लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देकर अनेक उल्लेखनीय कार्य किये जा रहे हैं और बहुत ही सार्थक व उत्साहजनक उपलब्धियां हासिल की गई हैं। भारी संख्या में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना कराकर अधिक से अधिक लोगों को रोजगार दिया जा रहा है ।
उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट-2018 में खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर के उद्यमियों द्वारा 284 एम० ओ० यू० हस्ताक्षरित करते हुए उद्योगों की स्थापना के लिए रु० 15182.54 करोड़ के पूंजी निवेश की अभिरूचि व्यक्त की गई है, जिसमें से 164 उद्यमियों द्वारा प्रदेश में पूंजी निवेश प्रारंभ कर दिया गया है, इनमें से 123 व्यवसायिक उत्पादन भी शुरू कर दिया है। 11 व्यवसायिक उत्पादन हेतु तैयार हो चुकी है और 30 में निर्माण कार्य चल रहा है।
प्रथम ग्राउंड बेकिंग समारोह के पश्चात 14 एम0 ओ0यू0 में से 13 इकाइयों ने व्यवसायिक उत्पादन प्रारंभ कर दिया है, जिसमें लगभग रु० 3524.57 करोड़ का पूंजी निवेश हुआ है। इसमें लगभग 28 हजार लोगों को प्रत्यक्ष एवं 88 हजार लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार प्राप्त हो रहा है। द्वितीय ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह में ज्योति ग्राउंड दीवारों में खाद्य प्रसंस्करण की 42 परियोजनाओं में से 27 में व्यवसायिक उत्पादन प्रारंभ कर दिया है। जिनमे रू०3064.55 करोड़ का पूंजी निवेश हुआ है और कुल पूंजी निवेश रु० 3565.03 करोड़ प्रस्तावित है, इससे लगभग 25 हजार प्रत्यक्ष एवं 76 हजार अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित हुए हैं।
एम०ओ० यू० के तृतीय चरण में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना की 225 इकाइयां है, जिनके रु० 11209.16 करोड का पूंजी निवेश प्रस्तावित है, इनमें से 83 ने व्यवसायिक उत्पादन प्रारंभ कर दिया है। 8व्यावसायिक उत्पादन हेतु तैयार हैं और 22 मे निर्माण कार्य चल रहा है। इसमें लगभग 89 हजार प्रत्यक्ष एवं 280 हजार अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित हो रहा है।
प्रदेश सरकार के प्रयासों से भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना के अंतर्गत 45 परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गई है। परियोजना प्रस्तावों के माध्यम से प्रदेश में लगभग रु० 1054.77 करोड़ का निवेश किया जा रहा है, जिनमें 01 लाख से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार प्राप्त होगा तथा प्रदेश के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को अधिकतम अवस्थापना सुविधाएं प्राप्त हो सकेंगी।