नई दिल्ली: विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग के राष्ट्रीय अनुसंधान
विकास निगर (एनआरडीसी) ने मधुमेह की रोकथाम और प्रबंधन के लिए एक आयुर्वेदिक औषधी, आयुष-82 को बाजार में लाने के लिए कुडोज लेबोरेटरीज इंडिया के साथ एक लाइसेंस समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
इस औषधी को आयुष मंत्रालय (आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्धा और होम्योपैथी) के अंतर्गत आयुर्वेद में अनुसंधान की सर्वोच्च संस्था आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस) ने तैयार किया है।
इस अवसर पर, एनआरडीसी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. एच. पुरूषोत्तम, सीसीआरएएस के महानिदेशक प्रो. वीडी. के.एस.धीमान और एनआरडीसी और सीसीआरएएस के वरिष्ठ अधिकारी और वैज्ञानिक उपस्थित थे। प्रौफेसर धीमान ने इसको बनाने और इसके लाभों की जानकारी दी। डॉ. एच. पुरूषोत्तम ने कहा कि रोगी आयुर्वेदिक औषधियों को वरीयता दे रहे हैं क्योंकि यह देखा जा सकता है कि हाल के पिछले दिनों में एनआरडीसी ने भारत में 32 कंपनियों को सीसीआरएएस द्वारा विकसित 12 आयुर्वेदिक औषधियों के लिए लाइसेंस दिया है।
अब कुडोज लेबोरेटरीज इंडिया भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के सीसीआरएएस के तहत इस उत्पाद को बाजार में उतार सकती है।