नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी), भारत और नेशनल नारकोटिक्स बोर्ड (बीएनएन), इंडोनेशिया के बीच17 दिसम्बर, 2020 को चौथी द्विपक्षीय संयुक्त कार्यकारी समूह (जेडब्लूजी) बैठक आयोजित की गई। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व गृह मंत्रालय, भारत सरकार के नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के महानिदेशक श्री राकेश अस्थाना ने किया तथा इंडोनेशियाई प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व इंडोनेशिया के नेशनल नारकोटिक्स बोर्ड के कानूनी मामलों और सहयोग के उप-प्रमुख श्री पूजी सरवोनो ने किया।
एनसीबीके महानिदेशक श्री राकेश अस्थाना ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के बीच इस वर्चुअल बैठक के संचालन के लिए इंडोनेशिया सरकार और इंडोनेशिया के बीएनएनप्रमुख का आभार व्यक्त किया। एनसीबीके महानिदेशक ने देश में विशेष रूप से हेरोइन और एमफेटामाइन के तरह की उत्तेजना बढाने वाली दवाओं (एटीएस) के मुद्दों को उजागर किया,जिनकी तस्करीगोल्डन ट्राइएंगल से भूमि और समुद्री मार्गों के माध्यम से की जाती है। उन्होंने बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर से होकर ड्रग्स की तस्करी की नई उभरती चुनौती को भी रेखांकित किया। एनसीबी के डीजीने नए साइकोएक्टिव पदार्थों के उत्पादन और तस्करी में उभरते रुझानों और डार्कनेट बाजारों के उपयोग का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि कूरियर और पार्सल के माध्यम से तस्करी में अचानक आयी तेजी को नियंत्रित करने में कोविड-19 की वजह से नई चुनौतियां सामने आयीं हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार,नशीले पदार्थों की तस्करी से निपटने में इंडोनेशिया के साथ समन्वय तथा सहयोग के मौजूदा तंत्र को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।
बीएनएन, इंडोनेशिया के कानूनी मामलों और सहयोग के उप-प्रमुख श्री पूजी सरवोनो ने इंडोनेशिया में मेथमफेटामाइन की तस्करी के बढ़ते खतरे को विस्तार से बताया, जो इस क्षेत्र में गंभीर चिंता का विषय बन गया है। पिछले कुछ वर्षों में इंडोनेशिया और भारत के बीच सहयोग तंत्र मज़बूत हुआ है। उन्होंने भारत से हर स्तर पर नशीली दवाओं की तस्करी और तस्करी-पूर्व की गतिविधियों के बारे में लगातार सूचना आदान-प्रदान के लिए एक तंत्रको विकसित करने का आग्रह किया। नशीली दवाओं के बढ़ते खतरे से निपटने के निरंतर प्रयासों के लिए उन्होंने भारत सरकार और एनसीबी की सराहना की।
दोनों देशों ने नशीली दवाओं के जब्ती मामलों, नए साइकोएक्टिव पदार्थ (एनपीएस) और उनके शुरुआती तत्वों के सन्दर्भ में अनुवर्ती जांच के लिए समयबद्ध तरीके से खुफिया जानकारी के आदान-प्रदान पर सहमति व्यक्त की। इंडोनेशिया-भारत सीमाओं पर अवैध नशीली दवा तस्करी के अवैध प्रवेश और निकास स्थलों और नशीले पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए इस्तेमाल की जा रही तकनीक के बारे में जानकारी का आदान-प्रदान करने का भी निर्णय लिया गया।
रचनात्मक और सार्थक चर्चा के लिए धन्यवाद के आदान-प्रदान के साथ बैठक संपन्न हुई।बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि 5वीं भारत–इंडोनेशिया द्विपक्षीय संयुक्त कार्यकारी समूह (जेडब्लूजी) बैठक 2021 में भारत मेंआयोजित कर जायेगी।