केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग तथा एमएसएमई मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आंध्र प्रदेश में 15,592 करोड़ रुपये की लागत वाली 1411 किलोमीटर लंबी 16 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखी और उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री श्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने की। इस अवसर पर केंद्रीय राज्यमंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) डॉ. वी. के. सिंह, केन्द्रीय राज्यमंत्री श्री जी किशन रेड्डी के अलावा सांसद, विधायक और केंद्र तथा राज्य सरकार के अधिकारी भी उपस्थित थे।
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इस अवसर पर बोलते हुए श्री गडकरी ने कहा कि मई 2014 से पहले आंध्र प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लंबाई 4193 किलोमीटर थी, जो अब बढ़कर 6860 किलोमीटर हो गई है। अतः राज्य में राष्ट्रीय राजमार्ग की लंबाई में बीते 6 वर्षों में 2667 (64%) किलोमीटर का इज़ाफ़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि 34,100 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण का कार्य डीपीआर के स्तर पर है, जिसके अंतर्गत काम 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य है। 25,440 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण क्रियान्वयन के चरण में है। उन्होंने कहा कि 18,100 करोड़ रुपये की लागत वाली परियोजनाओं में 50-60 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। केन्द्रीय मंत्री ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री को लंबित मुद्दों को हल करने के लिए बातचीत हेतु यथाशीघ्र दिल्ली आने का निमंत्रण दिया। उन्होंने आश्वासन दिया कि राज्य में अधिक से अधिक संख्या में विकास परियोजनाओं को आवंटित करने में वह पूरा सहयोग देंगे।
उन्होंने कहा कि राज्य में 5000 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण भारतमाला परियोजना के अंतर्गत किया जा रहा है। इसके साथ ही भारतमाला परियोजना के अंतर्गत बंदरगाहों को जोड़ने के लिए 400 किलोमीटर लंबी सड़कों का भी निर्माण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि भारतमाला परियोजना की परिकल्पना यात्री परिवहन को प्रभावित किए बिना त्वरित माल ढुलाई के लिए वैज्ञानिक पद्धति पर किए गए अध्ययन पर आधारित है। देश में मौजूद राष्ट्रीय राजमार्गों के नेटवर्क में 35,000 किलोमीटर लंबी सड़क को भारतमाला परियोजना के अंतर्गत विकसित किया जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नए भारत की परिकल्पना के लिए भारत के सबसे बड़े बुनियादी ढांचा विकास कार्यक्रम भारतमाला परियोजना के अंतर्गत विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे को विकसित करने पर प्राथमिकता से काम किया जा रहा है। भारतमाला परियोजना के अंतर्गत दिल्ली-मुंबई-एक्सप्रेसवे, दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे, चेन्नई-बंगलुरु एक्सप्रेसवे, अनंतपुर-अमरावती एक्सप्रेसवे आदि को विकसित किया जा रहा है।
श्री गडकरी ने बताया कि 335 किमी लंबे अनंतपुर-अमरावती एक्सप्रेसवे का निर्माण भारतमाला परियोजना के तहत किया जा रहा है। इस एक्सप्रेसवे के माध्यम से आंध्र प्रदेश के राजधानी क्षेत्र, तटीय क्षेत्र और उत्तरी क्षेत्रों में सड़क संपर्क-मार्ग बेहतर होगा और यह क्षेत्र में आर्थिक संपन्नता सुनिश्चित करने में अहम भूमिका अदा करेगा। एक्सप्रेसवे के लिए 16 पैकेज हैं और इसके लिए 20,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है। एक्सैस कंट्रोल वाला यह एक्सप्रेसवे आंध्र प्रदेश के नए राजधानी शहर अमरावती को रायलसीमा क्षेत्र के अनंतपुरम से जोड़ेगा जिससे आंध्र प्रदेश राज्य की जीवन रेखा माने जाने वाले एनएच-44 और एनएच-16 के बीच बेहतर संपर्क-मार्ग उपलब्ध होगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बंगलौर-चेन्नई एक्सप्रेसवे