एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और भारत सरकार ने परियोजना तैयारी वित्तपोषण (पीआरएफ) के लिए 30 दिसंबर 2020 को 10 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए। इससे प्रायोगिक गतिविधियों के साथ-साथ एक ऐसी आगामी परियोजना तैयार करने और क्षमता निर्माण के लिए धनराशि की व्यवस्था करने में मदद मिलेगी जिसका लक्ष्य पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में बागवानी उत्पादन का विस्तार करना और कृषि पारिवार आय में वृद्धि करना है।
‘हिमाचल प्रदेश उप उष्णकटिबंधीय बागवानी, सिंचाई और मूल्य वर्धन तैयारी परियोजना के लिए पीआरएफ’ पर भारत सरकार की ओर से वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग में अपर सचिव डॉ. सी. एस. मोहापात्रा, और एडीबी की ओर से एडीबी के भारत निवासी मिशन के प्रभारी-अधिकारी श्री होई यून जियोंग ने हस्ताक्षर किए।
ऋण समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद डॉ. मोहापात्रा ने कहा कि पीआरएफ परियोजना के तहत विस्तृत डिजाइन गतिविधियों के जरिए परियोजना तैयारी का उच्च स्तर हासिल करने, राज्य स्तरीय एजेंसियों के क्षमता निर्माण, और राज्य में उप-उष्णकटिबंधीय बागवानी विकास के लिए अनुकूल माहौल बनाने हेतु अग्रिम कार्यों के लिए आवश्यक सहायता प्रदान की जाएगी।
श्री जियोंग ने कहा, ‘पीआरएफ परियोजना का उद्देश्य नई उत्पादन प्रौद्योगिकियों और विपणन प्रणालियों के पूर्व परीक्षण के साथ कार्यान्वयन संबंधी तैयारी सुनिश्चित करना है, जिससे कि आगामी परियोजना किफायती हो और कृषि लाभप्रदता बढ़ाने के लिए इसे समय पर पूरा किया जा सके।’
पीआरएफ द्वारा डिजाइन की जाने वाली आगामी परियोजना के तहत इस राज्य के उस दक्षिणी क्षेत्र में फलों और सब्जियों की खेती सहित उप-उष्णकटिबंधीय बागवानी के विकास के लिए आवश्यक सहायता प्रदान की जाएगी जो बारहमासी जल स्रोतों तक सीमित पहुंच, जंगली जानवरों की वजह से फसलों को नुकसान होने और ज्यादा मूल्य देने वाले बाजारों तक सीमित पहुंच होने के कारण वर्तमान में पिछड़ रहा है।
पीआरएफ परियोजना के तहत सहायता प्राप्त विभिन्न प्रायोगिक गतिविधियों में जल निकासी, वितरण एवं भंडारण के लिए 16 सिंचाई योजनाओं की स्थापना या पुनर्वास; चयनित फलों के अत्यधिक घनत्व वाले उत्पादन के लिए 17 उप-उष्णकटिबंधीय बागवानी भूखंडों को विकसित करना; पशुओं के हमले से फसलों को बचाने के लिए बागवानी भूखंडों पर बाड़ लगाना; और सामुदायिक बागवानी उत्पादन एवं विपणन संघ बनाना शामिल हैं, ताकि कारोबार व विपणन के लिए उनकी क्षमताओं का निर्माण किया जा सके।
हिमाचल प्रदेश के 7 जिलों में लागू होने वाली आगामी परियोजना के तहत बाद में इन प्रायोगिक गतिविधियों का और भी अधिक विस्तार किया जाएगा। पीआरएफ के तहत बाकायदा पूरी हो चुकी सिंचाई योजनाओं पर जल उपयोगकर्ता संघ (डब्ल्यूयूए) बनाने और महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए आवश्यक सहायता दी जाएगी।
एडीबी अत्यधिक गरीबी को मिटाने के अपने प्रयासों को जारी रखते हुए एक समृद्ध, समावेशी, सुदृढ़ एवं सतत एशिया-प्रशांत क्षेत्र को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। वर्ष 1966 में स्थापित एडीबी में कुल 68 सदस्य देश हैं जिनमें से 49 सदस्य देश एशिया-प्रशांत क्षेत्र के ही हैं।