देहरादून: उत्तराखण्ड में चल रहे राजनीतिक हालात के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि 28 मार्च को
विधानसभा आहूत की गई है। इसमें सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा। संवैधानिक प्रक्रिया में होने के कारण इस पर बहुत कुछ कहा जाना उचित नहीं रहेगा। परंतु एक बात बहुत साफ तौर सभी देख रहे हैं कि केंद्र की अतिबलशाली सरकार छोटे से उत्तराखण्ड राज्य की जनता के सपनों को चकनाचूर कर देना चाहती है। लोकतंत्र की हत्या करने वाले, विधानसभा की मर्यादा को तार-तार कर देने वाले, लोकतांत्रित संस्थाओं को धनबल व बाहुबल से तोड़ने की कोशिश करने वाले हम पर कई तरह के आरोप लगा रहे हैं।
बीजापुर हाउस में मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि हम पर स्मार्ट सिटी के लिए चायबागान की जमीन को लेकर कुछ लोगों को उपकृत किए जाने का आरोप लगाया जा रहा है। जबकि हकीकत यह है कि देहरादून में स्मार्ट सिटी के लिए ग्रीन फील्ड (नए क्षेत्रो) को लेने के लिए नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट, भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत, विधायक हरबंस कपूर व विधायक गणेश जोशी ने लिखित में अनुरोध किया था। मुख्यमंत्री ने उक्त नेतागण द्वारा 19 दिसम्बर 2014 को लिखे पत्र की प्रति पत्र भी मीडिया को उपलब्ध करवाई। इसमें केंद्र सरकार द्वारा 100 स्मार्ट सिटी बनाए हेतु किए गए बजट प्राविधान की जानकारी दी गई है। साथ ही मुख्यमंत्री से देहरादून को स्मार्ट सिटी के अंतर्गत लाते हुए शिमला बाईपास या शहर के अन्यत्र बाहरी क्षेत्र में नए देहरादून के निर्माण करवाने के लिए भाजपा के वरिष्ठ नेताओं द्वारा अनुरोध किया गया है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि आज भाजपा के नेता स्मार्ट सिटी के लिए ग्रीन फील्ड का चयन किए जाने की आलोचना कर रहे हैं जबकि उनके द्वारा स्वयं ही इसके लिए अनुरोध किया गया था। भाजपा को अब इसका विरोध करने का हक नहीं है। हालांकि जो लोग पर्यावरण आदि कारणों से इसका वैचारिक विरोध कर रहे हैं, उनके उद्देश्यों का हम सम्मान करते हैं। इसीलिए हमने अब स्मार्ट सिटी के लिए पांच जोन में बांटकर देहरादून के लोगों से राय मांगी है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि नए भाजपा नेता हम पर खनन को लेकर आरोप लगा रहे हैं। जबकि सच्चाई ये है कि लगभग 500 खनन पट्टे मेरे मुख्यमंत्री बनने से पूर्व के हैं।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि भाजपा के नए नेता हम पर नैनीसार को लेकर आरोप लगा रहे हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य में निजी पूंजी निवेश को आकर्षित करने के लिए हमने पाॅलिसी बनाई है। इसी पाॅलिसी के तहत स्कूल, कालेज, अस्पताल के लिए न केवल कन्सेशनल आधार पर भूमि उपलब्ध करवाई जाएगी बल्कि प्रोमोशनल आधार पर भी सुविधाएं दी जाएंगी। इसके लिए संबंधित क्षेत्र में सड़क, बिजली, पानी आदि आधारिक ढांचे का विकास किया जाएगा। हमें कहा जा रहा है कि हम पर्वतीय क्षेत्रों में क्वालिटी शिक्षा व चिकित्सा सुविधा के लिए निजी निवेश को नीति के तहत प्रोमोट कर रहे हैं। हम बहुत जल्द ही एक सूची जारी करेंगें जिससे स्पष्ट हो जाएगा कि भाजपा के मूर्धन्य लोगों ने बहुत ही नामिनल दरों पर जमीन ली है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य के प्रबुद्ध जनों को विचार करना चाहिए कि क्या धनबल के इस खुले खेल को मंजूरी दी जा सकी है। यदि ऐसा होता रहा तो राज्य के बाहर के धनबली यहां के मुख्यमंत्रियों को रूमाल की भांति बदलते रहेंगे। इस कैंसर रोग को उत्तराखण्ड के शरीर में प्रविष्ट नहीं होने दिया जा सकता है।