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डिजिटल प्लेटफॉर्मों को देश की संप्रभु के प्रति उत्तरदायी और जवाबदेह होना चाहिए: रविशंकर प्रसाद

देश-विदेशप्रौद्योगिकी

नई दिल्ली: जी20 की अध्‍यक्षता कर रहे सऊदी अरब की मेजबानी में जी20 डिजिटल अर्थव्यवस्था मंत्रियों की आज एक वर्चुअल बैठक आयोजित की गई। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने इस वर्चुअल बैठक के दौरान भारत का प्रतिनिधित्व किया। कोविड 19 जैसी वैश्विक महामारी के मद्देनजर श्री प्रसाद ने एक लचीली वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्‍होंने भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं के साथ करीबी तौर पर संबद्ध एक आकर्षक निवेश गंतव्य बनाने के लिए भारत के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को साझा किया।

श्री प्रसाद ने इस वैश्विक सभा में बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने किस प्रकार कोविड-19 संकट को अन्‍य देशों के मुकाबले बेहतर तरीके से प्रबंधित किया है। उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने शुरुआती राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन का साहसिक निर्णय लिया जिससे देश में वायरस के प्रसार को रोकने और आगामी चुनौतियों से निपटने के लिए प्रभावी तौर पर तैयारी करने में मदद मिली।

केंद्रीय मंत्री ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में मददगार साबित होने वाले भारत के डिजिटल नवाचारों को साझा किया। उन्होंने इस बैठक के दौरान आरोग्‍य सेतु मोबाइल ऐप, क्‍वारंटाइन रोगियों की निगरानी के लिए जियो- फेंसिंग प्रणाली और बल्‍क मैसेजिंग प्रणाली कोविड-19 सावधान जैसी पहल के बारे में बात की। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे डिजिटल तकनीक ने इस संकट के दौरान समाज के आर्थिक रूप से कमजोर तबकों को राहत देने में भारत सरकार की मदद की। प्रत्‍यक्ष लाभ हस्‍तांतरण और डिजिटल भुगतान जैसे भारत के डिजिटल नवाचारों का उपयोग करते हुए समाज के सबसे कमजोर लोगों को लॉकडाउन के दौरान विभिन्न वित्तीय राहत प्रदान की गई।

विशेष रूप से स्वास्थ्य सेवा एवं शिक्षा के क्षेत्र में समावेशी विकास के लिए कृत्रिम बौद्धिकता जैसी उभरती प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को स्‍पष्‍ट तौर पर व्यक्त करते हुए श्री प्रसाद ने एक मजबूत कृत्रिम बौद्धिकता प्रणाली तैयार करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया जो समाज को बदल सकता है।

मंत्री ने विशेष रूप से डेटा से संबंधित मुद्दों और नागरिकों की डेटा गोपनीयता एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए देश के संप्रभु अधिकारों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत जल्द ही एक मजबूत व्यक्तिगत डेटा संरक्षण कानून बनाने जा रहा है जो न केवल नागरिकों की डेटा गोपनीयता संबंधी चिंताओं को दूर करेगा बल्कि नवाचार और आर्थिक विकास के लिए डेटा की उपलब्धता भी सुनिश्चित करेगा। इन चिंताओं को देखते हुए कई देशों में मौजूद डिजिटल प्लेटफॉर्मों को विश्वसनीय और सुरक्षित होने चाहिए। उन्होंने जी20 देशों के डिजिटल मंत्रियों से कहा कि अब यह स्‍वीकार करने का समय आ गया है कि दुनिया में कहीं भी डिजिटल प्लेटफॉर्मों को रक्षागोपनीयता और नागरिकों की सुरक्षा सहित देशों की संप्रभु चिंताओं के प्रति उत्तरदायी और जवाबदेह होना चाहिए।

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