केंद्रीय वित्त एवं कार्पोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विश्व विकास समिति पूर्ण की 102वीं बैठक में भाग लिया।
बैठक की कार्यसूची के प्रमुख मुद्दों में जीवन की रक्षा के लिए आगे बढ़ना, प्रभाव बढ़ाना और पटरी पर वापस लौटना : कोविड-19 संकट पर विश्व बैंक समूह की प्रतिक्रिया और अद्यतन संयुक्त आईएमएफ : डब्ल्यूबीएफ स्टाफ नोट : ऋण सेवा स्थगन पहल का कार्यान्वयन एवं विस्तार रहे।
इस सत्र के दौरान अपने सम्बोधन में श्रीमती सीतारमण ने कहा कि कोविड-19 महामारी का प्रकोप, जो अप्रैल में हुई हमारी पिछली बैठक से पहला ही शुरु हो चुका था, वह आज तक विकासशील और विकसित देशों को प्रभावित करना जारी रखे हुए है और अनेक वर्षों के अथक प्रयासों के बाद गरीबी के स्तर में कमी लाने के जो लाभ हासिल हुए थे, उनके गवां देने का बहुत बड़ा खतरा उत्पन्न हो गया है। भारत सरकार ने महामारी को फैलने से रोकने तथा इसके सामाजिक और आर्थिक प्रभावों का शमन करने के लिए कई उपाय किए हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने गरीबों को प्रत्यक्ष नकद अंतरण और खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराने के उपायों के लिए 23 बिलियन डॉलर के पहले प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की थी। इसके बाद माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की ओर से किए गए आत्मनिर्भर भारत बनाने के आह्वान के आधार पर 271 बिलियन डॉलर- का विशेष आर्थिक पैकेज घोषित किया गया था, जो भारत के जीडीपी के 10 प्रतिशत के बराबर है। व्यवसाय को राहत देने, 44 केंद्रीय श्रम कानूनों को सरल बनाने, समामेलन करने और बेहतर बनाने के माध्यम से श्रम क्षेत्र में बड़े सुधार लाने,राशन कार्डों की नेशनल पोर्टेबिलिटी के माध्यम से प्रवासी श्रमिकों को प्रभावी सामाजिक संरक्षण उपलब्ध कराने की घोषणा की गई है। ग्रामीण क्षेत्र को नाबार्ड के माध्यम से पुनर्वित्तीयन, कृषि क्षेत्र में 27.13 बिलियन डॉलर की अतिरिक्त नकदी लगानेतथा राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना(मनरेगा) के लिए आवंटन बढ़ाने के जरिए सहायता प्रदान की गई है ।
श्रीमती सीतारमण ने इस बात का भी उल्लेख किया कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सरकार ने स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी सुविधाओं के लिए2.03 बिलियन डॉलर राशि की प्रतिबद्धता व्यक्त की है। विश्व समुदाय का जिम्मेदार सदस्य होने के नाते भारत ने अपने अनुभव साझा करने और अपनी ‘पड़ोसी पहले’ की नीति के तहत दक्षिण एशिया क्षेत्र में प्रमुख भूमिका निभाने को तैयार है।
वित्त मंत्री ने कहा कि सामूहिक कार्रवाई इस महामारी से प्रभावी से रूप निपटने की कुंजी है और उन्होंने वित्त वर्ष 2020 की चौथी तिमाही में मजबूत प्रदर्शन का स्वागत किया, जिसमें विश्व बैंक समूह ने कोविड-19 से निपटने के लिए 45 बिलियन डॉलर की राशि की प्रतिबद्धता व्यक्त की है।