नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय स्तर के कृषि मेले एवं प्रदर्शनी ‘कृषि उन्नति मेले’ का
उद्घाटन किया। माननीय प्रधानमंत्री ने कृषि कर्मण पुरस्कार भी प्रदान किए। उन्होंने थीम मंडप का अवलोकन किया और किसानों को भी संबोधित किया। कृषि उन्नति मेले का कृषि विभाग, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार और भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई), पूसा नई दिल्ली द्वारा संयुक्त रूप से भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में 19 से 21 मार्च 2016 तक आयोजन किया जा रहा है।
वर्ष 2014-15 के दौरान सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाले राज्यों के लिए प्रतिष्ठित राष्ट्रीय स्तर के कृषि कर्मण पुरस्कार उद्घाटन दिवस पर संबंधित आठ राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने प्राप्त किए। इसके अलावा तीन राज्यों को कुल खाद्यन उत्पान के लिए प्रशंसा पुरस्कार भी प्रदान किए गए। खाद्यान उत्पादन में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों को प्रोत्साहित करने के लिए इन पुरस्कारों की शुरूआत की गई है। इन पुरस्कारों का उद्देश्य चावल, गेहूं, दाल, मोटे अनाजों और तिलहनों का उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के लिए राज्यों को प्रोत्साहन और बढ़ावा देना है।
प्रधानमंत्री ने कृषि उन्नति मेले के एक प्रमुख आकर्षण थीम मंडप का भी अवलोकन किया जिसमें कृषि क्षेत्र में हो रही प्रगति की पूरी योजनाओं का प्रदर्शन किया गया है। इस मंडप में आठ क्षेत्र जैसे भारत में कृषि जलवायु विभिन्नता, कृषि के लिए जल की आवश्यकता, मृदा स्वास्थ्य, महत्वपूर्ण सरकारी योजनाओं को प्रदर्शित करने वाली प्रौद्योगिकी विषय वस्तु, पशुपालन, एवं मत्स्य पालन, कृषि पुनर्जीवन, कृषि प्रौद्योगिकी और बागवानी बनाए गए हैं।
प्रधानमंत्री की पहल से पूरे देश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना नामक एक नई योजना लागू करने की मंजूरी दी गई है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बजट 2016-17 में 5500 करोड़ रुपए का आवंटन दिया गया है जो पिछले बजट में 3185 करोड़ रुपए था। इस प्रकार इस योजना में लगभग 73 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पर तकनीकी सत्र का आयोजन कृषि और किसान कल्याण विभाग के सचिव की अध्यक्षता में हुआ। इस नई योजना में फसल बीमा योजना की कमियों को दूर किया गया। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की विशिष्टताओं के बारे में निम्न प्रकार विचार-विमर्श किया गया-
• केन्द्र सरकार द्वारा फसल बीमा में आज तक की यह सबसे बड़ी वित्तीय सहायता है। किसानों को फसल बीमा का लाभ उठाने के लिए आज की तारीख तक सबसे कम प्रीमियम का भुगतान करना होगा।
• बकाया प्रीमियम भाग सरकार द्वारा वहन किया जाएगा जो कुल प्रीमियम का 90 प्रतिशत से भी अधिक है।
• एक सीजन में किसानों के लिए खाद्यानों, दालों और तिलहनों के एक ही भाव रहेंगे। विभिन्न जिलों में विभिन्न फसलों के अलग-अलग दामों को हटा दिया गया है। खरीफ के लिए अधिकतम 2 प्रतिशत और रबी के लिए अधिकतम 1.5 प्रतिशत प्रीमियम का भुगतान किसानों को करना होगा।
• किसानों को पूरी वित्तीय सुरक्षा मिलेगी। प्रीमियम दरों पर कीई सीमा नहीं होगी और बीमे की राशि में कोई कटौती नहीं की जाएगी।
• पहली बार जलप्लावन को स्थानीय जोखिमों की श्रेणी में शामिल किया गया है।
• पहली बार चक्रवात और बेमौसमी बारिश के कारण फसल कटाई के बाद की हानियों के जोखिमों को पूरे देश में कवरेज के लिए शामिल किया गया है।
• पहली बार किसानों के दामों के सही आकलन और त्वरित भुगतान के लिए मोबाइल और उपग्रह प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाएगा।
• इस योजना के तहत मीडिया के माध्यम से व्यापक जागरुकता और प्रचार जुटाने के लिए प्रावधान किए गए हैं ताकि अगले 2-3 वर्षो में बीमा करवाने वाले किसानों की वर्तमान 20 प्रतिशत संख्या को बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया जा सके।