मेरठ: डीएमए की पुरातन छात्र देविका सिरोही ने विश्व पटल पर इतिहास रचा है। देविका ने यूएसए में जी वायरस के संरचना की खोज की है। विश्व के सभी टीवी चैनलों पर देविका छाई हुई हैं। वह सबसे कम उम्र की वैज्ञानिक टीम की शोधार्थी हैं। देविका ने 31 मार्च 2016 को परडयू यूनिवर्सिटी लाफयिट यूएसए में शोध के अंतर्गत जी वायरस की खोज की है।
यह डेंगू की भांति बेहद खतरनाक और अजन्मे बच्चे के मस्तिष्क को हानि पहुंचाने वाला वायरस है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के भी वैश्विक स्तर पर जी वायरस को जनता के स्वास्थ्य के लिए आपातकाल घोषित किया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार यह प्राणघातक बीमारियों को उत्पन्न करने वाले मच्छरों से संबंधित है। इस उपलब्धि पर प्रधानाचार्य डॉ. ऋतु दीवान ने देविका को बधाई दी। देविका के पिता डॉ एसएस सिरोही और माता रीना सिरोही को आसपास के लोगों ने भी बधाई दी है।
गहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज उत्तर प्रदेश की उस शोध छात्रा को बधाई दी जो जिका वायरस की गुत्थी सफलतापूर्वक सुलक्षाने वाले अमेरिकी दल में शामिल है।
राजनाथ ने कहा कि मेरठ निवासी देविका सिरोही की उपलब्धि पर पूरे देश को गर्व है। उन्होंने कहा, देविका को बहुत बहुत बधाई जो जिका वायरस की गुत्थी सफलतापूर्वक सुलक्षाने वाले अमेरिकी दल का हिस्सा है। गहमंत्री ने कहा कि देविका ने न केवल अपने परिवार को, बल्कि पूरे देश को गौरवान्वित किया है।
उन्होंने कहा, देविका की उपलब्धि ने लड़कियों की पढ़ाई का महत्व बताया है। हमारा ध्यान बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ पर केंद्रित होना चाहिए। एक अमेरिकी विश्वविद्यालय की शोध छात्रा देविका उस सात सदस्यीय शोध दल की सबसे कम उम्र की सदस्य है जिसने पहली बार जिका वायरस की संरचना की गुत्थी सुलक्षाई है।
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