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राज्य सरकार की मंशा है कि गरीब का आवास उसके नाम पर हो: सीएम

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत 21,562 लाभार्थियों को आवास निर्माण की कुल लागत 260.65 करोड़ रुपये के सापेक्ष प्रथम किस्त की धनराशि 87 करोड़ रुपये का आॅनलाइन हस्तान्तरण किया। इस अवसर पर वर्चुअल माध्यम से आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आवास सभी की बुनियादी जरूरत है। इस बात को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना लागू की गई। इसके तहत देश में बड़ी संख्या में गरीबों और वंचितों को लाभ मिला। उत्तर प्रदेश में लगभग 30 लाख गरीब परिवार पिछले 03 वर्ष के दौरान इस योजना के तहत लाभान्वित हुए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभ से वंचित गरीब परिवारों की मदद के लिए मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) लागू की गई है। प्रदेष सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था की उन्नति एवं ग्रामीण जनता के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण समाज का ऐसा वर्ग, जो लम्बे समय से उपेक्षित रहा तथा समाज की मुख्य धारा से अलग था, उसे मुुख्य धारा से जोड़ने का निरन्तर प्रयास किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) प्रदेष सरकार की अत्यन्त महत्वाकांक्षी योजना है। इसके तहत ऐसे ग्रामीण परिवार जो दैवीय आपदा, कालाजार, जे0ई/ए0ई0एस0, कुष्ठ रोग से प्रभावित हैं तथा आवासविहीन हंै, वनटांगिया एवं मुसहर वर्ग के परिवार, जिनके पास आवास नहीं है और जिनका सेक-सूची में नाम न होने से प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) का लाभ नहीं मिल पा रहा, को शामिल किया गया है। इन्हें लाभान्वित करने के दृष्टिगत ही प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) फरवरी, 2018 से आरम्भ की गयी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस योजना के तहत अब तक कुल 72,302 परिवारों को इस योजना से आच्छादित किया जा चुका है। आज बड़ी संख्या में ऐसे परिवार इस योजना का लाभ उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत नक्सल प्रभावित जनपदों सोनभद्र, चन्दौली एवं मीरजापुर में प्रति आवास 1.30 लाख रुपए एवं शेष जनपदों में 1.20 लाख रुपए की धनराषि सीधे लाभार्थी के खाते में पी0एफ0एम0एस0 के माध्यम से ट्रांसफर की जाती है। आवास निर्माण की धनराषि के अतिरिक्त, शौचालय निर्माण के लिए 12,000 रुपए की धनराषि स्वच्छ भारत मिषन/मनरेगा से उपलब्ध करायी जाती है। इसके अतिरिक्त, मनरेगा योजना से प्रति आवास लाभार्थी को 90 से 95 दिन का रोजगार उपलब्ध कराया जाता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस योजना के लाभार्थी को सौभाग्य योजना के अन्तर्गत निःषुल्क विद्युत कनेक्षन एवं प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्षन भी प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराए जाते हैं। मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत लाभार्थी द्वारा स्वयं 25 वर्ग मीटर के क्षेत्रफल में आवास निर्माण कराना होता है। लाभार्थी के खाते में धनराषि तीन किस्तों-क्रमषः 40 हजार रुपए, 70 हजार रुपए एवं 10 हजार रुपए प्रेषित की जाती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में आज के इस कार्यक्रम के माध्यम से मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लाभार्थियों को प्रथम किस्त की धनराशि के आॅनलाइन अन्तरण से 21,562 परिवारों को लाभान्वित किया गया है। उन्हें इसके तहत आवास निर्माण की कुल धनराषि 260.65 करोड़ रुपए में से, प्रथम किस्त की 87 करोड़ रुपए की धनराशि आॅनलाइन अन्तरित की गयी है। आज लाभान्वित किए गए लाभार्थियों में दैवीय आपदा के 10 हजार 555, कालाजार से प्रभावित 29, जे0ई0/ए0ई0एस0 से प्रभावित 107, कुष्ठ रोग से