केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आज आभासी माध्यम से कर्नाटक में 33 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं में 10,904 करोड़ रुपये की लागत वाली 1197 किलोमीटर लंबी सड़कें शामिल हैं। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री श्री वाई. एस. येदियुरप्पा ने की और इसमें पूर्व प्रधानमंत्री श्री एच. डी. देवेगौड़ा, केंद्रीय मंत्रियों श्री प्रहलाद जोशी, श्री सदानंद गौड़ा, जनरल डॉ. वी. के. सिंह, राज्य सरकार के कई मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
इस अवसर पर बोलते हुए, श्री गडकरी ने बताया कि पिछले छह वर्षों के दौरान कर्नाटक से गुजरने वाले राजमार्गों की लंबाई में 900 किलोमीटर से अधिक की बढ़ोतरी की गई है, और अब यह लंबाई 7652 किलोमीटर हो गयी है। उन्होंने कहा किकुल 37,311 करोड़ रुपये की लागत से 2,384 किलोमीटर की लंबाई वाले 71 कार्य प्रगति पर हैं। इनमें से, 12,286 करोड़ रुपये की लागत से 1,127 किलोमीटर की लंबाई वाले 26 कार्यों में 70% से अधिक प्रगति हो चुकी है। उन्होंने कहा कि 25,025 करोड़ रुपये की लागत से 1257 किलोमीटर की लंबाई वाले शेष 45 कार्यों में 70% तक प्रगति हासिल की गई है।
केन्द्रीय मंत्री ने आगे कहा कि व्यापार और अर्थव्यवस्था के हित में बंदरगाहों तक सुगम संपर्क प्रदान करने के लिए 3443 करोड़ रुपये की लागत से बंदरगाह शहर बेलेकेरी, कारवार और मैंगलोर को जोड़ते हुए गोवा की सीमा से लेकर केरल की सीमा तक 278 किलोमीटर लंबे तटीय मार्ग को 4-लेन वाला बनाने का काम हाथ में लिया गया है और यह काम काफी हद तक पूरा हो चुका है। इसके अलावा सड़क का इस्तेमाल करने वाले लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर, एनएच -75 पर शिराडी घाट,एनएच -73 पर चारमडी घाट और एनएच -275 पर संपाजे घाट के पहाड़ी ढलानों पर सुरक्षा उपायों में सुधार के 3 कार्यों के लिए 115 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है।
श्री गडकरी ने आगे बताया कि केन्द्र सरकार आने वाले वर्षों में कर्नाटक में लगभग 1,16,144 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2019-21 के दौरान राज्य को 5083 करोड़ रुपये की लागत से 275 किलोमीटर की लंबाई वाली 11 सड़क परियोजनाएं प्रदान की गई हैं।
केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि राज्य के लिए अब तक 8,330 करोड़ रुपये की लागत वाले सीआरएफ कार्यों को मंजूरी दी गई है। इस वर्ष का वार्षिक आवंटन (अक्रूअल)435 करोड़ रुपये है, जबकि इस वर्ष के दौरान कुल 217 करोड़ रुपये की राशि जारी (रिलीज)हुई है। श्री गडकरी ने सीआरएफ के तहत इस वर्ष की शेष 218 करोड़ रुपये की राशि जारी करने की घोषणा की।
श्री गडकरी ने देश के सबसे बड़े गन्ना उत्पादक राज्यों में से एक होने के नाते कर्नाटक से इथनॉल का व्यापक पैमाने पर उत्पादन करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि देश पहले ही चीनी और चावल का अत्यधिक उत्पादन कर रहा है और सरकार के पास इन फसलों का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है। इस अधिशेष को इथनॉल में परिवर्तित किया जा सकता है, जिसका उपयोग वाहनों के वैकल्पिक ईंधन के रूप में किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इससे न केवल किसानों की आय में सुधार होगा, बल्कि यह देश के लिए ईंधन का एक स्वदेशी स्रोत होगा।
पूर्व प्रधानमंत्री श्री एच. डी. देवेगौड़ा ने राज्य में सड़कों के नेटवर्क के विकास में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि नई तकनीक ने विकास के परिदृश्य को पूरी तरह से बदल दिया है। उन्होंने कहा कि आज हम जो कुछ देख रहे हैं, वह अविश्वसनीय है।
मुख्यमंत्री श्री येदियुरप्पा ने केन्द्रीय मंत्री द्वारा दिए गए सभी सुझावों को आगे बढ़ाने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार राज्य के विकास और यहां के लोगों की जीवन शैली के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि वो अपनी सरकार के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए केन्द्र के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री श्री सदानंद गौड़ा ने पिछले 6 वर्षों के दौरान केन्द्र द्वारा कर्नाटक में किए गए विभिन्न विकास कार्यों के बारे में एक एक करके बताया। उन्होंने गोवा से तिरुवनंतपुरम तक तटीय सड़क नेटवर्क की योजना के लिए श्री गडकरी की सराहना की। केंद्रीय मंत्री श्री प्रह्लाद जोशी ने भी राष्ट्रीय राजमार्ग के क्षेत्र में विकास के प्रयासों की सराहना की और कहा किसड़क संपर्क अब भोजन, कपड़ा और आश्रय की तरह एक बुनियादी जरुरत है।
श्री मल्लिकार्जुन खड़गे, सांसद और लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के संसदीय दल के पूर्व नेता, ने भी श्री नितिन गडकरी को विकास समर्थक बताते हुए उनके सहयोगी स्वभाव की प्रशंसा की। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री से राज्य में सभी परियोजनाओं के लिए सीआरएफ राशि को समान रूप से जारी करने का अनुरोध किया।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री जनरल डॉ. वी. के. सिंह ने कहा कि आज जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया जा रहा है, वे कर्नाटक क्षेत्र के प्रमुख शहरों के बीच बेहतर संपर्क कायम करेंगे। अंतरराज्यीय संपर्क तेज और परेशानी मुक्त होगी। इनका कृषि, मत्स्यपालन और स्वास्थ्य के क्षेत्रों पर परिवर्तनकारी प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं का उद्देश्य तेज विकास और यात्रियों एवं कार्गो की सुरक्षित आवाजाही के साथ आर्थिक गलियारों, तटीय और दूरदराज के क्षेत्रों को बेहतर बनाना है। इसके अलावा, एनएच-66 के विकास से राज्य के आर्थिक संबंध को बढ़ावा और बंदरगाहों तक संपर्क प्रदान करने के लिए एक लिंक मिलेगा।