लखनऊ: उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी ने आज यहां लोक भवन में प्रेस प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि कोविड-19 संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सभी जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/मुख्य चिकित्सा अधिकारी/मेडिकल काॅलेज के प्रिंसिपल/ नगर आयुक्त नियमित बैठक करें। ये सभी कोविड-19 की रोकथाम के सम्बन्ध में सकारात्मक कार्यवाही सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा है कि अच्छी कार्ययोजना बनाकर लागू करने से कोविड-19 के प्रसार को रोका जा सकता है। डोर टू डोर सर्वे, काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग, सक्षम सर्विलांस, अधिक से अधिक रैपिड एन्टीजन टेस्टिंग के माध्यम से मृत्यु दर को प्रभावी ढंग से कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा है कि जनता को यह बताया जाए कि बहुत आवश्यकता पड़ने पर ही वे घर के बाहर निकलें और बाहर निकलने पर मास्क अवश्य लगाएं तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।
श्री अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि सभी जरूरतमंदों को खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाए। जिनके पास राशन कार्ड नहीं है उनके राशन कार्ड तत्काल बनाए जाएं और राशन उपलब्ध कराया जाए। सभी जनपदों में कोविड एवं नाॅन कोविड अस्पतालों में सभी आवश्यक सुविधाओं के साथ-साथ डाॅक्टरों तथा दवाई की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। साथ ही, अस्पतालों की नियमित साफ-सफाई के साथ-साथ समय-समय पर सैनिटाइजेशन भी कराया जाए। अस्पतालों में एम्बुलंेस के साथ-साथ व्हीलचेयर, स्ट्रेचर तथा आॅक्सीजन की उपलब्धता हर हाल में सुनिश्चित की जाए।
श्री अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि गौ-आश्रय स्थलों में रखे गए गौवंश का स्वास्थ्य परीक्षण करवाया जाए। उनके लिए हरे चारे की व्यवस्था नियमित रूप से की जाए। उन्होंने कहा है कि मनरेगा के तहत लोगों को रोजगार मिले, इसके लिए गांवों में मुनादी करवाई जाए, ताकि रोजगार की तलाश कर रहे लोगों को काम मिल सके। उन्होंने कहा कि लोगों को अधिक से अधिक रोजगार मिल सके इसके लिए कृषि, सिंचाई, उद्यान आदि विभाग रोजगार देने की कार्ययोजना बना लें। अधिक से अधिक लोगों को कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, एम0एस0एम0ई0 आदि के माध्यम रोजगार देते हुए प्रदेश का नव निर्माण किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने पुलिस, कारागार एवं पी.ए.सी. तथा अन्य सभी सरकारी कार्यालयों में संक्रमण न फैले, इसके लिए बचाव संबंधी समस्त उपाय किये जाएं।
श्री अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि ग्राम्य विकास, पंचायतीराज, नगर विकास विभाग स्वच्छता, सैनिटाइजेशन और फाॅगिंग का कार्य निरन्तर करते रहें। लोगों को शुद्ध पेयजल की सप्लाई उपलब्ध कराई जाए। इसी प्रकार चिकित्सा शिक्षा व स्वास्थ्य विभाग यह सुनिश्चित करें कि सभी सीनियर डाॅक्टर राउण्ड पर रहें। पैरामेडिक्स समय-समय पर मरीजों का परीक्षण करते रहें। उन्होंने कहा है कि कोरोना से जंग के लिए सभी को सोशल डिस्टेंसिंग, अनिवार्य रूप से मास्क लगाना, अनावश्यक घर से बाहर न निकलना, भीड़ इकट्ठा न करना जैसे नियमों का निरन्तर अनुपालन स्वयं ही सुनिश्चित करना होगा, इससे कोरोना के प्रसार को रोकने में काफी मदद मिलेगी। समय-समय पर साबुन से हाथ धोने और सैनिटाइजर के प्रयोग से भी इस पर काफी नियन्त्रण किया जा सकता है।
