्राप्त समस्याओं का निस्तारण कराएंगे। इसके अलावा, मुख्य विकास अधिकारी प्रतिमाह न्यूनतम 4 कार्यालयों का निरीक्षण करेंगे। निरीक्षण में उन कार्यालयों की प्राथमिकता देंगे, जिनके जनपदीय कार्यालय विकास भवन से अन्यत्र स्थित हैं।
इसी प्रकार उपजिलाधिकारी/पुलिस क्षेत्राधिकारी साथ-साथ प्रतिमाह अपने तहसील/क्षेत्र के अन्तर्गत यथासम्भव अलग-अलग विकास खण्ड के न्यूनतम उन 4 गांवों का निरीक्षण करेंगे, जहां से तहसील दिवस एवं समाधान दिवस में सबसे ज्यादा शिकायतें प्राप्त हुई हों। शिकायतों का निस्तारण समाधान दिवस हेतु जारी शासनादेश दिनांक 14 जून, 2014 एवं 9 दिसम्बर, 2014 के प्रस्तर-3 के बिन्दु-4 एवं 5 में दिए गए निर्देशों के अनुसार करेंगे।
परियोजना निदेशक/जिला विकास अधिकारी प्रतिमाह जनपद के न्यूनतम 2 विकास खण्डों एवं 2 कार्यालयों का निरीक्षण करेंगे तथा निरीक्षण की रिपोर्ट मुख्य विकास अधिकारी के माध्यम से जिलाधिकारी को प्रस्तुत करेंगे। इसी प्रकार नगर आयुक्त/अधिशासी अधिकारी प्रतिमाह न्यूनतम 4 जोन/वार्डाें का निरीक्षण कर जनता की समस्याओं जैसे-बिजली, सड़क, पानी आदि के त्वरित निस्तारण हेतु कार्यवाही करेंगे।
इसके साथ ही, नगर आयुक्त/अधिशासी अधिकारी जनपदस्तर पर स्थानीय निकाय के प्रभारी अधिकारी माह में न्यूनतम 2 स्थानीय निकायों में स्थलीय निरीक्षण करेंगे तथा निरीक्षण के दौरान प्राप्त समस्याओं का निस्तारण कराएंगे। यदि जनपद स्तर पर जिलाधिकारी के पास प्रभार है तो उनके द्वारा नामित अधिकारी उपरोक्तानुसार कार्यवाही करेंगे।
मुख्य सचिव ने पुलिस महानिरीक्षक को प्रतिमाह अपने जोन में मुख्यालय को छोड़कर न्यूनतम 2 जनपद में कानून व्यवस्था की समीक्षा तथा तहसील दिवस एवं समाधान दिवस में प्राप्त शिकायतों के निस्तारण की समीक्षा समाधान दिवस सम्बन्धी शासनादेश जो 14 जून, 2014 एवं 9 दिसम्बर, 2014 में दिए गए निर्देशों के अनुसार करने के निर्देश दिए हैं।
इसी प्रकार पुलिस उप महानिरीक्षक मुख्यालय को छोड़कर न्यूनतम 2 जनपदों के समाधान दिवस में अलग-अलग दिन सम्मिलित होकर जनसुनवाई कर मौके पर ही समस्याओं के निस्तारण तथा समाधान दिवस सम्बन्धी शासनादेश दिनांक 14 जून, 2014 एवं 9 दिसम्बर, 2014 में दिए गए निर्देशों के अनुसार पूर्व से तहसील दिवस/समाधान दिवस में प्राप्त हुई शिकायतों के निस्तारण की समीक्षा करेंगे। मुख्य चिकित्साधिकारी न्यूनतम 2 ए0एन0एम0 सेण्टर, 2 वी0एच0एन0डी0 तथा 2 पी0एच0सी0 सेण्टर अथवा 2 सी0एच0सी0 का निरीक्षण करेंगे।
इसी प्रकार जिला पूर्ति अधिकारी प्रत्येक माह विकास खण्ड की न्यूनतम 02 राशन वितरण दुकानों का निरीक्षण करेंगे। मण्डल/जनपदस्तरीय अन्य अधिकारी प्रतिमाह अपने कार्य क्षेत्र के प्रत्येक जनपद में न्यूनतम 01 स्थलीय निरीक्षण तथा जनपदस्तरीय अधिकारी अपने जनपद में न्यूनतम 4 स्थलीय निरीक्षण करेंगे। निरीक्षण के पूर्व इसका सम्बन्धित जनपद के जिला सूचना अधिकारी व सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
