नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रीमंडल ने आज राष्ट्रीय जलविज्ञान परियोजना को
लागू करने की मंजूरी दे दी। यह केन्द्रीय परियोजना है और इसके लिए 3679.7674 करोड़ रुपए निर्धारित किए गए है। इसमें 3,640 करोड़ रुपए राष्ट्रीय जलविज्ञान परियोजना (एनएचपी) के लिए और 39,7674 करोड़ रुपए राष्ट्रीय जलसूचना केन्द्र (एनडब्ल्यूआईसी) के लिए रखा गया है। इसे दो चरणों में लागू किया जाएगा। एनडब्ल्यूआईसी जल संसाधन, नदी विकास तथा गंगा संरक्षण मंत्रालय के अंतर्गत स्वतंत्र संगठन होगा।
राष्ट्रीय जलविज्ञान परियोजना से जल-मौसम विज्ञान संबंधित डाटा एकत्रित करने में मदद मिलेगी और इसका वास्तविक समय के आधार पर विश्लेषण किया जाएगा। इसे राज्य/जिला/गांव स्तर पर देखा जा सकता है। यह परियोजना पूरे देश को कवर करेगी, पहले की जलविज्ञान परियोजनाएं केवल 13 राज्यों को कवर करती थीं।
प्रस्ताव के निम्नलिखित अंग हैः-
क.) यथावत जल-मौसम निगरानी प्रणाली तथा जल-मौसम डाटा अधिग्रहण प्रणाली।
ख.) राष्ट्रीय जल सूचना केन्द्र की स्थापना।
ग.) जल संसाधन संचालन तथा प्रबंधन प्रणाली।
घ.) जल संसाधन संस्थान तथा क्षमता सृजन।
कुल आवंटन में से 50 प्रतिशत राशि यानी 1839.8837 करोड़ रुपए विश्व बैंक से ऋण के रूप में मिलेगा, जिसका पुनः भुगतान केन्द्र सरकार करेगी। शेष 50 प्रतिशत राशि यानी 1839.8837 करोड़ रुपए बजटीय समर्थन से केन्द्रीय सहायता के रूप में मिलेगी।
विश्व बैंक की ऋण राशि तथा राज्यों और केन्द्रीय संगठनों को मिलने वाली केन्द्रीय सहायता अनुदान के रूप में दी जाएगी।