श्री अवस्थी ने बताया कि गृह विभाग की धारा 188 के तहत 1,21,948 एफआईआर दर्ज करते हुये 2,78,209 लोगों को नामजद किया गया है। उन्होंने बताया कि आगरा जोन में 7,456, प्रयागराज जोन में 4,868, बरेली जोन में 10,395, कानपुर जोन में 14,234, लखनऊ जोन में 17,262, मेरठ जोन में 12,098 तथा वाराणसी जोन में 16,441 एफआईआर पंजीकृत की गईं हैं। प्रदेश में अब तक 98,15,051 वाहनांे की सघन चेकिंग में 63,832 वाहन सीज किये गये। चेकिंग अभियान के दौरान 48,15,41,482 रूपए का शमन शुल्क वसूल किया गया। कालाबाजारी एवं जमाखोरी करने वाले 1006 लोगों के खिलाफ 753 एफआईआर दर्ज करते हुए 357 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि कल 18 जुलाई तक 18,053 कैदियों को जमानत व पैरोल पर छोड़ा गया है। इसके अतिरिक्त 844 बाल कैदियों को जुवेनाइल बोर्ड द्वारा रिहा किया गया है। उन्होंने बताया कि कल राज्य सड़क परिवहन निगम की 4,318 बसों द्वारा 5,15,000 से अधिक लोगों ने यात्रा की।
अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में टेस्टिंग का कार्य तेजी से किया जा रहा है। प्रदेश में कल एक दिन में 44,123 सैम्पल की जांच की गयी। इस प्रकार कोविड-19 की जांच में 14 लाख का आकड़ा पार करते हुए प्रदेश में अब तक कुल 14,70,426 सैम्पल की जांच की गयी है। प्रदेश में विगत 24 घंटंे में कोरोना के 2,250 नये मामले आये है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 18,256 कोरोना के मामले एक्टिव हैं। अब तक 29,845 मरीज पूरी तरह से उपचारित हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि पूल टेस्ट के अन्तर्गत कुल 3,369 पूल की जांच की गयी, जिसमें 3,046 पूल 5-5 सैम्पल के तथा 323 पूल 10-10 सैम्पल की जांच की गयी।
श्री प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में सर्विलांस की कार्यवाही के अन्तर्गत 1,74,347 सर्विलांस टीम द्वारा 1,26,31,642 घरों के 6,43,77,426 लोगों का सर्वेक्षण किया गया है। उन्होंने बताया कि आरोग्य सेतु ऐप से अलर्ट जनरेट आने पर कन्ट्रोल रूम द्वारा निरन्तर फोन किया जा रहा है। अलर्ट जनरेट होने पर अब तक लगभग 3,13,560 लोगों को कंट्रोल रूम द्वारा फोन कर जानकारी प्राप्त की गयी। उन्होंने बताया कि बारिश के मौसम में आर्द्रता बढ़ने के कारण हमेशा मुंह और नाक को मास्क से ढंककर रखने की आवश्यकता है क्योंकि इस समय संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आने पर उनसे बात करते समय भी संक्रमण हो सकता है।
श्री प्रसाद ने बताया कि प्रदेश के सभी जनपदों में जिलाधिकारी की देखरेख में इन्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कन्ट्रोल सेन्टर की स्थापना किये जाने संबंधी शासनादेश जारी कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त ऐसे लोगो के लिए जो चिकित्सा के दौरान चिकित्सीय सुविधाओं के अतिरिक्त अन्य बेहतर सेवाएं पाना चाहते है, उनके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा लखनऊ एवं गाजियाबाद में की गई एल-1$ स्तर की व्यवस्था की भांति प्रदेश के अन्य जनपदों में भी यह व्यवस्था लागू किये जाने हेतु शासनादेश जारी कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इस व्यवस्था के अन्तर्गत जिला प्रशासन द्वारा होटल का अधिग्रहण कर एसिम्टोमेटिक मरीजों को वहां रखा जायेगा, जहां पर मरीजों को राजकीय चिकित्सा सुविधा दी जायेगी। जिसके लिए डबल आॅक्युपेन्सी हेतु 2000 रूपये प्रतिदिन से अधिक देय न होगा।
श्री प्रसाद ने बताया कि शासनादेश में यह व्यवस्था की गई है कि होटल के अधिकतम 25 प्रतिशत कक्ष सिंगल आॅक्युपेंसी पर महिलाओं, छोटे बच्चों, 50 वर्ष से 65 वर्ष तक के व्यक्तियों को दिये जाएंगे। शेष 75 प्रतिशत कक्ष डबल आॅक्युपेंसी पर दिये जाएंगे। उन्होंने बताया कि 65 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं, असाध्य रोग से ग्रस्त रोगियों तथा अभिभावक रहित छोटे बच्चों को यहां भर्ती नहीं किया जायेगा। एल-1$ स्तर की इन सुविधाओं पर कोविड केयर सेन्टर के समस्त प्रोटोकाॅल का पालन सुनिश्चित किया जायेगा। किसी भी मरीज की तबियत बिगड़ने की आशंका होने पर उसे तत्काल आवश्यकतानुसार एल-2 अथवा एल-3 अस्पताल में स्थानान्तरित कर दिया जायेगा। ऐसी स्थिति में अवशेष धनराशि होटल प्रशासन द्वारा वापस कर दी जायेगी।