मुख्य सचिव द्वारा जारी निर्देशों में यह भी कहा गया है कि जिला अधिकारी व अन्य अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि यह निरीक्षण जनसुनवाई (प्रातः 10 बजे से 12 बजे तक) तथा राजस्व न्यायालय के समय न किया जाए। निरीक्षण हेतु उन ग्राम सभाओं को चयन में प्राथमिकता दी जाए, जहां कोई निरीक्षण न हुआ हो एवं जिन ग्राम सभाओं से तहसील/समाधान दिवस में सबसे अधिक शिकायतें प्राप्त हो रही हैं।
ग्राम सभाओं के चयन के सम्बन्ध में निरीक्षण के 3 दिन पूर्व जिला सूचना अधिकारी के माध्यम से प्रचार-प्रसार कराया जाए, ताकि जनता को निरीक्षण के सम्बन्ध में समय रहते सूचित किया जा सके। इस सम्बन्ध में मण्डल तथा जनपद स्तर पर प्रभारी अधिकारी नामित किया जाए, जो इन निरीक्षणों के प्रचार-प्रसार एवं निरीक्षण के दौरान जनता द्वारा बताई गई समस्याओं की माॅनीटरिंग करेंगे, जिन समस्याओं के निस्तारण हेतु शासन स्तर से कोई कार्यवाही अपेक्षित है, उन प्रकरणों में जिलाधिकारी/मण्डलायुक्त शासन स्तर से पैरवी कर निराकरण सुनिश्चित कराएंगे।
निर्देशों में श्री आलोक रंजन ने यह भी कहा है कि जनपद स्तर के अधिकारी किए गए निरीक्षण का संक्षिप्त विवरण जनपद स्तर पर नामित अधिकारी को प्रस्तुत करेंगे। इसी प्रकार मण्डल स्तर के विभागीय अधिकारी मण्डल स्तर पर नामित अधिकारी को निरीक्षण का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत करेंगे। जिलाधिकारी प्रत्येक माह एक संक्षिप्त रिपोर्ट मण्डलायुक्त को प्रेषित करेंगे। मण्डलायुक्त प्रत्येक माह मण्डल स्तरीय एवं जनपद स्तरीय अधिकारियों द्वारा किए गए निरीक्षण का अलग-अलग संक्षिप्त विवरण प्रमुख सचिव, कार्यक्रम कार्यान्वयन को प्रेषित करेंगे।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारी द्वारा निरीक्षण किए जाने वाले गांवों की जानकारी प्राप्त कर निरीक्षण से एक दिन पूर्व एक बड़े स्वास्थ्य शिविर का आयोजन करेंगे। इस वृहद स्वास्थ्य शिविर के नोडल अधिकारी सी0एम0ओ0 अथवा उनके द्वारा नामित चिकित्सा अधिकारी होंगे, जो प्रातः 10 बजे स्वास्थ्य शिविर का उद्घाटन करेंगे। पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक एवं पुलिस उप महानिरीक्षक द्वारा किए गए निरीक्षणों का विवरण प्राप्त कर परीक्षण करेंगे। जनपदों के भ्रमण हेतु शासन स्तर के नामित अधिकारीगण भी आवन्टित जनपद में प्रतिमाह एक ग्राम सभा का स्थलीय निरीक्षण अवश्य करेंगे। इन भ्रमण आख्याओं को शीघ्र ही कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग की वेबसाइट पर अपलोड किए जाने की व्यवस्था की जाएगी।
मुख्य सचिव ने इन निर्देशों का अनुपालन कड़ाई से किए जाने की अपेक्षा की है।
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