नई दिल्लीः सरकार ने अपने अग्रणी ‘सुगम्य भारत अभियान’ में नया अध्याय जोडते हुए समावेशी और सुगम्यता सूचकांक लांच किया। भारतीय वाणिज्य और उद्योग मंडल (फिक्की) के सहयोग से तैयार किया गया यह सूचकांक आज यहां एक समारोह में शहरी विकास, आवास तथा शहरी गरीबी उपशमन और संसदीय कार्यमंत्री श्री एम. वेंकैया नायडू ने लांच किया। इस अवसर पर सामाजिक न्याय तथा अधिकारिता न्याय राज्य मंत्री श्री कृष्णपाल गुर्जर भी उपस्थित थे।
समावेशी और सुगम्यता सूचकांक से सुगम्य भारत अभियान में उद्योगों तथा कॉरपोरेट को शामिल होने में सहायता मिलती है। उद्योग और कॉरपोरेट स्वेच्छा से कार्यस्थल को दिव्यांग लोगों के लिए सुगम्य बनाने के लिए अपनी तैयारियों का मूल्यांकन करते है। प्रधानमंत्री ने 3 दिसंबर, 2015 को अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के अवसर पर सुगम्य भारत अभियान को समर्थन देने में कॉरपोरेट क्षेत्र से आगे आने का आग्रह किया था।
सूचकांक लांच किए जाने के अवसर पर श्री एम. वेंकैया नायडू ने सामाजिक न्याया और अधिकारिता मंत्रालय तथा दिव्यांग लोगों के विभाग को समावेशी तथा सुगम्यता सूचकांक प्रदान कर सुगम्य भारत अभियान को एक और ऊंचे स्तर पर ले जाने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि देश में ऐसे अनेक दिव्यांग लोग हैं, जिन्होंने सफलता में बाधा के रूप में नहीं आने दिया और अपने-अपने क्षेत्रों में उन्होंने अमिट छाप छोड़ी। उन्होंन कहा कि दिव्यांग लोगों के प्रति समाज के अपर्याप्त और अनुचित व्यवहार के कारण दिव्यांग लोगों का जीवन और अधिक कठिन और चुनौतीपूर्ण हो जाता है। उन्होंने कहा कि दिव्यांग लोगों के प्रति अपनी सोच और मानसिकता को बदलने का समय आ गया है। यह समाज की मुख्य धारा में दिव्यांग लोगों को लाने की दिशा में सही कदम होगा। श्री नायडू ने दिव्यांग लोगों की प्रतीभा को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि उन्हें कौशल प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए ताकि वे अपनी क्षमता का अधिकतम उपयोग कर सकें। ऐसा होने पर ही देश समावेशी भारत के रूप में बदलेगा और ‘सबका साथ सबका विकास’ के नारे को सार्थक किया जा सकता है। श्री नायडू ने बताया कि उनके मंत्रालय ने हाल में दिव्यांग तथा वरिष्ठ नागरिकों के लिए बाधामुक्त वातावरण बनाने के लिए सौहार्दपूर्ण दिशा-निर्देश बनाया है। इसका अनुपालन केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जाएगा।
इस अवसर पर सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री श्री कृष्णपाल गुर्जर ने कहा कि सुगम्यता समावेश की पूंजी है और सुगम्य भारत अभियान का मंत्र दिव्यांग लोगों के लिए सामान रूप से सुगम्यता है। उन्होंने कहा कि दिव्यांग लोगों को जीवन के सभी क्षेत्रों में शामिल होने का अधिकार दिलाने की दिशा में बाधामुक्त सुगम्यता का माहौल बनाना पहला कदम है। इसी उद्देश्य से 3 दिसंबर, 2015 को सुगम्य भारत अभियान लांच किया गया। इस अभियान का बल तीन बातों- वातावरण बनाने, सार्वजनिक परिवहन तथा सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी पर है। उन्होंने कहा कि समावेशी और सुगम्यता सूचकांक देश में अपने किस्म की प्रथम पहल है और यह दिव्यांग लोगों को समाज की मुख्य धारा में लाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा।
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