16.4 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

जीवन की वास्तविकता ………..

सम्पादकीय

हमारे एक मित्र ने कहा,” आज इंसान चाँद और मंगल पर जा पहुँचा है। सोचता हूँ, आखिर ! दुनिया में सबसे कठिन कार्य क्या होगा ? ऐसा जो इंसान की हद से बाहर हो । यानि कि इंसान के जीवन का असम्भव कार्य क्या है? तुम कुछ बोलो इस सम्बंध में ?

हमने कहा,” हाँ, वैसे तुमने ठीक कहा। कि इंसान चाँद, मंगल तक पहुँच गया है। वो दुनिया का बड़े से बड़ा कार्य कर सकता है। उसने ऐवरेस्ट चोटी फतह की। उसने जंगी जहाज समुद्र में चलाये। हवा में उड़ने की काबिलियत दुनिया को दिखायी। उसने हर असम्भव को सम्भव करने में अपनी दिमागी शक्ति झोंक डाली है। पर एक कार्य है ऐसा जो इंसान करने में खुद को असहज महसूस करता है।

वो कार्य है खुद की बुराई करना।

खुद की गलती महसूस करके उसको प्रकट कर देना। ऐसा कई बार होता है कि हम गलत सिद्ध होते हुए भी ढ़ेरों झूठ बोलकर अपनी गलती छिपा लेते हैं। हम कभी इतनी हिम्मत ही नहीं बटाेर पाते कि खुद की गलती उजागर कर सके। खुद की बुराई और गलती दुनिया के सामने उजागर करना दुनिया का असम्भव कार्य है। मित्र ने पूछा,” आखिर! कौन कर सकता है यह कार्य? यह कार्य एक सुलझा हुआ इंसान कर सकता है।

मित्र,” सुलझा इंसान?”

हमने कहा,” हाँ, सुलझा इंसान जो ना तो आस्तिक होता है और ना नास्तिक होता है। वो जीवन में वास्तविक होता है। इसलिये इंसान को इंसान ही रहना कम होगा। उसको जीवन में वास्तविक इंसान बनना होगा।

हम दोनो एक ही बात पर पहुँचे कि आज वास्तविक होना बहुत कठिन है।

आज वास्तविक होना असम्भव है। यही जीवन की वास्तविकता भी है।

akanksha

ब्लागिष्ट

आकांक्षा सक्सेना

जिला – औरैया

उत्तर प्रदेश

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More