प्रभावित 877, वनटांगिया वर्ग के 177 तथा मुसहर वर्ग के 9,817 परिवार सम्मिलित हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2018-19 में 16,700 एवं वर्ष 2019-20 में 34,040 आवासविहीन परिवार, इस प्रकार कुल 50,740 आवासविहीन परिवारों को इस योजना से लाभान्वित करते हुए 630.60 करोड़ रुपए की धनराषि व्यय की गयी है। अब तक इस योजना में मुसहर वर्ग को 28,295 आवास, वनटांगिया वर्ग को 4,602 आवास, कालाजार से प्रभावित परिवार को 155 आवास, जे0ई0 से प्रभावित परिवार को 266 आवास, ए0ई0एस0 से प्रभावित परिवार को 272 आवास, प्राकृतिक आपदा से प्रभावित 15,035 परिवारों तथा कुष्ठ रोग से प्रभावित 2,115 परिवारों को आवास आवंटित किए गए। गत वर्ष तक सामान्य श्रेणी के 16 हजार 981, अनुसूचित जाति के 33 हजार 500 एवं अनुसूचित जनजाति के परिवारों को 259 आवास आवंटित किए गए। इस प्रकार अब तक कुल 50,740 परिवार लाभान्वित हुए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कार्यक्रम के दौरान वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारियों को इस योजना के अन्तर्गत लाभान्वित होने वाले परिवारों को सभी लाभार्थीपरक योजनाओं, जिनमें उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत योजना, सौभाग्य योजना, स्वरोजगार के कार्यक्रमों (डेयरी, मुर्गी, बकरी पालन) इत्यादि शामिल हैं, से लाभान्वित करने के भी निर्देश दिए। स्वरोजगार के लिए लाभार्थी को ऋण दिलवाने के लिए बैंकर्स को प्रेरित किया जाए। उन्होंने जिन लाभार्थियों को उज्ज्वला योजना का लाभ नहीं मिल पाया है, उन्हें कुकिंग गैस कनेक्शन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। साथ ही, सभी लाभार्थियों को आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज के लिए कार्ड उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जो लोग इस योजना के पात्र हैं, वे विकट परिस्थितियों में रहते हैं। इन्हें कुपोषण से बचाने के लिए एक-एक स्वस्थ गोवंश दिया जाए। राज्य सरकार निराश्रित गोवंश को पालने वालों को 900 रुपए प्रति गोवंश प्रति माह की सहायता प्रदान करती है। शर्त यह है कि गोपालक इनकी पूरी देखरेख करे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्थानीय प्रशासन यह सुनिश्चित करे कि आवास निर्माण के लिए अंतरित की गई धनराशि अपने उद्देश्य की पूर्ति के लिए ही खर्च की जाए। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन यह भी सुनिश्चित करे कि गरीबों को मकान बनाने के लिए आवश्यक सामग्री जैसे सरिया, गिट्टी, बालू, मौरंग, ईंट इत्यादि उचित दाम पर उपलब्ध हो। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को गरीबों को आवास निर्माण के लिए आवश्यक भूमि का पट्टा शीघ्र उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की मंशा है कि गरीब का आवास उसके नाम पर हो। उन्होंने पट्टा आवंटन में इस बात का ध्यान रखने के निर्देश दिए कि भूमि आरक्षित श्रेणी की न हो। उन्होंने लाभार्थियों को अपने आवास में शौचालय निर्माण के लिए भी प्रेरित किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने सभी लाभार्थियों से अंतरित की जा रही धनराशि का उपयोग आवास निर्माण में ही करने का भी आग्रह किया।
मुख्यमंत्री जी ने इस योजना के 10 लाभार्थियों से वर्चुअल वार्ता कर उन्हें आवास पाने पर बधाई दी। इनमें श्रीमती प्रेमा (अयोध्या), श्रीमती सोनी (आजमगढ़), श्रीमती संगीता (कुशीनगर), श्रीमती आशा (जौनपुर), श्री अछेबर (गोरखपुर), श्रीमती अंशू देवी (रायबरेली), श्री बरई (सोनभद्र), श्रीमती मीरा देवी (वाराणसी), श्री त्रिवेणी (प्रतापगढ़) तथा श्रीमती मुनरी देवी (मीरजापुर) शामिल थे।
कार्यक्रम को ग्राम्य विकास मंत्री श्री राजेन्द्र प्रताप सिंह ‘मोती सिंह’ तथा ग्राम्य विकास राज्य मंत्री श्री आनन्द स्वरूप शुक्ल ने भी सम्बोधित किया।

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