भी भारतमाला परियोजना के तहत विकसित किया जा रहा है, जिसकी लंबाई 262 किलोमीटर है। एक्सैस कंट्रोल वाला यह एक्सप्रेसवे बंगलौर और चेन्नई के बीच बेहतर संपर्क-मार्ग सुनिश्चित करेगा और क्षेत्र में आर्थिक संपन्नता में बड़ी भूमिका अदा करेगा। इसके 85 किलोमीटर लंबे क्षेत्र का विकास आंध्र प्रदेश में 5,200 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। इसके अलावा 7,585 करोड़ रुपये के निवेश से 878 किलोमीटर की 16 अन्य परियोजनाओं का आवंटन किया जा चुका है, जिन पर काम शुरू हो गया है। इसमें विजयवाड़ा में वेस्टर्न साइड बेंज़ सर्कल फ्लाईओवर का निर्माण भी शामिल है।
श्री गडकरी ने कहा कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय इन परियोजनाओं के समय पर पूरा किए जाने को लेकर सप्रयास प्रतिबद्ध है, ताकि राज्य में आर्थिक विकास सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा कि अमरावती-अनंतपुर एक्सप्रेसवे के लिए भूमि अधिग्रहण हेतु राज्य सरकार ने भी पूर्ण सहयोग किया। उन्होंने अन्य परियोजनाओं के समय पर पूर्ण होने और टोल प्लाज़ा से जुड़े मुद्दों को हल करने तथा अधिग्रहीत भूमि का मुआवज़ा शीघ्र हस्तांतरित करने के लिए इसी तरह का सहयोग आगे भी जारी रखने का राज्य सरकार से अनुरोध किया।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 8,306 करोड़ रुपये की लागत से 637 किलोमीटर लंबी सड़क परियोजनाओं के 2020-21 में पूर्ण होने की संभावना है। इसमें 3850 करोड़ रुपये की लागत वाली 150 किलोमीटर की 8 परियोजनाएं एनएचएआई द्वारा जबकि 4456 करोड़ रुपये की लागत से 487 किलोमीटर लंबी सड़क परियोजनाएं ‘सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय’ द्वारा निर्मित की जा रही हैं। इसके अलावा 11,712 करोड़ रुपये की लागत से 535 किलोमीटर लंबी सड़क परियोजना पर काम का आवंटन चालू वित्त वर्ष में किया जाना है। इसमें 9071 करोड़ रुपये की लागत वाली 217 किलोमीटर की 4 परियोजनाएं एनएचएआई के अधीन जबकि 2641 करोड़ रुपये की 318 किलोमीटर लंबी 9 सड़क परियोजनाएं ‘सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय’ के अधीन निर्मित होंगी। इसके अतिरिक्त 34,133 करोड़ रुपये की लागत से 2371 किलोमीटर लंबी सड़क परियोजना डीपीआर चरण में है। इसमें 19,559 करोड़ रुपये की लागत वाली 713 किलोमीटर लंबी 10 सड़क परियोजनाओं का निर्माण एनएचएआई करेगा जबकि 7004 करोड़ रुपये की लागत वाली 404 किलोमीटर लंबी सड़क की 24 पीसी परियोजनाओं और 7570 करोड़ रुपये की लागत से 1254 किलोमीटर लंबी 20 सड़क परियोजनाओं का निर्माण ‘सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय’ द्वारा किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने राज्य द्वारा भेजे गए विभिन्न प्रस्तावों पर अपनी मंजूरी देने के लिए केंद्रीय मंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों का उन्नत विकास सुनिश्चित करने के लिए राज्य को केंद्र सरकार की निरंतर मदद की आवश्यकता है। उन्होंने राजग के पहले शासनकाल में स्वीकृत परियोनाओं के लिए आवंटन के प्रतीक्षारत होने को रेखांकित किया। उन्होंने राज्य में 8 सड़कों के निर्माण को प्राथमिकता देने का सुझाव दिया।
केंद्रीय राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) डॉ. वी. के. सिंह ने कहा कि आंध्र प्रदेश को एक सम्पन्न राज्य बनाने के लिए केंद्र सरकार ने ध्यान केन्द्रित किया है। उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश एक ऐसा राज्य है जहां से होकर बड़ी संख्या में सड़कें गुज़रती हैं। इन परियोजनाओं के विकास से राज्य में संपन्नता आएगी। उन्होंने इन परियोजनाओं में शामिल लोगों को बधाई दी। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री श्री जी किशन रेड्डी ने आशा व्यक्त की कि भविष्य में राज्य में और परियोजनाओं पर काम शुरू होगा जिससे आंध्र प्रदेश एक खुशहाल और सम्पन्न राज्य बनेगा।
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