नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में आज स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण)
{एसबीएम (जी)) के लिए विश्व बैंक की 1,500 मिलियन डॉलर वाली परियोजना को मंजूरी दी गई। यह परियोजना मूल रूप से मौजूदा एसबीएम-जी में राज्यों को उनके प्रदर्शन के आधार पर प्रोत्साहित करती है। मंत्रिमंडल द्वारा राज्यों को प्रोत्साहन की मंजूरी 24 सितंबर, 2014 को स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) को मंजूरी देते समय दी गई थी। वर्तमान अनुमोदन में विश्व बैंक ऋण के माध्यम से इस तरह के प्रोत्साहन की व्यवस्था का प्रावधान है।
अनुमोदित परियोजना के तहत राज्यों के प्रदर्शन को निश्चित मापदंडों के आधार पर मापा जाएगा जिसे डिसबर्समेंट-लिंक्ड इंडीकेटर्स (डीएलआई) कहा जाता है। तीन डीएलआई इस प्रकार हैं।
- खुले में शौच के मामलों में कमी: पिछले साल की तुलना में राज्यों में ग्रामीण परिवारों के बीच खुले में शौच के मामलों में कमी के आधार पर राज्यों को धन जारी किया जाएगा।
- गांवों में खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) की स्थिति को कायम रखना: इसके तहत ओडीएफ गांवों में रहने वाली अनुमानित जनसंख्या के आधार पर फंड जारी किया जाएगा।
III. उन्नत ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन (SLWM) द्वारा ग्रामीण आबादी के प्रतिशत में वृद्धि: इस DL1 के तहत धन का आवंटन जनसंख्या के आधार पर किया जाएगा।