अलीगढ़: अलीगढ़ के चिकित्सकीय इतिहास में संभवत: पहली बार एक मृत व्यक्ति के अंश से जीवन की उत्पत्ति की गई है। एक व्यक्ति के मरने के बाद उसके प्रिजर्व्ड स्पर्म से सेरोगेट मदर टेस्ट ट्यूब बेबी विधि से दो कन्याओं का जन्म हुआ है। यह शानदार उपलब्धि बेलामार्ग स्थित जीवन हॉस्पिटल एंड टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर ने दर्ज की है।
यहां पर गौर करने वाली बात यह है कि जिस घर में यह दो कन्याएं आई हैं उस घर का मुखिया अपने दोनों अविवाहित बेटों को खो चुका है। उनकी वीरान जिंदगी में यह दोनों बेटियां जीवन की उम्मीद बनकर आई हैं। इस तरह जीवन हॉस्पिटल ने दो कन्याओं को नहीं बल्कि पूरे परिवार को जीवन दिया है।
हाथरस निवासी विनय कुमार एवं नीता सिंह (परिवर्तित नाम) के दो पुत्र थे। बड़ा बेटा राजीव (परिवर्तित नाम) बीटेक करने के बाद गुड़गांव में जॉब कर रहा था, जहां उसकी सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गयी। छोटा बेटा अरुण (परिवर्तित नाम) जो पढ़ाई कर रहा था, उसको ब्लड कैंसर हो गया, जिसमें कीमोथैरेपी की सलाह दी गयी।
चिकित्सकों का कहना था कि कैंसर थैरेपी के बाद अरुण के अंडकोष खराब हो जायेंगे और वह पिता बनने की क्षमता खो देगा। इसलिये उसका वीर्य कैंसर थैरेपी पूरा होने से पहले ही प्रिजर्व कर लिया गया। इससे वह बाद में टेस्ट ट्यूब बेबी विधि के द्वारा पिता बन सके। दुर्भाग्यवश इलाज के दौरान अरुण की असमय मृत्यु हो गयी।
पूरी तरह टूटे हुए उसके माता-पिता ने डॉ. जयंत शर्मा व डॉ. दिव्या चौधरी (जीवन हास्पिटल एंड टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर) से संपर्क किया। जीवन हास्पिटल के चिकित्सकों के प्रयास से इस मरणोपरांत व्यक्ति के प्रिजर्व्ड स्पर्म में से शुक्राणु अलग किये गये और एक सेरोगेट मदर के अंदर भ्रूण बना कर प्रत्यारोपित किये गये।
9 अप्रैल का दिन अपने दोनों बेटों को खो चुके पिता के लिए खुशियां लेकर आया। अस्पताल में डॉ. दिव्या चौधरी और डॉ. जयंत शर्मा की टीम ने सीजेरियन ऑपरेशन कर दो स्वस्थ बेटियों को जन्म दिलाया। एक बेटी का वजन 2 किलो 900 ग्राम और दूसरी बेटी का वजन 2 किलो 500 ग्राम है।
साभार अमर उजाला